ETV Bharat / state

यूपी का ये किसान 50 लाख रुपए से पक्षियों के लिए लगा रहा 3 बीघे में बगीचा, पहले 60 फीट ऊंचा और 512 फ्लैट वाला टावर बना चुका - ALIGARH 60 FEET TALL BIRDHOUSE

फ्लैट्स का निर्माण गुजरात के मोरबी शहर से मंगवाए राजस्थानी पत्थर और पतले टाइल्स से किया गया है, जिसे राजस्थानी कारीगरों ने बनाया.

ETV Bharat
पक्षियों के लिए महल के बाद अब 50 लाख का बगिया बनाएगा ये अलीगढ़ का किसान (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 13, 2025 at 5:20 PM IST

Updated : June 13, 2025 at 6:11 PM IST

5 Min Read

अलीगढ़ : आज के समय में जहां लोग अपने और अपने परिवार खाने-पीने रहने और सैर-सपाटा के लिए कमाई का सारा पैसा खर्च कर रहे हैं. वहीं, अलीगढ़ के एक किसान ने बेजुबान पक्षियों के लिए सोचा, जिनके घरों को लोग पेड़-पौधों को काट कर उजाड़ रहे हैं. पहले पक्षियों के रहने के लिए पहले तो आलीशान बिल्डिंग बनवाई थी और अब 3 बीघे जमीन में बेजुबानों के लिए बाग-बगीचा तैयार करवा रहे हैं.

60 फीट ऊंचा, 512 फ्लैट वाला पक्षीघर : जिले के छोटे से गांव दुमेड़ी के रामनिवास शर्मा और देवकीनंदन शर्मा ने अपने स्व. माता-पिता द्वारका प्रसाद शर्मा और शांति देवी की स्मृति में पक्षीघर बनवाया है. वर्ष 2021 में 30 से अधिक दिनों की मेहनत और 7 लाख रुपये की लागत से पूरा हुआ था. पूरा परिवार, विशेष रूप से भाई रामहरि शर्मा और मुनेश शर्मा ने इस कार्य में सहयोग किया. गांव दुमेड़ी में चकरोड किनारे खेत में करीब 20 फीट वर्गाकार क्षेत्र में 60 फीट ऊंचा पक्षीघर खड़ा है, जिसमें 512 छोटे-छोटे फ्लैट्स बनाए गए हैं. प्रत्येक फ्लैट में करीब 10 पक्षी आराम से रह सकते हैं. यानी एक साथ लगभग 5,000 से अधिक पक्षियों को आश्रय देने की क्षमता वाला यह पक्षीघर अनोखी सोच और जीव प्रेम का प्रतीक बन चुका है.

रामनिवास शर्मा, मालिक पक्षीघर (किसान) (Video Credit; ETV Bharat)


ये है पक्षीघर की खास बात : इस पक्षीघर की खास बात यह है कि इसमें तापमान नियंत्रण का प्राकृतिक इंतज़ाम है. गर्मियों में फ्लैट्स ठंडे रहते हैं, जबकि सर्दियों में यह गर्मी बनाए रखते हैं, जिससे पक्षियों को हर मौसम में आरामदायक आश्रय मिलता है. इन फ्लैट्स का निर्माण लकड़ी या लोहे से नहीं, बल्कि गुजरात के मोरबी शहर से मंगवाए गए विशेष राजस्थानी पत्थर और पत्थरों के पतले टाइल्स से किया गया है. जिसे राजस्थान के कारीगरों की मदद से तैयार किया गया है.

3 बीघे में पक्षियों के लिए बन रहा बगीचा : रामनिवास शर्मा के भाई देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि वे एक नया पक्षी उद्यान विकसित करने जा रहे हैं. इसके तहत गांव के पास स्थित उनकी 3 बीघा ज़मीन को पूरी तरह पेड़ों और पौधों से ढंका जाएगा, ताकि पक्षी वहां भोजन प्राप्त कर सकें, विश्राम कर सकें और प्राकृतिक वातावरण में स्वतंत्र रूप से उड़ान भर सकें. उन्होंने बताया कि ज़मीन जिसकी बाजार में कीमत लगभग 45 लाख रुपए है. पौधारोपण के लिए 5 लाख रुपये अलग से खर्च किए जाएंगे.

ETV Bharat
पक्षियों का फ्लैट (Photo Credit; ETV Bharat)

बगीचा लगाने के पीछे की कहानी : रामनिवास शर्मा बताते हैं कि पहले उनके पास एक विशाल बाग था, जिसमें सैकड़ों पक्षियों का बसेरा था. लेकिन समय के साथ बाग की कटाई हो गई और वहां के पक्षी बेघर हो गए. तब उन्होंने तय किया कि इन बेघर पक्षियों को एक नया घर दिया जाएगा, एक ऐसा घर जो न सिर्फ सुरक्षित हो बल्कि प्राकृतिक रूप से उनके अनुकूल भी हो.

प्रेरणा बना यह पक्षीघर ग्रामीणों में दिखा उत्साह : गांव दुमेड़ी ही नहीं, बल्कि आस-पास के तमाम गांवों से लोग इस पक्षीघर को देखने आते हैं. स्थानीय निवासी बताते हैं कि जब वे सुबह इस पक्षीघर में दाना डालने आते हैं, तो उन्हें एक अलग ही मानसिक शांति मिलती है. लोगों की मांग है कि ऐसे पक्षीघर अन्य गांवों में भी बनाए जाएं ताकि पक्षियों को सुरक्षित और प्राकृतिक वातावरण में रहने का अवसर मिल सके. वहीं बच्चों और युवाओं को भी इससे पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम व जिम्मेदारी का बोध हो रहा है.

पर्यावरण संतुलन की दिशा में नई पहल : वर्तमान समय में जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और शहरीकरण के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास समाप्त हो रहे हैं, ऐसे समय में इस पक्षीघर की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है. वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, जहां पक्षियों की उपस्थिति अधिक होती है वहां का वायुमंडलीय संतुलन बेहतर बना रहता है. पक्षी न केवल कीट नियंत्रण में मदद करते हैं, बल्कि पौधों के परागण और बीज फैलाने में भी सहायक होते हैं.

ग्रामीणों ने भी इस पक्षी घर की तारीफ करते हुए कहा, जब से यह पक्षी घर बना है. इस पक्षी घर में हजारों की संख्या में पक्षी रहते हैं. पक्षियों के पानी पीने के लिए नल भी लगा है. इस पक्षीघर से यह भी स्पष्ट होता है कि बिना किसी सरकारी सहयोग या योजना के भी कोई व्यक्ति जब ठान ले, तो प्रकृति और जीवों की भलाई के लिए बड़े बदलाव ला सकता है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ के नीम पुरुष; डॉ वीके सिंह को मां से नीम के औषधीय गुण जानकर मिली प्रेरणा, 2 लाख से ज्यादा पौधे लगा डाले

अलीगढ़ : आज के समय में जहां लोग अपने और अपने परिवार खाने-पीने रहने और सैर-सपाटा के लिए कमाई का सारा पैसा खर्च कर रहे हैं. वहीं, अलीगढ़ के एक किसान ने बेजुबान पक्षियों के लिए सोचा, जिनके घरों को लोग पेड़-पौधों को काट कर उजाड़ रहे हैं. पहले पक्षियों के रहने के लिए पहले तो आलीशान बिल्डिंग बनवाई थी और अब 3 बीघे जमीन में बेजुबानों के लिए बाग-बगीचा तैयार करवा रहे हैं.

60 फीट ऊंचा, 512 फ्लैट वाला पक्षीघर : जिले के छोटे से गांव दुमेड़ी के रामनिवास शर्मा और देवकीनंदन शर्मा ने अपने स्व. माता-पिता द्वारका प्रसाद शर्मा और शांति देवी की स्मृति में पक्षीघर बनवाया है. वर्ष 2021 में 30 से अधिक दिनों की मेहनत और 7 लाख रुपये की लागत से पूरा हुआ था. पूरा परिवार, विशेष रूप से भाई रामहरि शर्मा और मुनेश शर्मा ने इस कार्य में सहयोग किया. गांव दुमेड़ी में चकरोड किनारे खेत में करीब 20 फीट वर्गाकार क्षेत्र में 60 फीट ऊंचा पक्षीघर खड़ा है, जिसमें 512 छोटे-छोटे फ्लैट्स बनाए गए हैं. प्रत्येक फ्लैट में करीब 10 पक्षी आराम से रह सकते हैं. यानी एक साथ लगभग 5,000 से अधिक पक्षियों को आश्रय देने की क्षमता वाला यह पक्षीघर अनोखी सोच और जीव प्रेम का प्रतीक बन चुका है.

रामनिवास शर्मा, मालिक पक्षीघर (किसान) (Video Credit; ETV Bharat)


ये है पक्षीघर की खास बात : इस पक्षीघर की खास बात यह है कि इसमें तापमान नियंत्रण का प्राकृतिक इंतज़ाम है. गर्मियों में फ्लैट्स ठंडे रहते हैं, जबकि सर्दियों में यह गर्मी बनाए रखते हैं, जिससे पक्षियों को हर मौसम में आरामदायक आश्रय मिलता है. इन फ्लैट्स का निर्माण लकड़ी या लोहे से नहीं, बल्कि गुजरात के मोरबी शहर से मंगवाए गए विशेष राजस्थानी पत्थर और पत्थरों के पतले टाइल्स से किया गया है. जिसे राजस्थान के कारीगरों की मदद से तैयार किया गया है.

3 बीघे में पक्षियों के लिए बन रहा बगीचा : रामनिवास शर्मा के भाई देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि वे एक नया पक्षी उद्यान विकसित करने जा रहे हैं. इसके तहत गांव के पास स्थित उनकी 3 बीघा ज़मीन को पूरी तरह पेड़ों और पौधों से ढंका जाएगा, ताकि पक्षी वहां भोजन प्राप्त कर सकें, विश्राम कर सकें और प्राकृतिक वातावरण में स्वतंत्र रूप से उड़ान भर सकें. उन्होंने बताया कि ज़मीन जिसकी बाजार में कीमत लगभग 45 लाख रुपए है. पौधारोपण के लिए 5 लाख रुपये अलग से खर्च किए जाएंगे.

ETV Bharat
पक्षियों का फ्लैट (Photo Credit; ETV Bharat)

बगीचा लगाने के पीछे की कहानी : रामनिवास शर्मा बताते हैं कि पहले उनके पास एक विशाल बाग था, जिसमें सैकड़ों पक्षियों का बसेरा था. लेकिन समय के साथ बाग की कटाई हो गई और वहां के पक्षी बेघर हो गए. तब उन्होंने तय किया कि इन बेघर पक्षियों को एक नया घर दिया जाएगा, एक ऐसा घर जो न सिर्फ सुरक्षित हो बल्कि प्राकृतिक रूप से उनके अनुकूल भी हो.

प्रेरणा बना यह पक्षीघर ग्रामीणों में दिखा उत्साह : गांव दुमेड़ी ही नहीं, बल्कि आस-पास के तमाम गांवों से लोग इस पक्षीघर को देखने आते हैं. स्थानीय निवासी बताते हैं कि जब वे सुबह इस पक्षीघर में दाना डालने आते हैं, तो उन्हें एक अलग ही मानसिक शांति मिलती है. लोगों की मांग है कि ऐसे पक्षीघर अन्य गांवों में भी बनाए जाएं ताकि पक्षियों को सुरक्षित और प्राकृतिक वातावरण में रहने का अवसर मिल सके. वहीं बच्चों और युवाओं को भी इससे पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम व जिम्मेदारी का बोध हो रहा है.

पर्यावरण संतुलन की दिशा में नई पहल : वर्तमान समय में जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और शहरीकरण के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास समाप्त हो रहे हैं, ऐसे समय में इस पक्षीघर की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है. वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, जहां पक्षियों की उपस्थिति अधिक होती है वहां का वायुमंडलीय संतुलन बेहतर बना रहता है. पक्षी न केवल कीट नियंत्रण में मदद करते हैं, बल्कि पौधों के परागण और बीज फैलाने में भी सहायक होते हैं.

ग्रामीणों ने भी इस पक्षी घर की तारीफ करते हुए कहा, जब से यह पक्षी घर बना है. इस पक्षी घर में हजारों की संख्या में पक्षी रहते हैं. पक्षियों के पानी पीने के लिए नल भी लगा है. इस पक्षीघर से यह भी स्पष्ट होता है कि बिना किसी सरकारी सहयोग या योजना के भी कोई व्यक्ति जब ठान ले, तो प्रकृति और जीवों की भलाई के लिए बड़े बदलाव ला सकता है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ के नीम पुरुष; डॉ वीके सिंह को मां से नीम के औषधीय गुण जानकर मिली प्रेरणा, 2 लाख से ज्यादा पौधे लगा डाले

Last Updated : June 13, 2025 at 6:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.