नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए गए बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई जयदीप सेंगर को माउथ कैंसर का इलाज कराने के लिए 11 मार्च तक अंतरिम जमानत बढ़ा दिया है. जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने ये आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान जयदीप सेंगर की ओर से पेश वकील ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से मुकर्रर दस साल की कैद की सजा को निलंबित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सजा को निलंबित करने पर फैसला होने तक जयदीप सेंगर के माउथ कैसर के इलाज के लिए 11 मार्च तक की अंतरिम जमानत बढ़ाई जाए. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट जयदीप सेंगर को 3 जुलाई 2024 को इलाज के लिए अंतरिम जमानत दी थी जो बाद में 18 नवंबर 2024 को फिर बढ़ाई गई.
सेंगर को दस साल की कैद की सजा: 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात आरोपियों को को दस-दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. तीस हजारी कोर्ट ने सभी आरोपियों पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी.
दरअसल, 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी.
सेंगर को उम्रकैद की सजा: 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है.
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