लखनऊ : पर्चा वहां बनेगा, दवा उस काउंटर पर मिलेगी, डाॅक्टर वहां बैठते हैं, मरीज को भर्ती करने के लिए फाइल यहां बनवानी है...आदि. सरकारी अस्पतालों में इन मामूली जानकारियों के लिए भी लोगों को इधर से उधर दौड़ लगानी पड़ती है. लेकिन अगली बार जब आप किस सरकारी अस्पताल पहुंचें और वहां का स्टाफ इस तरह आपकी मदद करता दिखे तो चौंकिएगा मत. योगी सरकार प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के फ्रंटलाइन स्टाफ को मरीजों और तीमारदारों से बेहतर व्यवहार करने का प्रशिक्षण दे रही है. सरकार ने यह कदम प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्वक इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही अस्पताल में अपनत्व का अहसास कराने के लिए उठाया है. योगी सरकार का मानना है कि इससे अस्पतालों में मरीज की तीमारदारी में लगे परिजनों को सुविधा मिलेगी और सरकारी अस्पतालों के प्रति उनके मन में एक सकारात्मक छवि बनेगी.
रिसेप्शनिस्ट, वार्ड सहायक, सुरक्षा गार्ड, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और लैब तकनीशियन को दी गई ट्रेनिंग : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी फ्रंटलाइन स्टाफ (रिसेप्शनिस्ट,वार्ड सहायक,सुरक्षा गार्ड, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट,लैब तकनीशियन) को प्रशिक्षित करने के लिए लखनऊ में मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं. ये मास्टर ट्रेनर सभी जिला अस्पतालों के प्रमुख,मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, स्टाफ नर्स इंचार्ज, अस्पताल मैनेजर व जिला क्वालिटी परामर्शदाता होंगे. योगी सरकार की पहल पर शुरू हुई मुहिम में हर जनपद से चार मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं. नौ बैच में सभी मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण अगस्त में पूरा हो चुका है. अब ये सब अपने-अपने जनपद के जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के फ्रंटलाइन स्टाफ को ट्रेनिंग देंगे.
चिकित्सालयों में दिया जा रहा प्रशिक्षण : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की महाप्रबंधक प्रशिक्षण डॉ. अर्चना वर्मा ने बताया कि सुरक्षा गार्ड, स्वागत कक्ष में तैनात कर्मी तथा वार्ड सहायक चिकित्सालय आने वाले व्यक्तियों के लिए प्रथम संपर्क बिंदु का काम करते हैं. मरीजों तथा उनके परिवारीजनों के प्रति अस्पताल के इन कर्मचारियों की सजगता और व्यवहार अत्यंत अहम है. बताया कि कई चिकित्सालयों में प्रशिक्षण शुरू हो चुका है और बाकि में भी माइक्रो प्लान बनाकर सभी फ्रंटलाइन स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
दिखाई देंगे पहल के सकारात्मक परिणाम : प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मरीजों और उनके तीमारदारों को सरकारी अस्पताल में अच्छा अनुभव प्रदान करने के लिए मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग दी गई है. सीएम योगी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा था कि सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल जन स्वास्थ्य सेवा का अहम हिस्सा है. ऐसे में चिकित्सा इकाई पर आने वाले मरीज के लिए फ्रंटलाइन स्टाफ और उसका व्यवहार अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि यहीं से अस्पताल की छवि बनती या बिगड़ती है इसलिए सम्मानजनक देखभाल प्रदान करने के लिए फ्रंटलाइन स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. एक बार स्वस्थ होने के बाद मरीज जीवनपर्यंत इस व्यवहार को याद रखता है. स्वास्थ्य कर्मी की व्यवहार कुशलता मरीज के इलाज में भी सहयोगी बनती है क्योंकि स्वास्थ्य इकाइयों पर आने वाले मरीज और तीमारदार मानसिक और शारीरिक कष्ट के दौर से गुजर रहे होते हैं. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी का सहृदय व्यवहार मरहम का काम करता है और उन्हें उस कठिन परिस्थिति से निकलने में मददगार होता है.