बीकानेर: बीकानेर के दौरे पर आए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि वक्फ (संशोधन) पर कानून बनाना मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है. देश में विपक्ष इस बिल को लेकर आरोप लगा रहा है कि एनडीए सरकार धार्मिक भावनाओं में हस्तक्षेप कर रही है. वास्तविकता यह है कि यह मामला धार्मिक भावनाओं का नहीं है. यह प्रशासनिक व्यवस्था का मामला है किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्मस्थल पर पूजा करना उसकी धार्मिक भावना हो सकता है, लेकिन संपत्तियों के नियंत्रण और मॉनिटरिंग को लेकर जो बात धार्मिक भावनाओं से जोड़कर कहीं जा रही है, वह पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों पर कई नेताओं और लोगों का कब्जा था. इस कानून के बाद अब वह नहीं रहेगा, इसलिए इसको लेकर बातें गलत रूप से फैलाई जा रही है.
मुस्लिम समाज का भी समर्थन: उन्होंने कहा कि पहले इस कानून में कई तरह की विसंगतियां थी. जब इस बिल को सदन में पेश किया गया और इसके बाद जिस तरह से देश में मुस्लिम समाज के एक वर्ग ने खुशी जताई. इससे स्पष्ट है कि इस बदलाव को मुस्लिम समाज का एक वर्ग पूरी तरह से पसंद कर रहा है. वक्फ की सम्पत्तियों पर लोग अपना कब्जा जमाए बैठे थे. इससे पिछड़े और गरीब मुसलमानों को फायदा नहीं मिल रहा था, लेकिन अब उन्हें इसका लाभ मिलने लगेगा.
राहुल के बयान पर बोले मेघवाल: केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि इस बिल को पेश करने के दौरान राहुल गांधी सदन में थे. तरुण गोगोई और केसी वेणुगोपाल इस बिल को लेकर बोले, जबकि खुद राहुल गांधी सदन में मौजूद थे, फिर भी वे इस पर एक भी शब्द नहीं बोले, क्योंकि वे भी जानते थे कि इस बिल से कोई भी धार्मिक भावना आहत नहीं हो रही है.
कांग्रेस भी कर चुकी इस कानून में संशोधन: केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि संसद को संशोधन का अधिकार नहीं है, जबकि 1995 और 2013 में भी इसी संसद में कांग्रेस की सरकार के समय इसमें संशोधन हुए थे.