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मनाली के आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट निर्माण का रास्ता हुआ साफ, वन अधिनियम के तहत स्टेज-1 की मिली अनुमति - MANALI HELIPORT CONSTRUCTION

वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत स्टेज-एक की अनुमति मिलने से मनाली के आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट के निर्माण का रास्ता साफ हो गया.

आलू ग्राउंड में बनेगा हेलीपोर्ट
आलू ग्राउंड में बनेगा हेलीपोर्ट (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 2, 2025 at 4:24 PM IST

Updated : April 2, 2025 at 9:13 PM IST

5 Min Read

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली के पास आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट का निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है. इसके लिए वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत स्टेज-1 की अनुमति मिल चुकी है. अब पर्यटन विभाग को 22 लाख रुपये जमा करने होंगे. उसके बाद निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा. वन विभाग की अनुमति के बाद इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है. ऐसे में इस हेलीपोर्ट के बन जाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इससे हाई प्रोफाइल पर्यटक अब सीधे मनाली पहुंच सकता है.

हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर

हिमाचल में सरकार द्वारा पर्यटन और हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हेलीपोर्ट का निर्माण करने की योजना है. इससे पूर्व कुल्लू जिला में आने के लिए भुंतर एयरपोर्ट पर विमान से आना पड़ता था. लेकिन हेलीपोर्ट के बन जाने से शिमला, चंडीगढ़ से पर्यटक सीधे मनाली पहुंच सकेगा.

आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट निर्माण का रास्ता हुआ साफ
आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट निर्माण का रास्ता हुआ साफ (FILE)

पहले चरण में इन जगहों पर बनेगा हेलीपोर्ट

पर्यटन की दृष्टि से यह हेलीपोर्ट काफी सहायक सिद्ध होगा. हर वर्ष जिला कुल्लू में लाखों पर्यटक यहां की वादियों को निहारने के लिए आते हैं. ऐसे में पर्यटकों की सुविधा को लेकर सरकार लगातार पहल कर रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के पहले चरण में आलू ग्राउंड (मनाली), जसकोट (हमीरपुर), रक्कड़ (कांगड़ा), सुल्तानपुर (चंबा), जिस्पा, रंगरिक, सिस्सू (लाहौल और स्पीति), और शारबो (किन्नौर) में हेलीपोर्ट बनने हैं.

उड़ान-5.1 रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम

भारत सरकार की उड़ान-5.1 रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत यह सभी हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं. उड़ान का विस्तृत अर्थ है, उड़े देश का आम नागरिक. नागर विमानन मंत्रालय की इस उड़ान योजना में महामारी के दौरान मेडिकल कार्गो पहुंचाने, जनजातीय जिलों में कृषि उत्पादों की आपूर्ति और हवाई यात्रा आदि शामिल है.

जिला कुल्लू के मनाली के आलू ग्राउंड के पास हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत स्टेज-एक की अनुमति मिल चुकी है. जल्द इसके लिए पैसा जमा करवाया जाएगा, जिसके बाद निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा:- सुनयना शर्मा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, कुल्लू

कुल्लू-मनाली के पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान

मनाली होटल एसोसिएशन के निवर्तमान उपाध्यक्ष रोशन लाल ने कहा, "यहां पर पहुंचने के लिए सैलानियों को या तो दिल्ली चंडीगढ़ से भुंतर हवाई उतरना पड़ता है, या फिर उन्हें सड़क मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐसे में मनाली में अगर हेलीपोर्ट बनता है तो सैलानी दिल्ली या चंडीगढ़ से सीधे मनाली पहुंच सकते हैं. जिससे यहां के पर्यटन कारोबार को काफी फायदा होगा. हालांकि हेलीपोर्ट बनाने की बात लंबे समय से की जा रही है. ऐसे में अब अगर सरकार द्वारा जल्दी इसका कार्य किया जाए तो कुल्लू मनाली के पर्यटन को भी नई उड़ान मिलेगी".

प्रदेश सरकार ने अपने राज्य में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के उद्देश्य से हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए हेलीपोर्ट के विकास को विशेष प्राथमिकता दी है. बेहतर पर्यटन बुनियादी ढांचे से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे. बीते माह आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा था कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हेलीपोर्ट परियोजनाओं को प्राथमिकता दे रही है. इस पहल से न केवल परिवहन सुविधाओं का विकास होगा बल्कि पर्यटन क्षेत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी.

हेलीपोर्ट और हेलीपैड में क्या अंतर होता है?

हेलीपोर्ट और हेलीपैड में एक बड़ा अंतर ये रहता है कि हेलीपैड पर केवल हेलीकॉप्टर उतर और उड़ान भर सकता है. जबकि हेलीपोर्ट में हवाई अड्डों जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं. हेलीपोर्ट में सुरक्षा का प्रबंध रहता है और यहां पर 18 सीटर फिक्स पंख वाले एयरक्राफ्ट उतरने की सुविधा रहती है. वर्तमान समय में प्रदेश के तीन हेलीपोर्ट पर गैर शेड्यूल उड़ानों की केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत सुविधा प्राप्त है. वर्तमान में निजी कंपनी का 11 सीटर हेलीकॉप्टर हेली टैक्सी सुविधा प्रदान करता है. सामान्य तौर पर इसमें कई कारणों के चलते 6-8 लोगों को ही बिठाया जाता है. लेकिन हेलीपोर्ट में बड़े हेलीकॉप्टर के उतरने का भी प्रबंध रहता हैं.

16 नए हेलीपोर्ट बनाने की योजना

जिला कुल्लू के पर्यटन कारोबारी अभिनव शर्मा ने कहा, "यूरोप के कई इलाकों में लोग हेलीपोर्ट के माध्यम से यात्रा करते हैं और हेलीपोर्ट से हेली टैक्सी के माध्यम से वहां लोग पर्यटन स्थलों का रुख करते हैं. ऐसे में लोगों के समय की काफी बचत भी होती है और खराब रास्तों से भी उन्हें निजात मिलती हैं. इसके अलावा कई मरीज को बाहरी राज्यों के अस्पताल में ले जाना हो तो यह सेवा भी काफी काम आती है. ऐसे में सरकार द्वारा प्रदेश में 16 नए हेलीपोर्ट बनाने की जो योजना है, वो पर्यटन के साथ-साथ कठिन परिस्थियों में भी लोगों को काफी फायदा देगी".

ये भी पढ़ें: देश के 100 हवाई अड्डों में से हिमाचल के इस एयरपोर्ट को मिला पहला स्थान, जानें किस कैटेगरी में मिला अवार्ड

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली के पास आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट का निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है. इसके लिए वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत स्टेज-1 की अनुमति मिल चुकी है. अब पर्यटन विभाग को 22 लाख रुपये जमा करने होंगे. उसके बाद निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा. वन विभाग की अनुमति के बाद इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है. ऐसे में इस हेलीपोर्ट के बन जाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इससे हाई प्रोफाइल पर्यटक अब सीधे मनाली पहुंच सकता है.

हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर

हिमाचल में सरकार द्वारा पर्यटन और हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हेलीपोर्ट का निर्माण करने की योजना है. इससे पूर्व कुल्लू जिला में आने के लिए भुंतर एयरपोर्ट पर विमान से आना पड़ता था. लेकिन हेलीपोर्ट के बन जाने से शिमला, चंडीगढ़ से पर्यटक सीधे मनाली पहुंच सकेगा.

आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट निर्माण का रास्ता हुआ साफ
आलू ग्राउंड में हेलीपोर्ट निर्माण का रास्ता हुआ साफ (FILE)

पहले चरण में इन जगहों पर बनेगा हेलीपोर्ट

पर्यटन की दृष्टि से यह हेलीपोर्ट काफी सहायक सिद्ध होगा. हर वर्ष जिला कुल्लू में लाखों पर्यटक यहां की वादियों को निहारने के लिए आते हैं. ऐसे में पर्यटकों की सुविधा को लेकर सरकार लगातार पहल कर रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के पहले चरण में आलू ग्राउंड (मनाली), जसकोट (हमीरपुर), रक्कड़ (कांगड़ा), सुल्तानपुर (चंबा), जिस्पा, रंगरिक, सिस्सू (लाहौल और स्पीति), और शारबो (किन्नौर) में हेलीपोर्ट बनने हैं.

उड़ान-5.1 रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम

भारत सरकार की उड़ान-5.1 रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत यह सभी हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं. उड़ान का विस्तृत अर्थ है, उड़े देश का आम नागरिक. नागर विमानन मंत्रालय की इस उड़ान योजना में महामारी के दौरान मेडिकल कार्गो पहुंचाने, जनजातीय जिलों में कृषि उत्पादों की आपूर्ति और हवाई यात्रा आदि शामिल है.

जिला कुल्लू के मनाली के आलू ग्राउंड के पास हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत स्टेज-एक की अनुमति मिल चुकी है. जल्द इसके लिए पैसा जमा करवाया जाएगा, जिसके बाद निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा:- सुनयना शर्मा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, कुल्लू

कुल्लू-मनाली के पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान

मनाली होटल एसोसिएशन के निवर्तमान उपाध्यक्ष रोशन लाल ने कहा, "यहां पर पहुंचने के लिए सैलानियों को या तो दिल्ली चंडीगढ़ से भुंतर हवाई उतरना पड़ता है, या फिर उन्हें सड़क मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐसे में मनाली में अगर हेलीपोर्ट बनता है तो सैलानी दिल्ली या चंडीगढ़ से सीधे मनाली पहुंच सकते हैं. जिससे यहां के पर्यटन कारोबार को काफी फायदा होगा. हालांकि हेलीपोर्ट बनाने की बात लंबे समय से की जा रही है. ऐसे में अब अगर सरकार द्वारा जल्दी इसका कार्य किया जाए तो कुल्लू मनाली के पर्यटन को भी नई उड़ान मिलेगी".

प्रदेश सरकार ने अपने राज्य में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के उद्देश्य से हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए हेलीपोर्ट के विकास को विशेष प्राथमिकता दी है. बेहतर पर्यटन बुनियादी ढांचे से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे. बीते माह आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा था कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हेलीपोर्ट परियोजनाओं को प्राथमिकता दे रही है. इस पहल से न केवल परिवहन सुविधाओं का विकास होगा बल्कि पर्यटन क्षेत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी.

हेलीपोर्ट और हेलीपैड में क्या अंतर होता है?

हेलीपोर्ट और हेलीपैड में एक बड़ा अंतर ये रहता है कि हेलीपैड पर केवल हेलीकॉप्टर उतर और उड़ान भर सकता है. जबकि हेलीपोर्ट में हवाई अड्डों जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं. हेलीपोर्ट में सुरक्षा का प्रबंध रहता है और यहां पर 18 सीटर फिक्स पंख वाले एयरक्राफ्ट उतरने की सुविधा रहती है. वर्तमान समय में प्रदेश के तीन हेलीपोर्ट पर गैर शेड्यूल उड़ानों की केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत सुविधा प्राप्त है. वर्तमान में निजी कंपनी का 11 सीटर हेलीकॉप्टर हेली टैक्सी सुविधा प्रदान करता है. सामान्य तौर पर इसमें कई कारणों के चलते 6-8 लोगों को ही बिठाया जाता है. लेकिन हेलीपोर्ट में बड़े हेलीकॉप्टर के उतरने का भी प्रबंध रहता हैं.

16 नए हेलीपोर्ट बनाने की योजना

जिला कुल्लू के पर्यटन कारोबारी अभिनव शर्मा ने कहा, "यूरोप के कई इलाकों में लोग हेलीपोर्ट के माध्यम से यात्रा करते हैं और हेलीपोर्ट से हेली टैक्सी के माध्यम से वहां लोग पर्यटन स्थलों का रुख करते हैं. ऐसे में लोगों के समय की काफी बचत भी होती है और खराब रास्तों से भी उन्हें निजात मिलती हैं. इसके अलावा कई मरीज को बाहरी राज्यों के अस्पताल में ले जाना हो तो यह सेवा भी काफी काम आती है. ऐसे में सरकार द्वारा प्रदेश में 16 नए हेलीपोर्ट बनाने की जो योजना है, वो पर्यटन के साथ-साथ कठिन परिस्थियों में भी लोगों को काफी फायदा देगी".

ये भी पढ़ें: देश के 100 हवाई अड्डों में से हिमाचल के इस एयरपोर्ट को मिला पहला स्थान, जानें किस कैटेगरी में मिला अवार्ड

Last Updated : April 2, 2025 at 9:13 PM IST
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