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देश में पहली बार स्थायी कुंभ नगरी उज्जैन में, ऐसा है मुख्यमंत्री मोहन यादव का विजन - UJJAIN SIMHASTHA 2028

इस बार उज्जैन सिंहस्थ 2028 कुछ हटकर होगा. सिंहस्थ की जमीन पर हाईटेक और स्थायी कुंभ नगरी बसाने की योजना.

Ujjain Simhastha 2028
उज्जैन सिंहस्थ के लिए स्थायी संरचनाओं के साथ आधुनिक सुविधाएं (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 8, 2025, 12:44 PM IST

उज्जैन: सिंहस्थ क्षेत्र को आधुनिक स्वरूप देने की बड़ी योजना पर काम शुरू हो गया है. सिंहस्थ की भूमि पर स्थायी कुंभ नगरी बसाने की तैयारी है. इसमें हाईटेक अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी. इस प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) लैंड पूलिंग स्कीम के तहत लगभग 2378 हेक्टेयर क्षेत्र में कुंभ नगरी विकसित करेगी. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सिंहस्थ 2028 के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है.

स्थायी संरचनाओं के साथ आधुनिक सुविधाएं

अब तक सिंहस्थ मेले के दौरान अस्थायी निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते थे, जो सिंहस्थ के पूरा होते ही हटा दिए जाते थे. लेकिन इस बार स्थायी सड़कें, बिजली, सीवरेज सिस्टम, जल आपूर्ति और अन्य नागरिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. इस हाईटेक धार्मिक नगरी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं.

देश में पहली बार स्थायी कुंभ नगरी उज्जैन में (ETV BHARAT)
  • इंटरकनेक्टेड सड़कों का नेटवर्क : 60 से 200 फीट चौड़ी सड़कें बनाई जाएंगी, जो मेला क्षेत्र को सुव्यवस्थित तरीके से जोड़ेंगी.
  • स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट : भीड़ नियंत्रण के लिए सड़कों को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को सुगमता से डायवर्ट किया जा सके.
  • अत्याधुनिक सीवरेज और जल निकासी प्रणाली : अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम और वॉटर मैनेजमेंट से सफाई बनी रहेगी.
  • भव्य प्रवेश द्वार : धार्मिक महत्व को दर्शाने वाले शानदार प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे.
  • हरे-भरे सार्वजनिक स्थल : पार्क, वॉकिंग पाथवे, ओपन जिम, और प्लांटेशन का विशेष ध्यान रखा जाएगा.

उज्जैन के लोगो के साथ ही किसानों को लाभ मिलने का दावा

सरकार का दावा है कि यह योजना सिर्फ सिंहस्थ के लिए नहीं, बल्कि उज्जैन के किसानों और स्थानीय लोगों के दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखकर बनाई गई है.

  • लैंड पूलिंग स्कीम के तहत 50% भूमि किसानों के पास ही रहेगी, जिससे उन्हें अपनी जमीन पर बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
  • 25% भूमि सड़क निर्माण में जाएगी, जिसमें बिजली, पानी, और सीवरेज जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी.
  • 5% भूमि हरित क्षेत्र, उद्यान, और सार्वजनिक पार्कों के लिए आरक्षित होगी.
  • 5% भूमि पर अस्पताल, स्कूल, पुलिस स्टेशन, और अन्य नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
Ujjain Simhastha 2028
कुछ ऐसी होगी उज्जैन की कुंभ नगरी (ETV BHARAT)
Ujjain Simhastha 2028
इस बार उज्जैन सिंहस्थ 2028 कुछ हटकर होगा (ETV BHARAT)

स्थायी कुंभ नगरी पर खर्च होंगे 2 हजार करोड़ रुपए

इस परियोजना पर करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य है. पहली बार सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी विकास होगा, जिससे हर 12 साल में बार-बार अस्थायी निर्माण की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे भविष्य में खर्च भी कम होगा और उज्जैन को एक सुनियोजित धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी के रूप में पहचान मिलेगी. उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी का कहना है "मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदृष्टि यह है कि उज्जैन को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाए. इसके तहत सिंहस्थ 2028 के लिए तैयार होने वाली यह कुम्भ नगरी न केवल श्रद्धालुओं के लिए सहूलियत लाएगी, बल्कि स्थानीय किसानों, व्यापारियों और निवासियों के लिए भी वरदान साबित होगी."

उज्जैन: सिंहस्थ क्षेत्र को आधुनिक स्वरूप देने की बड़ी योजना पर काम शुरू हो गया है. सिंहस्थ की भूमि पर स्थायी कुंभ नगरी बसाने की तैयारी है. इसमें हाईटेक अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी. इस प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) लैंड पूलिंग स्कीम के तहत लगभग 2378 हेक्टेयर क्षेत्र में कुंभ नगरी विकसित करेगी. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सिंहस्थ 2028 के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है.

स्थायी संरचनाओं के साथ आधुनिक सुविधाएं

अब तक सिंहस्थ मेले के दौरान अस्थायी निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते थे, जो सिंहस्थ के पूरा होते ही हटा दिए जाते थे. लेकिन इस बार स्थायी सड़कें, बिजली, सीवरेज सिस्टम, जल आपूर्ति और अन्य नागरिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. इस हाईटेक धार्मिक नगरी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं.

देश में पहली बार स्थायी कुंभ नगरी उज्जैन में (ETV BHARAT)
  • इंटरकनेक्टेड सड़कों का नेटवर्क : 60 से 200 फीट चौड़ी सड़कें बनाई जाएंगी, जो मेला क्षेत्र को सुव्यवस्थित तरीके से जोड़ेंगी.
  • स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट : भीड़ नियंत्रण के लिए सड़कों को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को सुगमता से डायवर्ट किया जा सके.
  • अत्याधुनिक सीवरेज और जल निकासी प्रणाली : अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम और वॉटर मैनेजमेंट से सफाई बनी रहेगी.
  • भव्य प्रवेश द्वार : धार्मिक महत्व को दर्शाने वाले शानदार प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे.
  • हरे-भरे सार्वजनिक स्थल : पार्क, वॉकिंग पाथवे, ओपन जिम, और प्लांटेशन का विशेष ध्यान रखा जाएगा.

उज्जैन के लोगो के साथ ही किसानों को लाभ मिलने का दावा

सरकार का दावा है कि यह योजना सिर्फ सिंहस्थ के लिए नहीं, बल्कि उज्जैन के किसानों और स्थानीय लोगों के दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखकर बनाई गई है.

  • लैंड पूलिंग स्कीम के तहत 50% भूमि किसानों के पास ही रहेगी, जिससे उन्हें अपनी जमीन पर बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
  • 25% भूमि सड़क निर्माण में जाएगी, जिसमें बिजली, पानी, और सीवरेज जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी.
  • 5% भूमि हरित क्षेत्र, उद्यान, और सार्वजनिक पार्कों के लिए आरक्षित होगी.
  • 5% भूमि पर अस्पताल, स्कूल, पुलिस स्टेशन, और अन्य नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
Ujjain Simhastha 2028
कुछ ऐसी होगी उज्जैन की कुंभ नगरी (ETV BHARAT)
Ujjain Simhastha 2028
इस बार उज्जैन सिंहस्थ 2028 कुछ हटकर होगा (ETV BHARAT)

स्थायी कुंभ नगरी पर खर्च होंगे 2 हजार करोड़ रुपए

इस परियोजना पर करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य है. पहली बार सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी विकास होगा, जिससे हर 12 साल में बार-बार अस्थायी निर्माण की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे भविष्य में खर्च भी कम होगा और उज्जैन को एक सुनियोजित धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी के रूप में पहचान मिलेगी. उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी का कहना है "मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदृष्टि यह है कि उज्जैन को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाए. इसके तहत सिंहस्थ 2028 के लिए तैयार होने वाली यह कुम्भ नगरी न केवल श्रद्धालुओं के लिए सहूलियत लाएगी, बल्कि स्थानीय किसानों, व्यापारियों और निवासियों के लिए भी वरदान साबित होगी."

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