उज्जैन: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ के बाद अब आगामी सिंहस्थ 2028 को लेकर तैयारियां जोरों पर जारी हैं. मध्य प्रदेश के उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 को लेकर हर कोई उत्साहित है. इंदौर आईआईएम उज्जैन सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मैनेजमेंट के तौर पर काम करेगा. आईआईएम इंदौर इसके लिए 5E पर एक विशेष स्टडी कर रहा है, जिसमें ट्रैफिक कंट्रोल क्राउड मैनेजमेंट शामिल है.
आईआईएम इंदौर ने महाकुंभ की स्टडी की
इंदौर आईआईएम ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान भी स्टडी और प्लान तैयार कर उत्तर प्रदेश शासन को रिपोर्ट सौंपी थी. अब मध्य प्रदेश शासन को आईआईएम इंदौर सिंहस्थ 2028 का प्लान तैयार कर रिपोर्ट सौंपेगा. ये बात उज्जैन वैलनेस समिट में शामिल होने आए आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर हिमांशु रॉय ने चर्चा के दौरान कही.
क्या है 5E जिस पर चल रही स्टडी?
आईआईएम डायरेक्टर हिमांशु रॉय ने कहा, "प्रयागराज महाकुंभ से हमने जो सीखा है, उसके बाद आईआईएम इंदौर की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ है ट्रैफिक मैनेजमेंट. हमारी इस स्टडी में जो 5E है. उसमें एजुकेशन, इंफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इनवायरमेंट और इमरजेंसी को ध्यान में रखकर हम सिंहस्थ 2028 की तैयारियां कर रहे हैं. इस रिपोर्ट में स्टडी करेंगे कि कितने समय में श्रद्धालु नगर में प्रवेश करते हैं, कितने समय में नहान और सिंहस्थ घूम कर कितने समय में लौटते हैं. इसके अनुसार ट्रैफिक प्लान और क्राउड मैनेजमेंट रिपोर्ट तैयार करेंगे."
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30 करोड़ श्रद्धालुओं का अनुमान
हिमांशु रॉय ने कहा, "सिंहस्थ 2028 में शासन ने करीब 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान लगाया है. इस अनुमान के अनुसार ही हम स्टडी कर रहे हैं और रिपोर्ट भी पेश करेंगे." उन्होंने कहा, "महाकालेश्वर मंदिर के पहले 3 किलोमीटर से ट्रैफिक प्लान तैयार होगा. महाकालेश्वर मंदिर ही नहीं अन्य सभी बड़े मंदिर और खास कर क्षिप्रा के श्रीराम घाट और सभी घाटों पर बेहतर मैनेजमेंट के लिए काम किया जाएगा."