उज्जैन: धर्म नगरी अवंतिका में पिछले 18 वर्षों से गंगा दशमी पर्व के 1 दिन पूर्व शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा निकाली जा रही है. ये एक ऐसी यात्रा है, जिसमें आम जन के साथ पुरातत्ववेत्ता, साहित्यकार, इतिहासकार, जीव व भू वैज्ञानिक भी शामिल होते हैं, जो यात्रा के बाद विशेष परीक्षण रिपोर्ट शासन को सौंपते हैं.
दत्त अखाड़ा घाट से यात्रा का हुआ शुभारंभ
शिप्रा के दत्त अखाड़ा घाट पर पूजन कर बुधवार को इस यात्रा का शुभारंभ किया गया. जिसमें सभी अखाड़ों के साधु-संतों, पुजारी और पुरोहित शामिल हुए. इस यात्रा में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया. शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का यह 19वां साल है.
351 फुट चुनरी अर्पित करेंगे मोहन यादव
गुरुवार को गंगा दशमी पर सीएम मोहन यादव मां शिप्रा को 351 फुट की चुनरी अर्पित कर इस 2 दिवसीय यात्रा का समापन करेंगे. इस धार्मिक यात्रा से उज्जैन की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान भी जुड़ी हुई है, जिसका इस दौरान गौरवशाली स्वरूप उभर कर सामने आता है. इस 2 दिवसीय यात्रा में भजन संध्या, सेना के बैंड की प्रस्तुति और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.


सेना के 100 कलाकार करेंगे मिलिट्री बैंड की प्रस्तुति
4 जून को शाम 7 बजे दत्त अखाड़ा घाट पर पवन तिवारी और उनके दल द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी. 5 जून को शाम 7 बजे रामघाट पर सेना के लगभग 100 कलाकारों द्वारा भव्य मिलिट्री बैंड की प्रस्तुति होगी. जिसके बाद मुंबई की प्रसिद्ध कलाकार स्वस्ति मेहुल और उनका दल सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा. 5 जून से 16 जून तक हर शाम 6 बजे रामघाट पर ग्वालियर की ढोली बुआ द्वारा श्री हरि कथा और नारद कीर्तन का आयोजन होगा.

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यात्रा का रूट
शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा दत्त अखाड़ा घाट से शुरू होकर नृसिंह घाट, आनंदेश्वर मंदिर, जगदीश मंदिर, गऊघाट, जंतर-मंतर, वरुणेश्वर महादेव, त्रिवेणी शनि मंदिर, गोठडा, सिकंदरी, दाउदखेड़ी, चिंतामण, मंगरोला फंटा, लालपुल, भूखी माता मंदिर और फिर दत्त अखाड़ा तक पहुंचेगी. जहां रात्रि विश्राम होगा.
इसके बाद 5 जून को पुन: यात्रा की शुरुआत होगी, जो रणजीत हनुमान, काल भैरव, अंगारेश्वर महादेव, कमेड, मंगलनाथ, सांदीपनि आश्रम, गढ़कालिका, भर्तृहरि गुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मीकि धाम होते हुए वापस रामघाट पर पहुंचेगी.