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उज्जैन में नाग पंचमी के दिन मध्यरात्रि को खुलेगा नागचन्द्रेश्वर मंदिर का पट, साल में एक बार दर्शन देते हैं नागदेवता - Ujjain Nagchandreshwar Temple

हर साल की भांति इस साल भी नागपंचमी के दिन महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर स्थिल नागचन्द्रेश्वर मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. भगवान नागचन्द्रेश्वर की प्रतिमा अपने आप में बेहद अद्भुत कलाकारी का नमूना है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 8, 2024, 7:58 PM IST

NAGCHANDRESHWAR DOORS OPEN
नाग पंचमी के दिन नागचन्द्रेश्वर मंदिर का पट (ETV Bharat)

उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर स्थित नागचन्द्रेश्वर मंदिर का पट हर साल की तरह इस बार भी नागपंचमी के दिन खोला जाएगा. पट नागपंचमी के दिन रात 12 बजे से ही खोल दिया जाएगा. यह पट साल में एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है. यहां स्थित भगवान नागचन्द्रेश्वर की पूजा करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. इसके लिए प्रशासन ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं.

साल में एक बार खुलता है मंदिर का पट (ETV Bharat)

नाग पंचमी के दिन खोला जाएगा कपाट

हिंदू धर्म में नागों की पूजा करने की परंपरा रही है. नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर नागचन्द्रेश्वर का मंदिर स्थित है. पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी महाराज ने पट (दरवाजा) खोले जाने संबधित सभी जानकारी दी. यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन खोला जाता है. हर साल की तरह इस बार भी 8 अगस्त की मध्यरात्रि 12 बजे यानी नागपंचमी के दिन मंदिर का पट खोल दिया जाएगा. पट खोले जाने के 24 घंटे बाद शुक्रवार की रात 12 बजे बंद कर दिया जाएगा.

अद्भुत है भगवान नागचन्द्रेश्वर की प्रतिमा

महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के ऊपर ओंकारेश्वर मंदिर और उसके ऊपर श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर है. इसमें 11वीं सदी की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है. प्रतिमा नागचन्द्रेश्वर की है जो 11 फनों से सुशोभित है. इसके साथ में शिव पार्वती की सवारी नंदी और सिंह भी विराजित हैं. मूर्ति में गणेश जी की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति और उपर की ओर सूर्य-चंद्रमा भी अंकित है. भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं. इस प्रकार से श्री नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति बहुत भव्य और कलात्मक है.

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श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा

नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की त्रिकाल पूजा होगी. जिसमें गुरुवार 8 अगस्‍त की मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलने के बाद श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी महाराज और श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति कलेक्‍टर व अध्‍यक्ष नीरज कुमार सिंह द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया‍ जाएगा. श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा शुक्रवार 09 अगस्‍त को श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सांध्य आरती के पश्‍चात श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर जी की पूजन-आरती श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी और पुरोहितों द्वारा की जायेगी.

उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर स्थित नागचन्द्रेश्वर मंदिर का पट हर साल की तरह इस बार भी नागपंचमी के दिन खोला जाएगा. पट नागपंचमी के दिन रात 12 बजे से ही खोल दिया जाएगा. यह पट साल में एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है. यहां स्थित भगवान नागचन्द्रेश्वर की पूजा करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. इसके लिए प्रशासन ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं.

साल में एक बार खुलता है मंदिर का पट (ETV Bharat)

नाग पंचमी के दिन खोला जाएगा कपाट

हिंदू धर्म में नागों की पूजा करने की परंपरा रही है. नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर नागचन्द्रेश्वर का मंदिर स्थित है. पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी महाराज ने पट (दरवाजा) खोले जाने संबधित सभी जानकारी दी. यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन खोला जाता है. हर साल की तरह इस बार भी 8 अगस्त की मध्यरात्रि 12 बजे यानी नागपंचमी के दिन मंदिर का पट खोल दिया जाएगा. पट खोले जाने के 24 घंटे बाद शुक्रवार की रात 12 बजे बंद कर दिया जाएगा.

अद्भुत है भगवान नागचन्द्रेश्वर की प्रतिमा

महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के ऊपर ओंकारेश्वर मंदिर और उसके ऊपर श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर है. इसमें 11वीं सदी की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है. प्रतिमा नागचन्द्रेश्वर की है जो 11 फनों से सुशोभित है. इसके साथ में शिव पार्वती की सवारी नंदी और सिंह भी विराजित हैं. मूर्ति में गणेश जी की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति और उपर की ओर सूर्य-चंद्रमा भी अंकित है. भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं. इस प्रकार से श्री नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति बहुत भव्य और कलात्मक है.

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श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा

नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की त्रिकाल पूजा होगी. जिसमें गुरुवार 8 अगस्‍त की मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलने के बाद श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी जी महाराज और श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति कलेक्‍टर व अध्‍यक्ष नीरज कुमार सिंह द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया‍ जाएगा. श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा शुक्रवार 09 अगस्‍त को श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सांध्य आरती के पश्‍चात श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर जी की पूजन-आरती श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी और पुरोहितों द्वारा की जायेगी.

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