उज्जैन : उज्जैन में आजकल एक बंदर की की चर्चा लोगों की जुबां पर है. ये कोई साधारण बंदर नहीं था, बल्कि मां देवी का परम भक्त था. इस बंदर ने पूरी जिंदगी मां बिजासन की भक्ति में गुजारी और जब उसका अंत समय आया तो वह मां के चरणों में था. बता दें कि उज्जैन के बिजासन माता मंदिर में ये अद्भुत दृश्य देखकर लोग भावुक हो गए. लोगों का कहना है कि ये बंदर मां का अनन्य भक्त था. उसे हमेशा मंदिर के आसपास ही देखा गया. जब उसे मौका मिलता था तो वह मां के पास पहुंचकर प्रणाम कर वापस आ जाता था.
बिजासन मंदिर में रामनवमी के दिन की घटना
उज्जैन में ये घटना रामनवमी के दिन की है. उज्जैन के छत्री चौक क्षेत्र स्थित मोचीवाड़ा इलाके में सिटी पोस्ट ऑफिस के पीछे स्शित मां बिजासन मंदिर में ये अद्भुत दृश्य सामने आया, जिसे लोगों ने देवी की कृपा माना. 6 अप्रैल को मंदिर में रामनवमी की विशेष पूजा की तैयारियां चल रही थीं. इसी दौरान पास में रहने वाले युवक ने जानकारी दी कि एक बंदर मंदिर के अंदर देवी मां की मूर्ति के सामने दंडवत अवस्था में बैठा है. मंदिर में पूजा करने वाले श्रवण उज्जैनिया और अन्य श्रद्धालु जब मौके पर पहुंचे, तो देखा कि बंदर मूर्ति के समक्ष नतमस्तक होकर शांत पड़ा है.

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हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार
लोगों ने जब बंदर को हिलाने और पानी पिलाने की कोशिश की तो उसने कोई रिस्पांस नहीं किया. लोगों ने जब उसे उठाया, तब समझ आया कि उसने प्राण त्याग दिए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बंदर पहले मंदिर के ध्वज के पास काफी देर तक बैठा रहा और फिर भक्तों की भीड़ के बीच से मौका पाकर सीधा मंदिर में दाखिल हुआ. उसने मां बिजासन को प्रणाम किया और वहीं अपने प्राण त्याग दिए. श्रद्धालुओं का मानना है कि यह कोई साधारण बंदर नहीं था, बल्कि मां का परम भक्त था, जिसने अपने जीवन का अंतिम क्षण देवी के चरणों में बिताया. इसके बाद बंदर का रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार किया गया.