उज्जैन: उज्जैन के मंदिरों में श्रद्धालुओं के साथ बदसलूकी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. महाकालेश्वर मंदिर में तैनात सिक्योरिटी गार्ड द्वारा श्रद्धालुओं से बदसलूकी की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं. हालांकि पुलिस व मंदिर प्रबंधन समिति ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करती है. अब उज्जैन के प्राचीन मंगलनाथ मंदिर में शर्मनाक घटना हुई. यहां भी अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं. वाराणसी से आए एक श्रद्धालु परिवार सहित मंदिर में भात पूजन के लिए आया. यहां मंदिर के एक कर्मचारी ने श्रद्धालु को पहले धक्का दिया. फिर पिटाई कर दी. पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
विदेश मंत्रालय में तैनात अफसर से मारपीट
मामले के अनुसार वाराणसी के रहने वाले सुमित कुमार विदेश मंत्रालय में अधिकारी हैं. वह अपनी पत्नी, एक बच्चे, माता-पिता, सास-ससुर के साथ मंगलनाथ मंदिर पहुंचे. उन्हें किसी ने बताया था कि मंगलनाथ मंदिर में पूजन करने से विपरीत हालात बदलकर अनुकूल हो जाते हैं. इसलिए वह भात पूजन करने मंदिर पहुंचे. सुमित कुमार मंदिर की रसीद कटवाकर अपने बेटे को लेकर पूजन के लिए गर्भगृह में पहुंचे. इसी दौरान मंदिर में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात ओमप्रकाश ठाकुर ने सुमित कुमार से बदसलूकी की. जब सुमित कुमार ने ढंग से पेश आने को कहा तो ओमप्रकाश भड़क गया. उसने सुमित कुमार को धक्का देकर गर्भगृह से बाहर निकाला. गर्भगृह से बाहर निकलकर ओमप्रकाश ने सुमित कुमार के साथ मारपीट की.
मंदिर का आरोपी कर्मचारी गिरफ्तार
विदेश मंत्रालय में अधिकारी सुमित कुमार इसके बाद सीधे उज्जैन के चिमनगंज पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत की. चूंकि मामला हाई प्रोफाइल अधिकारी से मारपीट का था. इसलिए पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया. इसकी सूचना एसपी को दी गई. वीडियो के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई कर मंदर के कर्मचारी ओमप्रकाश ठाकुर के खिलाफ धारा 151 के तहत केस दर्ज किया और गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा "आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है."
श्रद्धालु से बदसलूकी की घटना बेहद निंदनीय
उज्जैन मंदिरों की नगरी है. यहां देश विदेश से भक्त महाकालेश्वर मंदिर के अलावा मंगलनाथ मंदिर, भैंरों बाबा मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. इस मामले में उज्जैन जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट प्रमोद चौबे का कहना है "उज्जैन नगरी के लोग तो बड़े मिलनसार हैं. दरअसल, मंदिरों में जो कर्मचारी बाहर के रखे जाते हैं, उनमें से कुछ उज्जैन के नाम को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. यहां के मंदिरों में पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं. हरेक उज्जैनवासी किसी भी श्रद्धालु से इस प्रकार की घटना की निंदा करते हैं. क्योंकि उज्जैन के लोग श्रद्धालुओं को अतिथि का दर्जा देते हैं और अतिथि हमेशा सम्मानीय होता है."
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'अतिथि देवो भव:' की परंपरा है उज्जैन में
उज्जैन के वरिष्ठ समाजसेवी अरविंद चंदेल का भी कहना है "मंदिर में श्रद्धालुओं से बदसलूकी किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जा सकती. क्योंकि ये श्रद्धालु बाहर से बड़ी आस्था से यहां आते हैं. दरअसल, उज्जैन की परंपरा संस्कृति तो अतिथि को देवता के बराबर दर्जा देने की है. उज्जैन का हरेक नागरिक इसी राह पर चलता है. लेकिन कभी-कभी मंदिरों में ऐसे कर्मचारी की तैनाती हो जाती है, जो उज्जैन का नाम बदनाम करने की कोशिश करते हैं. उन्हें उज्जैन की संस्कृति के बारे में कोई जानकारी नहीं होती."