उज्जैन: आज के दौर में हार्ट अटैक, एक्सीडेंट या सड़क पर छीना झपटी जैसी अचानक होने वाली घटनाओं में अगर वक्त रहते मदद मिल जाए, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. ऐसी ही कुछ सोच के साथ उज्जैन के गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के 5 छात्रों ने एक ऐसा स्मार्ट डिवाइस तैयार किया है, जो किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में फौरन मदद पहुंचाने में मददगार साबित हो सकता है. 2028 में उज्जैन सिंहस्थ में यह डिवाइस बेहद उपयोगी साबित हो सकता है.
इंजीनियरिंग के 5 छात्रों ने बनाया है डिवाइस
उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के फाइनल ईयर के छात्र मोहित कुमार, हर्ष श्रीवास्तव, राहुल सिंह रावत, ओम कृष्ण कुमार जायसवाल और विशाल रघुवंशी ने प्रोफेसर वायएस ठाकुर के मार्गदर्शन में महज 3 महीने में इस डिवाइस को तैयार किया है. यह डिवाइस सिर्फ 5 हजार रुपये की लागत में बनाया गया है.


डिवाइस कैसे करता है काम?
डिवाइस में सेंसर, बैटरी, कैमरा, प्रोसेसर, स्पीकर, सर्किट और सिम मॉड्यूल लगाए गए हैं. जैसे ही हार्ट रेट या ब्लड प्रेशर असामान्य होता है, यह डिवाइस अलर्ट सिग्नल जनरेट करता है. मोबाइल में सेव पहले 100 नंबरों पर यह अलर्ट मैसेज भेजता है. अगर किसी से जवाब नहीं आता तो लगातार कॉल्स की जाती है और अंत में वीडियो कॉल के जरिए लाइव लोकेशन और स्थिति साझा की जाती है. डिवाइस में दोनों तरफ से बातचीत की सुविधा भी है.

डिवाइस की खासियत और उपयोगिता
डिवाइस में SOS बटन और पल्स सेंसर भी शामिल है. जरूरत पड़ने पर बटन दबाते ही लोकेशन और अलर्ट मेसेज भेजा जा सकता है. इसमें GPS-GPRS मॉड्यूल भी है जो लोकेशन ट्रैकिंग में मदद करता है. साथ ही कैमरा मॉड्यूल लाइव वीडियो फीड भेजने में सक्षम है.

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'सिंहस्थ में हो सकता है बेहद उपयोगी'
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के प्रोफेसर वायएस ठाकुर का कहना है कि "यह डिवाइस भीड़भाड़ वाले आयोजनों जैसे उज्जैन सिंहस्थ में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है. गर्मी या थकान से अचानक तबीयत बिगड़ने पर व्यक्ति लोकेशन सहित मदद भेज सकता है. फिलहाल यह एक प्रोटोटाइप है, जिसे भविष्य में मोबाइल ऐप या स्मार्ट वॉच में भी बदला जा सकता है. छात्रों का उद्देश्य है कि इस तकनीक के जरिए इमरजेंसी में रिस्पॉन्स टाइम कम किया जाए और अधिक से अधिक लोगों को समय पर सहायता मिल सके."