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गायें हुईं लापता तो बगलामुखी संत का ऐलान, जमीन कब्रिस्तान श्मशान को दे हिमालय जाएंगे - UJJAIN GAUSHALA 498 COWS MISSING

गौशाला से गायों के लापता होने पर उज्जैन के संत नाराज. मध्य प्रदेश छोड़ने का ऐलान, अगला ठिकाना हिमालय. 3 बीघा जमीन कब्रिस्तान और शमशान को देंगे दान.

UJJAIN GAUSHALA 498 COWS MISSING
उज्जैन की गौशाला से 498 गाय लापता होने से स्वामी कृष्णानन्द महाराज नाराज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : March 22, 2025 at 3:54 PM IST

Updated : March 22, 2025 at 5:14 PM IST

3 Min Read

उज्जैन: लेकोडिया गांव की गौशाला से 498 गायों के लापता होने के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. इससे आहत होकर मां बगलामुखी शक्तिपीठ खाचरोद के पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानन्द महाराज ने बड़ा फैसला लिया है. महाराज ने मंदिर से लगी अपनी 3 बीघा से अधिक जमीन कब्रिस्तान और शमशान के लिए दान देने की घोषणा की है. महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि शमशान भूमि पर सभी सुविधाओं से युक्त निर्माण कार्य पूरा करने के बाद वे 23 मार्च 2025 को हिमालय के लिए प्रस्थान करेंगे.

लेकोडिया की गौशाला से 498 गाय लापता

बता दें कि ग्राम लेकोडिया की गौशाला में 1028 गोवंश दर्ज हैं. जबकि पशु चिकित्सकों की रिपोर्ट में वहां मात्र 530 गायें ही हैं. इस मामले में स्वामी कृष्णानन्द ने 14 जनवरी को प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल को पत्र लिखकर 498 गायों के लापता होने की जानकारी दी थी. इसके अलावा उन्होंने प्रशासन से गायों को खोजने की अपील भी की थी लेकिन 2 माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से स्वामी कृष्णानंद समेत संत समाज नाराज है.

Swami Krishnanand Maharaj
स्वामी कृष्णानन्द महाराज (ETV Bharat)

स्वामी कृष्णानन्द महाराज छोड़ेंगे आश्रम

स्वामी कृष्णानन्द महाराज बीते कई दिनों से गायों की गुमशुदगी को लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उनका आरोप है कि "स्थानीय प्रशासन ने गायों के लापता होने को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है." उन्होंने नागदा विधायक पर भी मामले में पक्षपात के आरोप लगाए हैं. इस मुद्दे को लेकर देशभर से आए संतों और अनुयायियों ने विरोध स्वरूप मुंडन करवाकर अपनी नाराजगी जाहिर की. इसी नाराजगी के चलते कृष्णानंद महाराज ने अपना आश्रम छोड़ने का भी मन बना लिया है. स्वामी कृष्णानन्द महाराज 23 मार्च 2025 को हिमालय के लिए प्रस्थान करेंगे और वहीं साधना करेंगे.

मंदिर से लगी जमीन कब्रिस्तान और शमशान के लिए दान

गायों के लापता होने से स्वामी कृष्णानन्द महाराज आहत हैं. इसी के चलते उन्होंने घोषणा की है कि वे अपनी जमीन का एक हिस्सा कब्रिस्तान और एक हिस्सा शमशान के लिए दान में देंगे. शक्तिपीठ परिसर के पीछे का हिस्सा कब्रिस्तान के रूप में उपयोग में लाया जाएगा. बीच वाले हिस्से में सीमित गौशाला संचालित रहेगी. जिसमें 10 से 11 गौमाता रहेंगी और मां भगवती का मंदिर यथावत बना रहेगा.

उज्जैन: लेकोडिया गांव की गौशाला से 498 गायों के लापता होने के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. इससे आहत होकर मां बगलामुखी शक्तिपीठ खाचरोद के पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानन्द महाराज ने बड़ा फैसला लिया है. महाराज ने मंदिर से लगी अपनी 3 बीघा से अधिक जमीन कब्रिस्तान और शमशान के लिए दान देने की घोषणा की है. महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि शमशान भूमि पर सभी सुविधाओं से युक्त निर्माण कार्य पूरा करने के बाद वे 23 मार्च 2025 को हिमालय के लिए प्रस्थान करेंगे.

लेकोडिया की गौशाला से 498 गाय लापता

बता दें कि ग्राम लेकोडिया की गौशाला में 1028 गोवंश दर्ज हैं. जबकि पशु चिकित्सकों की रिपोर्ट में वहां मात्र 530 गायें ही हैं. इस मामले में स्वामी कृष्णानन्द ने 14 जनवरी को प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल को पत्र लिखकर 498 गायों के लापता होने की जानकारी दी थी. इसके अलावा उन्होंने प्रशासन से गायों को खोजने की अपील भी की थी लेकिन 2 माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से स्वामी कृष्णानंद समेत संत समाज नाराज है.

Swami Krishnanand Maharaj
स्वामी कृष्णानन्द महाराज (ETV Bharat)

स्वामी कृष्णानन्द महाराज छोड़ेंगे आश्रम

स्वामी कृष्णानन्द महाराज बीते कई दिनों से गायों की गुमशुदगी को लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उनका आरोप है कि "स्थानीय प्रशासन ने गायों के लापता होने को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है." उन्होंने नागदा विधायक पर भी मामले में पक्षपात के आरोप लगाए हैं. इस मुद्दे को लेकर देशभर से आए संतों और अनुयायियों ने विरोध स्वरूप मुंडन करवाकर अपनी नाराजगी जाहिर की. इसी नाराजगी के चलते कृष्णानंद महाराज ने अपना आश्रम छोड़ने का भी मन बना लिया है. स्वामी कृष्णानन्द महाराज 23 मार्च 2025 को हिमालय के लिए प्रस्थान करेंगे और वहीं साधना करेंगे.

मंदिर से लगी जमीन कब्रिस्तान और शमशान के लिए दान

गायों के लापता होने से स्वामी कृष्णानन्द महाराज आहत हैं. इसी के चलते उन्होंने घोषणा की है कि वे अपनी जमीन का एक हिस्सा कब्रिस्तान और एक हिस्सा शमशान के लिए दान में देंगे. शक्तिपीठ परिसर के पीछे का हिस्सा कब्रिस्तान के रूप में उपयोग में लाया जाएगा. बीच वाले हिस्से में सीमित गौशाला संचालित रहेगी. जिसमें 10 से 11 गौमाता रहेंगी और मां भगवती का मंदिर यथावत बना रहेगा.

Last Updated : March 22, 2025 at 5:14 PM IST
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