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उदयपुर बनेगा अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केंद्र, सदर और NIAC ने की पहल - MOU BETWEEN NIAC AND SADR

नेपाल अंतरराष्ट्रीय एडीआर सेंटर (NIAC) और उदयपुर के श्रीजी एसोसिएशन फॉर डिस्प्यूट रेजोल्यूशन (सदर) ने एमओयू पर साइन किया है.

Guests present during the MoU
एमओयू के दौरान उपस्थित अतिथि (ETV Bharat Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 6, 2025 at 8:47 PM IST

3 Min Read

उदयपुर: शहर के उदियापोल स्थित एक निजी होटल में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में नेपाल के प्रतिष्ठित नेपाल अंतरराष्ट्रीय एडीआर सेंटर (NIAC) और उदयपुर के श्रीजी एसोसिएशन फॉर डिस्प्यूट रेजोल्यूशन (सदर) ने विधिक शिक्षा और विधिक सेवा को लेकर एक महत्वपूर्ण सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत, नेपाल इंटरनेशनल एडीआर सेंटर अपने नेपाली अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत के साथ व्यापार आदि में उत्पन्न होने वाले विवादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) को बढ़ावा देने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विधिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर के सदर के साथ सहयोग करेगा.

एमओयू हस्ताक्षर समारोह में दोनों संस्थाओं ने बताया कि सदर अपनी स्थानीय भारतीय कानूनों की जानकारी की विशेषज्ञता के साथ अपने विशेषज्ञ मध्यस्थों के समूह के माध्यम से सेवाएं प्रदान करेगा. जिसमें माननीय उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त जस्टिस एवं रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश शामिल हैं. ये अनुभवी न्यायिक अधिकारी, जिन्होंने कई वर्षों तक न्याय के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी हैं, अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशेषज्ञता प्रदान करेंगे.

पढ़ें: राज्य-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में मध्यस्थता व्यवस्था की शुरुआत, मंत्री गोदारा बोले-बदलाव लाने में कारगर साबित होगा मीडिएशन

कार्यक्रम में रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिव सिंह चौहान ने कहा कि आज के समय में जब भारत के विभिन्न न्यायालयों में बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं, आम आदमी को न्याय मिलने में काफी समय लग जाता है. ऐसे में मध्यस्थता और मेडिएशन एक बहुत अच्छा विकल्प है, जिससे विवादों का निपटारा अपेक्षाकृत कम समय में हो जाता है और कोर्ट कचहरी की लंबी प्रक्रियाओं से मुक्ति मिलेगी. मध्यस्थता के फैसलों की मान्यता सिविल न्यायालयों के आदेश के समान ही होती है.

पढ़ें: कुचामन में लोक अदालत: न कोई जीता न कोई हारा, फिर भी हर चेहरे पर खुशी - Lok Adalat in Kuchaman

संस्था के हेमंत कुमार जोशी ने बताया कि सदर में माननीय उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त जस्टिस एवं रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीशों के अलावा विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ अधिवक्ता, इंजीनियर्स, बैंकिंग क्षेत्र के उच्च अधिकारियों का एक विस्तृत पैनल है, जो राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में अपनी सेवाएं दे रहा है. सदर स्थानीय स्तर पर निशुल्क कानूनी जानकारी एवं कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रयासरत है.

पढ़ें: कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ हिंसा बड़ी चुनौती, आसरा फाउंडेशन ने की तरफ न्यायिक अधिकारियों के साथ कार्यशाला - महिलाओं के साथ हिंसा

सदर के विदेश मामलों के निदेशक परिक्षित सिंह ने कहा कि उदयपुर का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए नेपाल इंटरनेशनल एडीआर सेंटर के साथ एमओयू करके उदयपुर में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की शुरुआत की जा रही है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम के मेहता, अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिव सिह चौहान, विशिष्ट अतिथि चेयरमैन एनआईएसी डॉ मुक्ति रिजल, मात्रिक नरूला, विजय भटनागर, भूपेंद्र जोशी, रबीना जंगम मौजूद रही.

उदयपुर: शहर के उदियापोल स्थित एक निजी होटल में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में नेपाल के प्रतिष्ठित नेपाल अंतरराष्ट्रीय एडीआर सेंटर (NIAC) और उदयपुर के श्रीजी एसोसिएशन फॉर डिस्प्यूट रेजोल्यूशन (सदर) ने विधिक शिक्षा और विधिक सेवा को लेकर एक महत्वपूर्ण सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत, नेपाल इंटरनेशनल एडीआर सेंटर अपने नेपाली अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत के साथ व्यापार आदि में उत्पन्न होने वाले विवादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) को बढ़ावा देने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विधिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर के सदर के साथ सहयोग करेगा.

एमओयू हस्ताक्षर समारोह में दोनों संस्थाओं ने बताया कि सदर अपनी स्थानीय भारतीय कानूनों की जानकारी की विशेषज्ञता के साथ अपने विशेषज्ञ मध्यस्थों के समूह के माध्यम से सेवाएं प्रदान करेगा. जिसमें माननीय उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त जस्टिस एवं रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश शामिल हैं. ये अनुभवी न्यायिक अधिकारी, जिन्होंने कई वर्षों तक न्याय के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी हैं, अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशेषज्ञता प्रदान करेंगे.

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कार्यक्रम में रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिव सिंह चौहान ने कहा कि आज के समय में जब भारत के विभिन्न न्यायालयों में बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं, आम आदमी को न्याय मिलने में काफी समय लग जाता है. ऐसे में मध्यस्थता और मेडिएशन एक बहुत अच्छा विकल्प है, जिससे विवादों का निपटारा अपेक्षाकृत कम समय में हो जाता है और कोर्ट कचहरी की लंबी प्रक्रियाओं से मुक्ति मिलेगी. मध्यस्थता के फैसलों की मान्यता सिविल न्यायालयों के आदेश के समान ही होती है.

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संस्था के हेमंत कुमार जोशी ने बताया कि सदर में माननीय उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त जस्टिस एवं रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीशों के अलावा विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ अधिवक्ता, इंजीनियर्स, बैंकिंग क्षेत्र के उच्च अधिकारियों का एक विस्तृत पैनल है, जो राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में अपनी सेवाएं दे रहा है. सदर स्थानीय स्तर पर निशुल्क कानूनी जानकारी एवं कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रयासरत है.

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सदर के विदेश मामलों के निदेशक परिक्षित सिंह ने कहा कि उदयपुर का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए नेपाल इंटरनेशनल एडीआर सेंटर के साथ एमओयू करके उदयपुर में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की शुरुआत की जा रही है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम के मेहता, अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिव सिह चौहान, विशिष्ट अतिथि चेयरमैन एनआईएसी डॉ मुक्ति रिजल, मात्रिक नरूला, विजय भटनागर, भूपेंद्र जोशी, रबीना जंगम मौजूद रही.

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