वाराणसी : स्वच्छता अभियान के कोआर्डिनेशन एवं फेरी पटरी, ठेला व्यवसायी प्रमोद निगम हत्याकांड में दोनों हमलावरों को कोर्ट ने दोषी पाया है. यह दोनों माफिया मुख्तार अंसारी के शूटर हैं. 8 साल पहले शौच करने से रोकने पर गोली मारकर घटना को अंजाम दिया था. जिसको कोर्ट ने क्रूरता माना है. फैसला 15 अप्रैल को सुनाया जाएगा. दोनों दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जिला जेल भेज दिया गया .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करने के बाद स्ट्रीट वेंडरों में स्वच्छता की अलख जगाने वाले प्रमोद कुमार निगम की निर्मम हत्या 8 वर्ष पूर्व 17 जनवरी 2017 को इंग्लिशिया लाइन चौराहे के पास भारतीय शिक्षा मंदिर के समीप की गई थी. परिजनों ने हत्या का मुकदमा सिगरा थाना में दर्ज कराया गया था. पुलिस दो अपराधियों को घंटी मिल से गिरफ्तार किया गया था, जिनकी पहचान मुख्तार अंसारी गैंग के कुख्यात शूटर नंदलाल राय उर्फ बबलू लंगड़ व शेषनाथ शर्मा के रूप में हुई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम ) यजुवेंद्र विक्रम सिंह ने पत्रावली का अवलोकन कर महत्वपूर्ण साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तगण नंदलाल राय उर्फ बबलू लंगड व शेषनाथ शर्मा को दोषी करार करार दे दिया. जिसका फैसला 15 अप्रैल सुनाया जाएगा.
मुकदमे के वादी अभिषेक निगम ने बताया कि उसके पिता प्रमोद निगम की हत्या के मुख्य आरोपियों को न्यायपालिका ने दोषसिद्ध कर दिया है. अभियुक्तों को दोषी करार देने की खबर सुनते ही स्ट्रीट वेंडरों ने प्रमोद निगम अमर रहे के नारे लगाते हुए न्यायपालिका को धन्यवाद ज्ञापित किया.
अभियोजन पक्ष की ओर से बहस शैलेन्द्र कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह और शासकीय अधिवक्ता ओंकारनाथ तिवारी, विनय कुमार सिंह और प्रमथेश पाण्डेय ने किया और बचाव पक्ष से श्रीनाथ त्रिपाठी ने पक्ष रखा.