लातेहारः भाकपा माओवादी संगठन के दो नक्सलियों ने मंगलवार को लातेहार एसपी कुमार गौरव और सीआरपीएफ के कमांडेंट यादराम बुनकर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला के रहने वाले नक्सली अमरजीत बृजिया और मिथलेश कोरबा शामिल है.
एसपी कुमार गौरव और कमांडेंट ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को माला पहनाकर स्वागत किया. वहीं एसपी ने क्षेत्र में सक्रिय अन्य नक्सलियों को चेतावनी भी दी कि नक्सली अपने हथियार पुलिस के आगे डाल दें या नहीं तो जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के रहने वाले दो नक्सली अमरजीत बृजिया और मिथलेश कोरबा लातेहार के छिपादोहर थाना क्षेत्र में सक्रिय थे. दोनों नक्सली कमांडर छोटू खरवार के दस्ते के प्रमुख सदस्य थे. इनके खिलाफ थाना में मामला भी दर्ज था. पुलिस के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे लगातार अभियान से नक्सलियों का संगठन भी काफी कमजोर हो गया. पुलिस की लगातार बढ़ रही दबिश को देखते हुए दोनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करने की योजना बनाई.
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर दोनों नक्सलियों ने मंगलवार को पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. लातेहार एसपी कार्यालय के सभागार में आयोजित समारोह में दोनों नक्सलियों को एसपी कुमार गौरव और सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर ने माला पहनाकर स्वागत किया. नक्सलियों के आत्मसमर्पण समारोह में डीएसपी भरत राम, थाना प्रभारी धीरज कुमार सुमित अन्य अधिकारियों ने भी नक्सलियों का स्वागत किया.
आत्म समर्पण करें नक्सली नहीं तो पुलिस करेगी खात्मा
लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि दोनों नक्सलियों के खिलाफ नक्सली हिंसा के मामले दर्ज थे. दोनों नक्सली कमांडर छोटू खरवार के दस्ते में सक्रिय रहते थे. उन्होंने कहा कि पुलिस के द्वारा लगातार की जा रही छापामारी तथा सरकार के आत्म समर्पण नीति से प्रभावित होकर दोनों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. एसपी ने इस दौरान क्षेत्र में सक्रिय अन्य नक्सलियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके पास अब कुछ ही समय शेष बचा हुआ है. यदि नक्सली अच्छी जिंदगी चाहते हैं तो पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण करें, नहीं तो पुलिस उनका खात्मा कर देगी.
यह नक्सलियों का अंतिम वर्ष है
इस संबंध में सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर ने कहा कि यह वर्ष नक्सलियों का अंतिम वर्ष है. नक्सलियों के पास दो ही विकल्प बचे हैं, या तो वह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें अथवा पुलिस के गोली का शिकार होने के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार की सुविधा दी जा रही है. परंतु जो नक्सली अभी-भी नक्सलवाद के रास्ते पर चलेंगे उनका खात्मा तय है.
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