भरतपुर. लोन दिलाने के नाम पर ठगी का जाल बिछाकर आमजन को लाखों की चपत लगाने वाले दो शातिर ठगों को उत्तर प्रदेश के आगरा और कानपुर से पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह गिरोह बेहद सुनियोजित तरीके से फर्जी दस्तावेज़ों, क्यूआर कोड और खाली चेक के सहारे लोगों को भरोसे में लेकर ठगी को अंजाम देता था.
28 फरवरी 2025 को भरतपुर निवासी आजम खान ने थाना मथुरागेट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दिनांक 5 नवम्बर 2024 को दो व्यक्ति उसकी दुकान (कन्नी गुर्जर चौराहा, भरतपुर) पर आए. उनमें से एक ने अपना नाम शैलेन्द्र (फतेहपुर सीकरी, आगरा) और दूसरे ने निजामुद्दीन (शाहगंज, आगरा) बताया. उन्होंने खुद को जिला उद्योग केन्द्र, भरतपुर का कर्मचारी बताते हुए प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत लोन दिलवाने की बात कही. आज़म खान ने 10 लाख रुपए के लोन की इच्छा जताई, जिस पर आरोपियों ने दस्तावेज़ (आधार, पैन, मार्कशीट आदि) के साथ 15,000 रुपए फाइल चार्ज बताकर ले लिए.
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बाद में आरोपी शैलेन्द्र ने 12 दिसम्बर 2024 को पीड़ित से केनरा बैंक, कृष्णा नगर शाखा भरतपुर में खाता खुलवाया और उसमें 58,353 रुपए जमा कराए. साथ ही लोन सिक्योरिटी के नाम पर एक हस्ताक्षर किया हुआ खाली चेक भी ले लिया. 15 जनवरी 2025 को पीड़ित के उसी बैंक खाते से चेक के माध्यम से 48 हजार की राशि निकाल ली गई. पीड़ित द्वारा संपर्क करने पर आरोपी के फोन बंद पाए गए. जांच में सामने आया कि उक्त आरोपियों ने भरतपुर शहर में करीब 15 लोगों के साथ इसी तरह ठगी की है.
ठगी का तरीका : सीओ शहर पंकज ने बताया कि आरोपियों ने लोन दिलाने के नाम पर शहर में पोस्टर चिपकाकर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाया. उन्होंने 15–20 व्यक्तियों से फाइल चार्ज के रूप में 15,000-15,000 रुपए वसूले. उनसे बैंक खाते खुलवाए और उनमें 50,000 रुपए तक की राशि गारंटी के नाम पर डलवाकर खाली चेक हासिल किए. बाद में चेक का इस्तेमाल कर बैंक से ₹48,000-₹49,000 तक की राशि निकाल ली गई. आरोपी स्वयं के खातों का प्रयोग न कर आगरा के एक ई-मित्र संचालक का QR कोड देकर राशि डलवाते थे ताकि पकड़े न जा सकें.
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प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए थाना मथुरागेट से एएसआई हरगोपाल सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें कांस्टेबल पवन कुमार व कांस्टेबल राकेश को शामिल किया गया. टीम ने तकनीकी सहायता, सीसीटीवी फुटेज और आसूचना तंत्र के माध्यम से आरोपियों की तलाश शुरू की. जांच में सामने आया कि दोनों आरोपी आगरा और कानपुर में छिपे हुए हैं. इसके बाद दिनांक 7 अप्रैल 2025 को टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए दोनों रवि कुमार (41) और सोनू उर्फ शैलेन्द (46) को अलग-अलग स्थानों से दबोच लिया. गिरफ़्तारी के दौरान ठगी में प्रयुक्त एक स्कूटी भी बरामद की गई. दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है, जिससे और भी खुलासे होने की संभावना है. दोनों आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने लोन दिलाने के नाम पर शहर में करीब 15–20 लोगों से लाखों रुपये की ठगी की है. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और पूरे नेटवर्क की तलाश में जुटी हुई है.