जोधपुर: भीतरी शहर के सराफा बाजार में पश्चिम बंगाल के दो कारीगर भाइयों की ओर से ज्वैलर्स के करीब दो करोड़ का सोना-चांदी-नकदी ले भागने का मामला सामने आया है. इसे लेकर कई ज्वैलर्स ने सदर बाजार थाने में मामला दर्ज कराया. पड़ताल में एक सीसीटीवी सामने आया, जिसमें कारीगर परिवार समेत कैब से रवाना होते दिख रहा है.
सदर बाजार थाना अधिकारी माणक राम ने बताया कि 14 परिवादियों की सामूहिक रिपोर्ट पर सोमवार को मामला दर्ज किया गया. इसमें पश्चिम बंगाल के हुबली ताजपुर निवासी एसके शमीम व एसके नसीम पर घड़ाई के लिए दिया 800 ग्राम सोना, 30 किलो चांदी और ज्वैलर्स के 28 लाख नगदी ले भागने का आरोप है. शमीम व नसीम यहां घोड़ों का चौक दूधेश्वर महादेव मंदिर के पीछे गंगा सदन मार्केट में एनएस ज्वैलर्स शॉप चलाते थे. ये करीब 15 साल से यहां काम कर रहे थे. इनके पास बाजार के ज्वैलर्स का काम आता था. साथ ही ग्राहक भी सीधे आ जाते थे, लेकिन लालच ने इन दोनों को चोर बना दिया.
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थाना अधिकारी माणक राम के अनुसार, रामेश्वर नगर निवासी प्रकाश सोनी ने रिपोर्ट दी कि शमीम व नसीम सोने-चांदी के आभूषण की घड़ाई करते थे. ठगों ने प्रकाश सोनी का 127 ग्राम सोना और 1.60 लाख नकदी, राहुल सोनी से 40 ग्राम फाइन सोना व 3 लाख नकदी, दलपत पालीवाल का 80 ग्राम फाइन सोना और 3 लाख नकदी, संदीप सोनी के 160 ग्राम फाइन सोना और 94 हजार नकदी, निंबाराम का 6 ग्राम फाइन सोना और करीब 7.86 लाख रुपए, रोहित का 50 ग्राम फाइन उत्तम सोनी का 100 ग्राम फाइन सोना, पंकज सोनी का 160 ग्राम सोने का 22 कैरेट सोने चांदी के आभूषण और नकदी लेकर भाग गए.
फुटेज में परिवार समेत नजर आए: पुलिस के अनुसार, ग्राहकों और व्यापारियों ने आभूषण बनवाने के लिए शमीम व नसीम को डेढ़ करोड़ का 80 तोला सोना, 30 किलो चांदी और 28 लाख रुपए नकदी दी थी, जिसे लेकर शमीम और नसीम भाग गए. लगातार फोन बंद आने पर ग्राहकों और व्यापारियों को अनहोनी का अंदेशा हुआ. जब वे कारीगर भाइयों के किराए के घर पहुंचे तो ताला लगा था. आसपास के फुटेज खंगाले, जिसमें वे कैब में सारा सामान लेकर परिवार के साथ जाते दिखे.
बिना वेरिफिकेशन रहते है कारीगर: जोधपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन सोनी ने बताया कि शहर में बड़ी संख्या में बंगाली कारीगर काम करते हैं. दुकान और मकान मालिक बिना वेरिफिकेशन इनको जगह दे देते हैं. हमने कई बार पुलिस से वेरिफिकेशन की मांग की. सरकार को ज्ञापन भी दिया. इसके अलावा ये कारीगर करोड़ों रुपए का सालाना टर्नओवर करते और बिना जीएसटी चुकाए सीधा ग्राहकों को माल भेजते हैं. इसकी भी जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो.