बीकानेर: राजस्थान के बीकानेर मुद्रा महोत्सव के तहत शुक्रवार को बीकानेर में पुराने नोटों और सिक्कों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. देश के अलग-अलग राज्यों से इन सिक्कों और नोटों का संग्रह करने वाले लोग बीकानेर पहुंचे और आम जनता के लिए आयोजित प्रदर्शनी में अपने संग्रह को प्रदर्शित किया. प्रदर्शनी के आयोजक किशन लाल सोनी ने बताया कि आम लोगों तक यह जानकारी होनी चाहिए कि पुराने समय में किस तरह की करेंसी चलती थी और किस तरह की मुद्रा होती थी और उसको लेकर आमजन में जागरूकता हो. इसीलिए इस तरह की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है.
ढाई हजार साल पुराने सिक्कों की हुई प्रदर्शनी : प्रदर्शनी में ढाई हजार साल पहले तत्कालीन कंधार जनपद जो कि अब अफगानिस्तान का हिस्सा है, के सिक्के भी प्रदर्शित हुए. इनको देखने के लिए आम लोगों में खासी रुचि देखने को मिली. सिक्कों के संग्रहकर्ता आर जी मारू ने कहा कि उनका परिवार तीन पीढ़ियों से इस काम को कर रहा है और उनके पास बेंगलुरु में एक ऑक्शन हाउस है. उन्होंने बताया कि हम सिक्कों का संगठन और खरीद करते हैं और बेचते भी हैं. इसके अलावा पुराने सिक्कों और मुद्राओं से संबंधित से एक पुस्तकालय भी संचालित कर रहे हैं, जहां करीब 5-6 हजार पुस्तकें हैं. इनका उपयोग इस विषय में रुचि लेने वाले शोधार्थी करते हैं.
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बीकानेर रियासत का मेडल भी : प्रदर्शनी में बीकानेर रियासत के तत्कालीन महाराजा गंगा सिंह की फोटो लगा सोने का मेडल भी प्रदर्शित किया गया है. मारू ने कहा कि इस मेडल को रियासत के उच्च पदाधिकारी ही पहनते थे.
ढाई रुपये का नोट भी दिखाया गया : प्रदर्शनी में करीब 106 साल पुराना ढाई रुपये का नोट भी प्रदर्शित किया गया है. इसके अलावा पुराने समय के सिक्के और अन्य उपकरण भी प्रदर्शित किए गए हैं. इसके अलावा आरबीआई की ओर से चलन से बाहर किए गए बंद किए गए नोट के साथ अलग-अलग सीरीज के यूनिक नंबर के नोट भी प्रदर्शित किए गए.