मधुबनी: बिहार के मधुबनी जिला न्यायाधीश प्रथम ने दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. दोनों आरोपियों को कोर्ट ने नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने का मामले में दोषी पाया है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों के ऊपर 1.20 लाख रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. सजा का ऐलान करते हुए जज ने इस घटना को जघन्य में भी जघन्यतम बताया है.
2023 में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या: सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि महादलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और साक्ष्य छिपाने की घटना जघन्य में भी जघन्यतम है. मामला जयनगर थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है.
कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा: सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दोनों आरोपियों को धारा 366(A), 376(D), 302/34, 4/6 पॉक्सो एक्ट और 3/5 SC/ST एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है. कोर्ट ने दोनों दोषियों को फांसी के साथ-साथ 1 लाख 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई. साल 2023 के जून में जयनगर थाना में आवेदन देकर परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी.
घर के बाहर से गायब हुई थी बच्ची: परिजनों ने पुलिस को बताया था कि घर के बगल में खेलते-खेलते बच्ची अचानक गायब हो गई और काफी खोजबीन के बावजूद उसका कहीं पता नहीं चला. बच्ची के पिता के लिखित आवेदन पर पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच शुरू की गई.
गमछे से गला घोंटकर की गई थी हत्या: इस दौरान मामले के अनुसंधानकर्ता दारोगा गोपाल कृष्ण ने अभियुक्त सुशील राय और अप्राथमिक अभियुक्त ओम कुमार झा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया.अनुसंधानकर्ता ने चार्जशीट में कोर्ट को बताया कि अभियुक्तों ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर गमछे से गोला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी.
एस्बेस्टस के नीचे से मिला था बच्ची का शव: इनकी निशानदेही पर एक कमरे में टूटे हुए एस्बेस्टस के नीचे से बच्ची के शव को बरामद किया गया था. इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल से दोनों अभियुक्तों का कपड़ा और हत्या में इस्तेमाल गमछा समेत अन्य साक्ष्यों को बरामद किया था. जिसके बाद कोर्ट ने चार्जशीट में आरोपित पर सभी धाराओं में आरोप गठन कर किया.
'जघन्य में भी जघन्यतम अपराध': मामले में न्यायाधीश ने अभियोजन के पक्ष से कुल 18 साक्षियों के बयान कलमबंद किए. न्याधीश सैयद मोहम्मद फजलुल बारी ने दोनों आरोपी सुशील कुमार राय और ओम कुमार झा को दोषी पाते हुए अपने फैसले में कहा कि यह घटना जघन्य में भी जघन्यतम की श्रेणी में आती है, इसलिए दोनों को फांसी और 1 लाख 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई जाती है.
"घटना 2023 की है. एक बच्ची को प्रलोभन देकर उसका अपहरण किया गया था. फिर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी. गवाहों और पुलिस के अनुसंधान के आधार पर कोर्ट ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा दी है और 1 लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना पीड़ित परिवार को दिया जाएगा."- दिनेश कामत, अधिवक्ता
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