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बिहार के VTR में मिला दुर्लभ भेड़िया सांप, इसकी खूबसूरती देख रह जाएंगे दंग - WOLF SNAKE IN BAGAHA

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एशिया में पाया जाने वाला दुर्लभ ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक मिला है. इस भेड़िया सांप की खूबसूरती दिल जीत लेगी.

WOLF SNAKE IN BAGAHA
ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 12, 2025 at 11:42 AM IST

3 Min Read

बगहा: बिहार के बगहा का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व न सिर्फ बाघों के लिए मशहूर है, बल्कि यहां कई प्रकार के विषैले और विषहीन सांपों की भी उपस्थिति पाई जाती है. इन्हीं में से एक है ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक, जो दुर्लभता और सुंदरता के कारण लोगों का खास ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है.

नाम डरावना मगर पूरी तरह विषहीन है भेड़िया सांप: भले ही इस सांप का नाम "वुल्फ स्नेक" यानी 'भेड़िया सांप' है, लेकिन यह अपने नाम के विपरीत है. ये न तो डरावना होता है और न ही जहरीला है. ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक वास्तव में एक आकर्षक और खूबसूरत सांप होता है, जिसकी लंबाई लगभग 55 सेंटीमीटर तक होती है. इसकी गिनती गैर विषैले सांपों में होती है.

दुर्लभ है ये भेड़िया सांप (ETV Bharat)

ये है एशिया में पाया जाने वाला दुर्लभ सांप: यह सांप केवल एशियाई महाद्वीप में पाया जाता है. भारत में इसकी उपस्थिति बहुत सीमित है. अब तक इसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में ही देखा गया है. बिहार में यह केवल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में ही मिला है. इसके अलावा यह म्यांमार, वियतनाम और हिमालय की तराई वाले क्षेत्रों में कभी-कभी दिखाई देता है.

8 साल पहले बिहार में दिखा ये सांप: इस दुर्लभ सांप को बिहार में पहली बार साल 2017 में नेचर एनवायरनमेंट वेलफेयर सोसाइटी (NEWS) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिषेक ने देखा और रिकॉर्ड किया था. हाल ही में वाल्मीकि नगर के विजयपुर इलाके में एक घर में फिर से इसकी मौजूदगी दर्ज की गई. अभिषेक का कहना है कि यह सांप इतना दुर्लभ है कि आम लोगों को शायद ही कभी दिखे. वे बताते हैं कि इसकी पहचान दो खास बिंदुओं (स्पॉट्स) से होती है, जो इसे अन्य वुल्फ स्नेक्स से अलग बनाते हैं.

WOLF SNAKE IN BAGAHA
बगहा में नजर आया भेड़िया सांप (ETV Bharat)

"यह सांप एशिया महादेश के अलावा और किसी जगह नहीं पाया जाता है. यह ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक काफी दुर्लभ सांप है. इसे साल 2017 में मैंने पहली बार वीटीआर में पाया था. बिहार में यह सांप सिर्फ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में ही देखने को मिला है. यह सांप जहरीला नहीं होता और महज 55 सेंटीमीटर तक लंबा होता है. नाम भले हीं वुल्फ स्नेक हो लेकिन देखने में काफी खूबसूरत होता है."-अभिषेक, प्रोजेक्ट मैनेजर, नेचर एनवायरनमेंट वेलफेयर सोसाइटी

VTR में पाए जाते हैं 45 से अधिक प्रजातियों के सांप: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में लगभग 45 अलग-अलग प्रजातियों के सांपों की मौजूदगी दर्ज की गई है. इनमें कुछ विषैले सांप जैसे कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, पिट वाइपर, आदि शामिल हैं. वहीं गैर विषैले सांपों में रैट स्नेक, कुकरी स्नेक, मॉक वाइपर, रेड सैंड बोआ और लंबी नाक वाला सांप जैसे प्रजातियां पाई जाती हैं.

पढ़ें-अनोखे हैं VTR के सांप, उड़ने वाले स्नेक से लेकर पाई जाती है सांपों की खास 5 प्रजातियां

बगहा: बिहार के बगहा का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व न सिर्फ बाघों के लिए मशहूर है, बल्कि यहां कई प्रकार के विषैले और विषहीन सांपों की भी उपस्थिति पाई जाती है. इन्हीं में से एक है ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक, जो दुर्लभता और सुंदरता के कारण लोगों का खास ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है.

नाम डरावना मगर पूरी तरह विषहीन है भेड़िया सांप: भले ही इस सांप का नाम "वुल्फ स्नेक" यानी 'भेड़िया सांप' है, लेकिन यह अपने नाम के विपरीत है. ये न तो डरावना होता है और न ही जहरीला है. ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक वास्तव में एक आकर्षक और खूबसूरत सांप होता है, जिसकी लंबाई लगभग 55 सेंटीमीटर तक होती है. इसकी गिनती गैर विषैले सांपों में होती है.

दुर्लभ है ये भेड़िया सांप (ETV Bharat)

ये है एशिया में पाया जाने वाला दुर्लभ सांप: यह सांप केवल एशियाई महाद्वीप में पाया जाता है. भारत में इसकी उपस्थिति बहुत सीमित है. अब तक इसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में ही देखा गया है. बिहार में यह केवल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में ही मिला है. इसके अलावा यह म्यांमार, वियतनाम और हिमालय की तराई वाले क्षेत्रों में कभी-कभी दिखाई देता है.

8 साल पहले बिहार में दिखा ये सांप: इस दुर्लभ सांप को बिहार में पहली बार साल 2017 में नेचर एनवायरनमेंट वेलफेयर सोसाइटी (NEWS) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिषेक ने देखा और रिकॉर्ड किया था. हाल ही में वाल्मीकि नगर के विजयपुर इलाके में एक घर में फिर से इसकी मौजूदगी दर्ज की गई. अभिषेक का कहना है कि यह सांप इतना दुर्लभ है कि आम लोगों को शायद ही कभी दिखे. वे बताते हैं कि इसकी पहचान दो खास बिंदुओं (स्पॉट्स) से होती है, जो इसे अन्य वुल्फ स्नेक्स से अलग बनाते हैं.

WOLF SNAKE IN BAGAHA
बगहा में नजर आया भेड़िया सांप (ETV Bharat)

"यह सांप एशिया महादेश के अलावा और किसी जगह नहीं पाया जाता है. यह ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक काफी दुर्लभ सांप है. इसे साल 2017 में मैंने पहली बार वीटीआर में पाया था. बिहार में यह सांप सिर्फ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में ही देखने को मिला है. यह सांप जहरीला नहीं होता और महज 55 सेंटीमीटर तक लंबा होता है. नाम भले हीं वुल्फ स्नेक हो लेकिन देखने में काफी खूबसूरत होता है."-अभिषेक, प्रोजेक्ट मैनेजर, नेचर एनवायरनमेंट वेलफेयर सोसाइटी

VTR में पाए जाते हैं 45 से अधिक प्रजातियों के सांप: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में लगभग 45 अलग-अलग प्रजातियों के सांपों की मौजूदगी दर्ज की गई है. इनमें कुछ विषैले सांप जैसे कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, पिट वाइपर, आदि शामिल हैं. वहीं गैर विषैले सांपों में रैट स्नेक, कुकरी स्नेक, मॉक वाइपर, रेड सैंड बोआ और लंबी नाक वाला सांप जैसे प्रजातियां पाई जाती हैं.

पढ़ें-अनोखे हैं VTR के सांप, उड़ने वाले स्नेक से लेकर पाई जाती है सांपों की खास 5 प्रजातियां

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