रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में शुमार द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि 14 अप्रैल को घोषित की जाएगी. इसके साथ ही चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से हिमालय रवाना होने की तिथि भी घोषित होगी. बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों और हक-हकूक धारियों की मौजूदगी में घोषित की जाएगी.
केदारनाथ मंदिर प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से भगवान मद्महेश्वर (मदमहेश्वर) के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि बैसाखी पर्व पर घोषित की जाएगी. जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. इसके साथ ही ओंकारेश्वर मंदिर में धीरे-धीरे शीतकालीन यात्रा भी परवान चढ़ने लगी है.
तुंगनाथ धाम के प्रबंधक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि भी वैशाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जाएगी. इस दौरान विद्वान आचार्य, मंदिर समिति के अधिकारियों और हक-हकूकधारी मौजूद रहेंगे.
18 अप्रैल को मंदिर समिति का 14 सदस्यीय दल केदारनाथ होगा रवाना: बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का 14 सदस्यीय एडवांस दल 18 अप्रैल को ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना होगा. यह दल आगामी 2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा 2025 की व्यवस्थाओं में जुट जाएगा.
मंदिर समिति की मानें तो आगामी 18 अप्रैल को ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना होने वाले एडवांस दल में सहायक अभियंता, फार्मसिस्ट, भंडार प्रभारी, अवर अभियंता, वर्क सुपरवाइजर, विद्युतकर्मी, स्वयंसेवक और सफाई कर्मचारी शामिल होंगे. एडवांस दल केदारनाथ धाम पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं में जुट जाएगा.
त्रियुगीनारायण में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 44 हजार के पार: शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में भी शीतकालीन यात्रा धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है. आगामी 14 अप्रैल से बैसाखी पर्व से शीतकालीन यात्रा में भारी वृद्धि होने के आसार बने हुए हैं. मंदिर समिति के मुताबिक, अभी तक त्रियुगीनारायण में 22 हजार 697 पुरुष, 19 हजार 856 महिलाएं, 1,683 बच्चे और 18 विदेशी पर्यटक को मिलाकर 44 हजार 254 लोग पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर चुके हैं.
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