धमतरी: तुसलीराम साहू धमतरी के चर्रा गांव में रहते हैं. नशे के खिलाफ लंबे वक्त से वो जनजागरुकता अभियान चला रहे हैं. नशे से होने वाले नुकसान को बताने के लिए वो साइकिल से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. तुलसीराम साहू कहते हैं कि नशे के चलते पूरा का पूरा परिवार उजड़ जाता है. नशे के चक्कर में फंसकर युवा बर्बाद हो रहा है. हिंदुस्तान का युवा देश का भविष्य है उसके भविष्य को बचाने के लिए वो साइकिल से लोगों को नशा छोड़ने की अपील करने निकले हैं.
नशे के खिलाफ साइकिल से संदेश: तुलसीराम साहू कहते हैं कि जब वो छोटे थे तो लोगों को नशा करते देखते थे, जिससे उनको दुख होता था. वो हमेशा ये सोचते थे कि कैसे लोगों को जागरुक किया जाए. जब वो बड़े हुए तो उन्होने सोचा कि क्यों न लोगों को नशे के खिलाफ जागरुक किया जाए. मन में ख्याल आते ही वो साइकिल के जरिए संदेश देने के लिए निकल पड़े.
नशे के खिलाफ ये यात्रा मैंने निकाली है. मेरी यात्रा पंजाब तक जाएगी. मैं बचपन से लोगों को जब नशा करते देखता था तो परेशान हो जाता था. लोगों को नशे के खिलाफ जागरुक करने के लिए मैंने ये यात्रा निकाली है. मेरी साइकिल मेरा रथ है. यात्रा पर मैं खाने का सामान साथ लेकर निकलता हूं. हर दिन मैं 80 से 100 किमी की यात्रा पूरी करता हूं: तुलसीराम साहू, साइकिल यात्रा पर निकला ग्रामीण
5वीं फेल हैं तुलसीराम: तुलसीराम साहू कहते हैं कि वो पांचवीं फेल हैं पर चाहते हैं देश के बेटियां और बेटे दोनों खूब पढ़ें. युवा नशे के दलदल में नहीं फंसे. अपनी साइकिल जिसे उन्होने 'दिल्ली उड़न दस्ता' नाम दिया है उससे रवाना होने से पहले मां विंध्यवासिनी देवी का आशीर्वाद लिया और दिल्ली के लिए रवाना हुए. परिवार के लोगों ने उनको गुलाब का फूल भेंटकर शुभकामानाएं दी.



नशा मुक्ति के खिलाफ तुलसीराम लड़ाई लड़ रहे हैं. आज वो अपनी यात्रा पर निकल रहे हैं. नशाबंदी के खिलाफ उनकी आवाज बुलंद हो लोग उनकी बातों को सुनें: रामबाई साहू, तुलसी के परिजन
कहां से मिली प्रेरणा: तुलसीराम साहू कहते हैं कि उनके छोटे भाई को नशे की लत थी. भाई का इलाज कराने के दौरान उनको ये लगा कि इस महामारी से सिर्फ एक दो लोग पीड़ित नहीं है बल्कि समाज का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित है. लोगों को जागरुक करने के लिए देशभर में घूमने और संदेश देने का फैसला किया.
नशा मुक्ति के खिलाफ अभियान चलाया जाना चाहिए. नशे के चलते घर परिवार उजड़ जाते हैं. तुलसीराम साहू तीसरी बार नशे के खिलाफ साइकिल लेकर लोगों को जगाने निकले हैं: राजू साहू, तुलसी के परिजन
पहले भी कर चुके हैं दो यात्रा: तुलसीराम साहू इससे पहले साल 2020 में नारी सुरक्षा को लेकर दिल्ली तक की यात्रा कर चुके हैं. दिल्ली जाने में उनको 15 दिन का वक्त लगा था. साल 2024 में वो अयोध्या दर्शन के लिए साइकिल से निकले थे. अयोध्या जाने में उनको 11 दिन का वक्त लगा था. इस बार वो नशामुक्ति का संदेश लेकर दिल्ली रवाना हुए हैं.