उत्तरकाशी: उत्तराखंड की सबसे लंबी चार किमी निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के आर-पार होने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग आगामी 16 अप्रैल को आर-पार हो जाएगी. इसके लिए एनएचआईडीसीएल और कार्यदायी संस्था की ओर से तैयारियां शुरू कर दी हैं. सुरंग के आर-पार होने पर वहां पर भव्य कार्यक्रम की तैयारी भी की जा रही हैं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत केंद्रीय राज्य सड़क एवं परिवहन मंत्री भी शिरकत कर सकते हैं.
नवंबर 2023 में सुरंग में फंस गए थे 41 मजदूर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट चारधाम सड़क परियोजना के तहत साल 2018-19 में यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव करीब 853.79 करोड़ की लागत से करीब चार किमी लंबी सुरंग का निर्माण शुरू किया गया था. निर्माणधीन सिलक्यारा टनल में नवंबर 2023 में अचानक मलबा आने से 41 मजदूर फंस गए थे. उन्हें 17 दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

16 अप्रैल को आर-पार करने का दावा: इसके बाद वहां पसरा करीब 60 मीटर मलबे को हटाना एनएचआईडीसीएल की कार्यदायी संस्था के लिए मुसीबत बना हुआ था. इस मलबे के कारण सुरंग निर्माण के कार्य प्रभावित हो रहे थे. वहां पर पोलगांव की ओर से सुरंग के आर-पार होने के लिए करीब 30 मीटर हिस्सा बचा था. इस पर कार्यदायी संस्था की ओर से तेजी से खुदाई कर 16 अप्रैल को आर-पार करने का दावा किया है.

खुदाई के लिए बचा 5 मीटर 20 सेंटीमीटर का हिस्सा: कंपनी के अधिकारियों ने बताया अब खुदाई के लिए मात्र 5 मीटर 20 सेंटीमीटर का हिस्सा बचा हुआ है. यह चार दिन के भीतर पूरा खोद दिया जाएगा. वहीं, करीब एक साल में इसको आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा. उसके बाद इस पर आवाजाही के लिए सुचारू किया जाएगा.

"आगामी 16 अप्रैल को सुरंग के आर-पार होने के लिए तैयारियां की जा रही हैं. इस मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसके निर्माण के दौरान साल 2023 में मलबा आने के कारण वहां पर 41 मजदूर 17 दिनों तक फंस गए थे. उन्हें दिन-रात के रेस्क्यू के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था. वहीं, इस सुरंग पर आवाजाही होने के बाद गंगा और यमुना घाटी के बीच की 40 किमी की दूरी कम हो जाएगी." - मो. शादाब, जीएम, एचआईडीसीएल
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