रांची: सरहुल की शोभा यात्रा के दौरान हुई झड़प के बाद आदिवासी समाज आक्रोशित है. आदिवासियों का आरोप है कि 1 अप्रैल को सरहुल की शोभायात्रा के दौरान पिठौरिया के बालु गांव स्थित हेटबालु टोली में हुई झड़प हुई थी, इसमें पाहन को निशाना बनाया गया. इस हमले को लेकर समाज में खासा आक्रोश दिख रहा है.
आदिवासी संगठनों ने जिला प्रशासन को दो टूक कह दिया है कि 24 घंटे के भीतर हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया तो पिठौरिया रोड ब्लॉक कर दिया जाएगा. जरुरत पड़ने पर पूरे राज्य में आंदोलन शुरू किया जाएगा. इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया तो पता चला कि एक मामूली बात को लेकर इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया गया.
प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की और कांके सरना समिति के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो ने प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि अगर हमलावरों को नहीं पकड़ा गया तो पिठौरिया रोड ब्लॉक कर दिया जाएगा. बाजार बंद करा दिया जाएगा. सरना समिति के नेताओं ने कहा कि आदिवासी समाज के लोग सभी धर्मों के त्यौहार में शामिल होते हैं. दूसरे धर्म के त्यौहार को बिल्कुल डिस्टर्ब नहीं किया जाता है. लेकिन हेटबालु में ईद के दौरान लगाए गए चमकीले पन्नी वाली झालर का डोर टूटने पर सुनियोजित तरीके से हमला बोल दिया गया. जहां यह घटना घटी, वहां दूसरे पक्ष के लोगों का सिर्फ एक मकान है. फिर भी बड़ी संख्या में लोग विवाद पैदा करने के लिए लोग जमा थे. धारदार हथियार से हमला बोला गया. इसमें पाहन समेत चार लोग जख्मी हो गए.
'एक दिन पहले से माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी. फिर भी आदिवासी समाज के लोगों ने शांति बरती. लेकिन शोभा यात्रा की तैयारी के दौरान प्लास्टिक से बना झालर की डोर टूटने पर हमला बोल दिया गया': हेटबालु निवासी अनीता कुमारी
फिलहाल, पूरे इलाके में तनाव की स्थिति है. हेटबालु में आदिवासी समाज के लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला है. एक शख्स ने बताया कि चंद शरारती तत्वों की वजह से सरहुल के अगले दिन होने वाली फुलखोसी की परंपरा भी डिस्टर्ब हो गई. वैसे घटना स्थल पर पुलिस की एक टीम भी तैनात है. पुलिस की ओर से लिखित आश्वासन दिया गया है कि 24 घंटे के भीतर नामजद हमलावरों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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