रांची: राजधानी रांची के सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद एक बार फिर गरमाता जा रहा है. सरहुल के बाद पहली बार बड़ी संख्या में आदिवासी संगठनों से जुड़े लोगों ने राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा के रिंग रोड स्थित आवास का घेराव किया.
सिरमटोली स्थित धार्मिक महत्व के प्राचीन सरना स्थल के मुख्य द्वार के सामने बन रहे डोरंडा-सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप के विरोध में आज कई आदिवासी संगठन एकजुट होकर मंत्री चमरा लिंडा के लोधाबगांव स्थित आवास का घेराव करने पहुंचे. आज के कार्यक्रम में पहुंचे आदिवासी समुदाय के लोगों में काफी आक्रोश देखा गया.
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से मंत्री आवास के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती की गई थी और कई लेयर में बैरिकेडिंग लगाई गई थी, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई.
आज के आंदोलन में शामिल अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की अध्यक्ष और राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि सिरमटोली सरना स्थल को बचाने के लिए बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मंत्री चमरा लिंडा के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने उनसे मिलने से भी इनकार कर दिया. बाहा लिंडा को सुबह-सुबह हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने बताया कि आज के कार्यक्रम में भारत आदिवासी पार्टी समेत कई सामाजिक संगठन शामिल थे.
राजधानी में निर्माणाधीन डोरंडा-सिरमटोली फ्लाईओवर का रैंप सरना स्थल के मुख्य द्वार के सामने पड़ रहा है. आदिवासी संगठनों का कहना है कि इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं और यह सांस्कृतिक विरासत पर सीधा हमला है. आदिवासी संगठन इस मुद्दे पर कई महीनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने मानव श्रृंखला, रांची बंद, मुख्यमंत्री के सामने प्रदर्शन तक किया है. आंदोलन का नेतृत्व कर रहीं गीताश्री उरांव ने कहा कि यह हमारी आस्था से जुड़ा मामला है, विभिन्न आदिवासी संगठनों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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