नई दिल्ली/नोएडा: ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से परिवहन विभाग के अधिकारी कड़ी कार्रवाई शुरू की गई थी. इसी क्रम में संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि शनिवार को ओवरलोडिंग पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 7 ओवरलोड वाहनों के खिलाफ चालान कर बादलपुर और सेक्टर 62 में निरुद्ध किया गया और प्रशमन शुल्क 6 लाख 37 हजार रुपए चार्ज किया गया.
एआरटीओ डॉ. उदित पांडेय ने ओवरलोडेड ट्रक चालकों, मिनी ट्रकों के संचालकों एवं वाहन चालकों को बताया कि वाहन में क्षमता से अधिक माल लादने से कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं. यह न केवल वाहन चालकों और सड़क पर चलने वालों के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान भी पहुंचाता है.
उन्होंने ओवरलोडिंग के नुकसान भी बताए-
- अधिक वजन के कारण ट्रक का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे ब्रेक फेल होने, टायर फटने या वाहन के पलटने की संभावना बढ़ जाती है. यह चालक और अन्य लोगों की जान को जोखिम में डालता है.
- ओवरलोडिंग से ट्रक के इंजन, सस्पेंशन, टायर और ब्रेक पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. इससे वाहन जल्दी खराब हो जाता है और मरम्मत का खर्च बढ़ता है.
- अधिक वजन वाले वाहन सड़कों पर गड्ढे और दरारें पैदा करते हैं, जिससे सड़कें जल्दी खराब होती हैं. इससे सरकार को बार-बार मरम्मत करानी पड़ती है, जो जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी के स्वरूप.
- ओवरलोडेड वाहनों को चलाने में अधिक ईंधन खर्च होता है, जिससे परिवहन लागत बढ़ती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.
- भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत ओवरलोडिंग गैरकानूनी है. पकड़े जाने पर भारी जुर्माना (20 हजार और 2 हजार रुपये प्रतिटन) वाहन जब्ती और चालक लाइसेन्स व परमिट निरस्तीकरण सहित अनेक कडी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
- ओवरलोडेड ट्रक धीमी गति से चलते हैं और बार-बार खराब होने की वजह से माल की डिलीवरी में देरी होती है, जिससे व्यापार पर असर पड़ता है.
उन्होंने सभी ट्रक चालकों, मालिकों और परिवहन व्यवसायियों से अपील करते हुए कहा कि वाहनों की निर्धारित क्षमता का सम्मान करें और ओवरलोडिंग से बचें. यह न केवल आपकी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि आपके वाहन की उम्र बढ़ाएगा, सड़कों को सुरक्षित रखेगा और पर्यावरण की रक्षा करेगा.
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