उत्तरकाशी: मैदानी इलाकों में गर्मी सितम ढा रही है. पहाड़ों में इन दिनों मौसम सुहावना हो रखा है. ठंडी-ठंडी हवाएं और सुंदर वादियों के साथ हिमालय की चोटियों पर चांदी सी बर्फ साफ नजर आ रही है. यही कारण है कि मैदानी इलाकों से पर्यटक पहाड़ों की तरफ रुख कर रहे हैं. उत्तरकाशी के पर्यटक स्थल डोडीताल जाने के लिए पर्यटक उमड़ रहे हैं.
डोडीताल ट्रेक के बेस कैंप अगोड़ा गांव में इन दिनों पर्यटकों की अच्छी आमद देखने को मिल रही है. होमस्टे फुल होने के कारण पर्यटक और ट्रेकर्स खेतों में टेंट लगा कैंपिंग का लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अभी तक डोडीताल ट्रेक कई जगह पेड़ गिरने के कारण बाधित है. पर्यटक अपने रिस्क पर वहां जा रहे हैं. साथ ही क्षेत्र की सड़क भी बदहाल है.
केलशू घाटी का अगोड़ा गांव डोडीताल ट्रेक का मुख्य पड़ाव है. इस गांव तक पर्यटक वाहन के माध्यम से पहुंच रहे हैं. उसके बाद करीब 15 से 16 किमी के पैदल ट्रेक से समुद्रतल से करीब 3000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित डोडीताल पहुंचते हैं. स्थानीय निवासी संजय पंवार और मुकेश पंवार ने बताया कि इन दिनों मौसम साफ है और प्रति दिन 50 से 100 पर्यटक डोडीताल के लिए पहुंच रहे हैं. इससे होमस्टे संचालकों को भी अच्छा लाभ हो रहा है. बीते रविवार को देहरादून के एक स्कूल के करीब 50 लोगों का दल अगोड़ा गांव पहुंचा. पर्यटक खेतों के बीच ही टेंट लगाकर कैंपिंग का लुत्फ उठा रहे हैं. पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि डोडीताल प्रदेश के सबसे पुराने ट्रेक में से एक है. इसके बावजूद भी शासन-प्रशासन की ओर से इसकी उपेक्षा की जा रही है.
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि डेढ़ माह पहले बर्फबारी के कारण ट्रेक पर गिरे पेड़ों को अभी तक वन विभाग ने हटाया नहीं है. इसलिए पर्यटक उस स्थान पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. वहीं क्षेत्र को जोड़ने वाली करीब 15 किमी लंबी सड़क भी बदहाल पड़ी हुई है. अगर यहां पर मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया जाए तो पर्यटन को नया आयाम मिल सकता है.
ये भी पढ़ें: मौसम खुलते ही बर्फ से पटे ट्रैकों का रुख करने लगे पर्यटक, ट्रैकर्स से गुलजार हुआ डोडिताल