ETV Bharat / state

हिमाचल में बौद्ध भिक्षु ने साकार किया प्रवासियों का ये सपना, सालों से झुग्गियों में बीत रही थी जिंदगी - TONGLEN CHARITABLE TRUST

चैतड़ू-सलांगड़ी में प्रवासियों के लिए टोंगलेन संस्था फरिश्ता बनकर आई है. ये संस्था इन्हें घर लेने के लिए मदद कर रही है.

टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने की प्रवासियों की मदद
टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने की प्रवासियों की मदद (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 18, 2025 at 5:40 PM IST

4 Min Read

धर्मशाला : धौलाधार पर्वत श्रृंखला की गोद में बसे धर्मशाला में कुछ प्रवासियों की झुग्गियां हैं. ये प्रवासी बाहरी राज्यों से आकर यहां सालों से यहां आकर रह रहे हैं. झुग्गियों में रह रहे इन लोगों का अपने घरों में रहने का सपना अब साकार हो गया है. टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने केंद्र सरकार की समेकित आवास एवं स्लम विकास योजना (Integrated Housing and Slum Development Scheme) के अंतर्गत धर्मशाला नगर निगम के सहयोग से चैतड़ू और सलांगड़ी के ऐसे दर्जनों गरीब लोगों को घर लेने में आर्थिक संबल एवं अन्य सहयोग प्रदान किया जो कई पीढ़ियों से इस दिन की प्रतीक्षा कर रहे थे.

टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक भिक्षु जामयांग ने बताया कि 'हमारी संस्था की ओर से चिन्हित 29 झुग्गीवासियों में से 10 को अपने स्लम वेलफेयर प्रोग्राम के तहत 25-25 हजार रुपए के चेक दिए गए. शेष 19 को जल्द ही ये राशि दी जाएगी. इससे पहले टोंगलेन की सहायता से 42 परिवार झुग्गी से निकल कर अपने घर में रह रहे हैं. टोंगलेन उन्हें गैस स्टोव एवं सिलेंडर, किचन के लिए आवश्यक बर्तन और बिस्तर उपहार में देता है. डेढ़ लाख रुपए की कीमत का मकान झुग्गी में रहने वाले लोगों को दिया जाता है. इसमें एक बेडरूम, एक लिविंग रूम, किचन और टॉयलेट और बिजली पानी की सुविधा होती है. केंद्र सरकार की इस योजना को धर्मशाला नगर निगम बेहतरीन ढंग से लागू कर रहा है.'

टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने की प्रवासियों की मदद (ETV Bharat)

हर मकान के लिए 25 हजार रुपये देती है टोंगलेन

टोंगलेन संस्था हर मकान के लिए 25 हजार रुपए दे रहा है. इसमें झुग्गीवासी अपनी तरफ से 25 हजार रुपए जोड़ते हैं. शेष एक लाख रुपए जुटाने के लिए भिक्षु जामयांग बैंक से लोन दिलाने अथवा अन्य स्रोतों से प्रबंध के लिए प्रयास करते हैं. मकान के हकदार बने ज्यादातर लोगों को टोंगलेन के प्रयास से धर्मशाला नगर निगम में आउटसोर्स पर सफाई का काम मिला है. इससे वो बैंक की किश्त चुका सकते हैं.

छह महीने तक चालू रहती है हेल्पलाइन

भिक्षु जामयांग के अनुसार 'केंद्र सरकार की योजना को धर्मशाला नगर निगम बेहतरीन ढंग से लागू कर रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल दशकों से झुग्गी में रह रहे मराठी और राजस्थानी मूल के लोगों के दस्तावेज तैयार करना होता है. टोंगलेन की टीम ने लगातार कोशिश करके उनके आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड एवं अन्य कागज तैयार कराए, ताकि उन्हें मकान मिल सकें. टोंगलेन की सहायता झुग्गीवासियों को सिर्फ घर दिलाने तक सीमित नहीं है. मकान मिलने के 6 महीने तक उनके लिए संस्था की हेल्पलाइन चालू रहती है ताकि कोई दिक्कत आने पर जरूरी रिपेयर या अन्य सहायता की जा सके.'

सुलीचंद को 40 साल बाद मिला मकान

टोंगलेन की सहायता से मकान मिलने के बाद बुजुर्ग सुलीचंद ने भावुक होकर कहा, " मैं 40 साल से झुग्गी में रह रहा था. कभी सोचा भी नहीं था कि मैं अपने घर में रहूंगा. भला हो टोंगलेन का जिनकी मदद से आज ये दिन देखने को मिला है. मेरे जैसे बहुत से लोगों और उनके बच्चों को नई जिंदगी मिली है." जन्म से झुग्गियों में रह रहीं नीलम, कल्पना और लताशा तो भिक्षु जामयांग से 25-25 हजार रुपए के चेक लेते हुए फूट-फूट कर रो पड़ीं. उन्होंने कहा, "हमें विश्वास ही नहीं हो रहा कि अब हम जल्द ही अपने घर में शिफ्ट हो जाएंगी. अब हम बच्चों की परवरिश और पढ़ाई ठीक ढंग से करा सकेंगे. जामयांग गुरू जी का शुक्रिया."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में गाड़ियों के फेंसी नंबर बिक्री से विभाग ने कमाए इतने करोड़, लोगों में बड़ा क्रेज

धर्मशाला : धौलाधार पर्वत श्रृंखला की गोद में बसे धर्मशाला में कुछ प्रवासियों की झुग्गियां हैं. ये प्रवासी बाहरी राज्यों से आकर यहां सालों से यहां आकर रह रहे हैं. झुग्गियों में रह रहे इन लोगों का अपने घरों में रहने का सपना अब साकार हो गया है. टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने केंद्र सरकार की समेकित आवास एवं स्लम विकास योजना (Integrated Housing and Slum Development Scheme) के अंतर्गत धर्मशाला नगर निगम के सहयोग से चैतड़ू और सलांगड़ी के ऐसे दर्जनों गरीब लोगों को घर लेने में आर्थिक संबल एवं अन्य सहयोग प्रदान किया जो कई पीढ़ियों से इस दिन की प्रतीक्षा कर रहे थे.

टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक भिक्षु जामयांग ने बताया कि 'हमारी संस्था की ओर से चिन्हित 29 झुग्गीवासियों में से 10 को अपने स्लम वेलफेयर प्रोग्राम के तहत 25-25 हजार रुपए के चेक दिए गए. शेष 19 को जल्द ही ये राशि दी जाएगी. इससे पहले टोंगलेन की सहायता से 42 परिवार झुग्गी से निकल कर अपने घर में रह रहे हैं. टोंगलेन उन्हें गैस स्टोव एवं सिलेंडर, किचन के लिए आवश्यक बर्तन और बिस्तर उपहार में देता है. डेढ़ लाख रुपए की कीमत का मकान झुग्गी में रहने वाले लोगों को दिया जाता है. इसमें एक बेडरूम, एक लिविंग रूम, किचन और टॉयलेट और बिजली पानी की सुविधा होती है. केंद्र सरकार की इस योजना को धर्मशाला नगर निगम बेहतरीन ढंग से लागू कर रहा है.'

टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने की प्रवासियों की मदद (ETV Bharat)

हर मकान के लिए 25 हजार रुपये देती है टोंगलेन

टोंगलेन संस्था हर मकान के लिए 25 हजार रुपए दे रहा है. इसमें झुग्गीवासी अपनी तरफ से 25 हजार रुपए जोड़ते हैं. शेष एक लाख रुपए जुटाने के लिए भिक्षु जामयांग बैंक से लोन दिलाने अथवा अन्य स्रोतों से प्रबंध के लिए प्रयास करते हैं. मकान के हकदार बने ज्यादातर लोगों को टोंगलेन के प्रयास से धर्मशाला नगर निगम में आउटसोर्स पर सफाई का काम मिला है. इससे वो बैंक की किश्त चुका सकते हैं.

छह महीने तक चालू रहती है हेल्पलाइन

भिक्षु जामयांग के अनुसार 'केंद्र सरकार की योजना को धर्मशाला नगर निगम बेहतरीन ढंग से लागू कर रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल दशकों से झुग्गी में रह रहे मराठी और राजस्थानी मूल के लोगों के दस्तावेज तैयार करना होता है. टोंगलेन की टीम ने लगातार कोशिश करके उनके आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड एवं अन्य कागज तैयार कराए, ताकि उन्हें मकान मिल सकें. टोंगलेन की सहायता झुग्गीवासियों को सिर्फ घर दिलाने तक सीमित नहीं है. मकान मिलने के 6 महीने तक उनके लिए संस्था की हेल्पलाइन चालू रहती है ताकि कोई दिक्कत आने पर जरूरी रिपेयर या अन्य सहायता की जा सके.'

सुलीचंद को 40 साल बाद मिला मकान

टोंगलेन की सहायता से मकान मिलने के बाद बुजुर्ग सुलीचंद ने भावुक होकर कहा, " मैं 40 साल से झुग्गी में रह रहा था. कभी सोचा भी नहीं था कि मैं अपने घर में रहूंगा. भला हो टोंगलेन का जिनकी मदद से आज ये दिन देखने को मिला है. मेरे जैसे बहुत से लोगों और उनके बच्चों को नई जिंदगी मिली है." जन्म से झुग्गियों में रह रहीं नीलम, कल्पना और लताशा तो भिक्षु जामयांग से 25-25 हजार रुपए के चेक लेते हुए फूट-फूट कर रो पड़ीं. उन्होंने कहा, "हमें विश्वास ही नहीं हो रहा कि अब हम जल्द ही अपने घर में शिफ्ट हो जाएंगी. अब हम बच्चों की परवरिश और पढ़ाई ठीक ढंग से करा सकेंगे. जामयांग गुरू जी का शुक्रिया."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में गाड़ियों के फेंसी नंबर बिक्री से विभाग ने कमाए इतने करोड़, लोगों में बड़ा क्रेज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.