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वाराणसी में रोप-वे के तीन स्टेशन 80% तैयार, मई से कर सकते हैं सफर, जानिये क्या मिलेगी सुविधा - VARANASI ROPEWAY PROJECT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रोप-वे के मई से चलने की संभावना है. तेजी से काम चल रहा है.

कैंट रोप-वे स्टेशन ऐसा ही बन रहा.
कैंट रोप-वे स्टेशन ऐसा ही बन रहा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : March 27, 2025 at 10:42 PM IST

Updated : March 28, 2025 at 3:02 PM IST

5 Min Read

वाराणसी : देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट सर्विस के रूप में रोपवे प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है. 8 साल के कार्यकाल को गिनाते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया था कि मई में इस प्रोजेक्ट को शुरु कर दिया जाएगी.

रोप-वे का काम तेजी से चल रहा है. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) की निगरानी में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस काम को पूरा कर रहा है. तीन स्टेशन अपने आप में बेहद खास हैं, क्योंकि इन्हीं तीन स्टेशनों से संचालन पहले शुरू किया जाएगा. इन तीन स्टेशनों में कैंट, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और रथयात्रा शामिल है.

प्रोजेक्ट पर एक नजर.
प्रोजेक्ट पर एक नजर. (Photo Credit; ETV Bharat)

चौथे और पांचवें स्टेशन पर भी काम जारी है. पिलर नंबर 29 पर विवाद होने के कारण मामला कोर्ट में है. यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रोजेक्ट में इन स्टेशनों की क्या भूमिका होगी. परियोजना का लाभ और सुविधाएं कैसे मिलेंगी.

जानिये खासियत.
जानिये खासियत. (Photo Credit; ETV Bharat)

सिर्फ 20% काम बचा : दरअसल, देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना का पहला चरण मई में पूरा हो जाएगा. कैंट, भारत माता मंदिर, विद्यापीठ और रथ यात्रा रोपवे का काम लगभग 80% से ज्यादा पूर्ण हो चुका है. 20% काम सिर्फ फिनिशिंग का बचा है.

अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी.
अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की प्रोजेक्ट मैनेजर पूजा मिश्रा ने बताया कि प्रोजेक्ट को हमें मई के फर्स्ट वीक तक हर हाल में हैंडओवर करने के लिए कह दिया गया है. हम स्टेशनों को फाइनल करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी.
अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

फर्श और दीवारों पर लग रहा चुनार का पत्थर : स्टेशन की दीवारों से लेकर फर्श तक की फिनिशिंग का काम शुरू हो गया है. चुनार का पत्थर फर्श और दीवारों पर लगाया जा रहा है. हर स्टेशन को बनारस की संस्कृति और सभ्यता के अनुसार एक अलग लुक देने का काम किया जा रहा है.

पूजा मिश्रा ने बताया, कैंट रेलवे स्टेशन पर मंदिर नुमा शिखर, विश्वनाथ मंदिर का शिखर, विद्यापीठ पर भगवान शंकर की मूर्ति के साथ भव्य स्टेशन का बाहरी लुक और रथयात्रा पर त्रिशूल और डमरू के साथ बाबा विश्वनाथ की छवि का अद्भुत रूप स्टेशनों पर दिखाई देगा.

रोप-वे का मॉडल.
रोप-वे का मॉडल. (Photo Credit; ETV Bharat)

इंटीरियर का चल रहा काम : मुंबई के इंटीरियर डेकोरेटर और विशेषज्ञों की एक स्पेशल टीम इस पूरे प्रोजेक्ट को फाइनल करने में जुटी हुई है. सबसे बड़ी बात यह है कि वाराणसी के रोपवे स्टेशनों को मेट्रो स्टेशनों की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है.

रोप-वे का मॉडल.
रोप-वे का मॉडल. (Photo Credit; ETV Bharat)

यहां पर डिजिटल टिकट और डिजिटल ओपनिंग एंट्री पॉइंट बनाये जा रहे हैं, ताकि किसी को टिकट चेक करने के लिए अलग से अप्वॉइंट ना करना पड़े. ऐसी मशीन और एंट्री प्वाइंट्स लगाए जाएंगे जो टोकन काउंटर टिकट पर स्कैन करने के साथ ही ओपन हो जाएंगे और एंट्री मिलेगी, जैसे मेट्रो स्टेशनों और एयरपोर्ट पर होते हैं.

रोप-वे का मॉडल.
रोप-वे का मॉडल. (Photo Credit; ETV Bharat)

ऑटो रिक्शा की तरह होगा किराया : तीनों स्टेशनों पर 14 एलीवेटर और 13 एक्सीलरेटर लगाये जायेंगे. तीन टिकट काउंटर और 5 वेंडिंग मशीन हर स्टेशन पर लगाने की व्यवस्था की गई है. फिलहाल माना जा रहा है कि ऑटो रिक्शा की तरह ही रोपवे का कैंट से गोदौलिया तक का सफर लगभग 60 रुपये और रथ यात्रा तक का सफर लगभग 40 रुपये हो सकता है.

फिलहाल रथयात्रा पर बनाये जा रहे रोपवे स्टेशन के साथ ही कैंट रोपवे स्टेशन पर यात्रियों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी. यहां वेटिंग हॉल के साथ फूड कोर्ट, किड्स जोन और अन्य कई तरह की हाईटेक सुविधाओं के साथ शौचालय की भी अच्छी व्यवस्था दी जायेगी.

15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि दूसरे चरण में गिरिजाघर और गोदौलिया स्टेशन का काम पूरा किया जायेगा. पिलर नंबर 29 जो गोदौलिया चौराहे के पास है वहां का विवाद सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है, जिसकी वजह से कुछ जगहों पर काम रुका है.

15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद यह क्लियर होगा कि यहां काम होगा कि नहीं. इस जमीन पर तीन बहनों की हिस्सेदारी और मुआवजे की रकम न मिल पाने के कारण तीनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

810 करोड़ का है प्रोजेक्ट : लगभग 810 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होने वाली परियोजना में फिलहाल कैंट, भारत माता मंदिर, विद्यापीठ और रथयात्रा का यह स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण है और इसे फाइनल रूप देने के साथ इसकी भव्यता को निखारने का काम जोर-जोर से किया जा रहा है. यहां पार्किंग की सुविधा भी बाहर अलग से उपलब्ध होगी ताकि गाड़ियों के पार्किंग का प्रबंध भी स्टेशन के पास ही किया जा सके.

प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि कैंट पर छह लिफ्ट और चार एस्केलेटर लगाए जाएंगे. यहां एक टिकट काउंटर और तीन वेंडिंग मशीन लगेगी जबकि विद्यापीठ पर चार लिफ्ट और चार एस्केलेटर के साथ एक टिकट काउंटर एक वेंडिंग मशीन की सुविधा होगी. रथयात्रा पर चार लिफ्ट पांच एस्केलेटर तीन टिकट काउंटर और 5 वेंडिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

यह भी पढ़ें: वाराणसी के कैंट स्टेशन की हो रही साइंटिफिक स्टडी, AI की नजर में होंगे पैसेंजर्स, जानिये क्या है भीड़ कंट्रोल करने की प्लानिंग

वाराणसी : देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट सर्विस के रूप में रोपवे प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है. 8 साल के कार्यकाल को गिनाते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया था कि मई में इस प्रोजेक्ट को शुरु कर दिया जाएगी.

रोप-वे का काम तेजी से चल रहा है. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) की निगरानी में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस काम को पूरा कर रहा है. तीन स्टेशन अपने आप में बेहद खास हैं, क्योंकि इन्हीं तीन स्टेशनों से संचालन पहले शुरू किया जाएगा. इन तीन स्टेशनों में कैंट, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और रथयात्रा शामिल है.

प्रोजेक्ट पर एक नजर.
प्रोजेक्ट पर एक नजर. (Photo Credit; ETV Bharat)

चौथे और पांचवें स्टेशन पर भी काम जारी है. पिलर नंबर 29 पर विवाद होने के कारण मामला कोर्ट में है. यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रोजेक्ट में इन स्टेशनों की क्या भूमिका होगी. परियोजना का लाभ और सुविधाएं कैसे मिलेंगी.

जानिये खासियत.
जानिये खासियत. (Photo Credit; ETV Bharat)

सिर्फ 20% काम बचा : दरअसल, देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना का पहला चरण मई में पूरा हो जाएगा. कैंट, भारत माता मंदिर, विद्यापीठ और रथ यात्रा रोपवे का काम लगभग 80% से ज्यादा पूर्ण हो चुका है. 20% काम सिर्फ फिनिशिंग का बचा है.

अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी.
अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की प्रोजेक्ट मैनेजर पूजा मिश्रा ने बताया कि प्रोजेक्ट को हमें मई के फर्स्ट वीक तक हर हाल में हैंडओवर करने के लिए कह दिया गया है. हम स्टेशनों को फाइनल करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी.
अत्याधुनिक सुविधाएं भी रहेंगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

फर्श और दीवारों पर लग रहा चुनार का पत्थर : स्टेशन की दीवारों से लेकर फर्श तक की फिनिशिंग का काम शुरू हो गया है. चुनार का पत्थर फर्श और दीवारों पर लगाया जा रहा है. हर स्टेशन को बनारस की संस्कृति और सभ्यता के अनुसार एक अलग लुक देने का काम किया जा रहा है.

पूजा मिश्रा ने बताया, कैंट रेलवे स्टेशन पर मंदिर नुमा शिखर, विश्वनाथ मंदिर का शिखर, विद्यापीठ पर भगवान शंकर की मूर्ति के साथ भव्य स्टेशन का बाहरी लुक और रथयात्रा पर त्रिशूल और डमरू के साथ बाबा विश्वनाथ की छवि का अद्भुत रूप स्टेशनों पर दिखाई देगा.

रोप-वे का मॉडल.
रोप-वे का मॉडल. (Photo Credit; ETV Bharat)

इंटीरियर का चल रहा काम : मुंबई के इंटीरियर डेकोरेटर और विशेषज्ञों की एक स्पेशल टीम इस पूरे प्रोजेक्ट को फाइनल करने में जुटी हुई है. सबसे बड़ी बात यह है कि वाराणसी के रोपवे स्टेशनों को मेट्रो स्टेशनों की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है.

रोप-वे का मॉडल.
रोप-वे का मॉडल. (Photo Credit; ETV Bharat)

यहां पर डिजिटल टिकट और डिजिटल ओपनिंग एंट्री पॉइंट बनाये जा रहे हैं, ताकि किसी को टिकट चेक करने के लिए अलग से अप्वॉइंट ना करना पड़े. ऐसी मशीन और एंट्री प्वाइंट्स लगाए जाएंगे जो टोकन काउंटर टिकट पर स्कैन करने के साथ ही ओपन हो जाएंगे और एंट्री मिलेगी, जैसे मेट्रो स्टेशनों और एयरपोर्ट पर होते हैं.

रोप-वे का मॉडल.
रोप-वे का मॉडल. (Photo Credit; ETV Bharat)

ऑटो रिक्शा की तरह होगा किराया : तीनों स्टेशनों पर 14 एलीवेटर और 13 एक्सीलरेटर लगाये जायेंगे. तीन टिकट काउंटर और 5 वेंडिंग मशीन हर स्टेशन पर लगाने की व्यवस्था की गई है. फिलहाल माना जा रहा है कि ऑटो रिक्शा की तरह ही रोपवे का कैंट से गोदौलिया तक का सफर लगभग 60 रुपये और रथ यात्रा तक का सफर लगभग 40 रुपये हो सकता है.

फिलहाल रथयात्रा पर बनाये जा रहे रोपवे स्टेशन के साथ ही कैंट रोपवे स्टेशन पर यात्रियों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी. यहां वेटिंग हॉल के साथ फूड कोर्ट, किड्स जोन और अन्य कई तरह की हाईटेक सुविधाओं के साथ शौचालय की भी अच्छी व्यवस्था दी जायेगी.

15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि दूसरे चरण में गिरिजाघर और गोदौलिया स्टेशन का काम पूरा किया जायेगा. पिलर नंबर 29 जो गोदौलिया चौराहे के पास है वहां का विवाद सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है, जिसकी वजह से कुछ जगहों पर काम रुका है.

15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद यह क्लियर होगा कि यहां काम होगा कि नहीं. इस जमीन पर तीन बहनों की हिस्सेदारी और मुआवजे की रकम न मिल पाने के कारण तीनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

810 करोड़ का है प्रोजेक्ट : लगभग 810 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होने वाली परियोजना में फिलहाल कैंट, भारत माता मंदिर, विद्यापीठ और रथयात्रा का यह स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण है और इसे फाइनल रूप देने के साथ इसकी भव्यता को निखारने का काम जोर-जोर से किया जा रहा है. यहां पार्किंग की सुविधा भी बाहर अलग से उपलब्ध होगी ताकि गाड़ियों के पार्किंग का प्रबंध भी स्टेशन के पास ही किया जा सके.

प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि कैंट पर छह लिफ्ट और चार एस्केलेटर लगाए जाएंगे. यहां एक टिकट काउंटर और तीन वेंडिंग मशीन लगेगी जबकि विद्यापीठ पर चार लिफ्ट और चार एस्केलेटर के साथ एक टिकट काउंटर एक वेंडिंग मशीन की सुविधा होगी. रथयात्रा पर चार लिफ्ट पांच एस्केलेटर तीन टिकट काउंटर और 5 वेंडिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

यह भी पढ़ें: वाराणसी के कैंट स्टेशन की हो रही साइंटिफिक स्टडी, AI की नजर में होंगे पैसेंजर्स, जानिये क्या है भीड़ कंट्रोल करने की प्लानिंग

Last Updated : March 28, 2025 at 3:02 PM IST
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