वाराणसी : साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर 40 लाख रुपए की ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद हुआ है. आरोपियों ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड अस्सिटेंट रजिस्ट्रार को डिजिटल अरेस्ट कर 49.40 लाख रुपए की ठगी की थी. आरोपी हवाला के जरिए ठगी की रकम बाहर भेजते थे. एक आरोपी बी.काम का स्टूडेंट है. टेलीग्राम के जरिए तीनों की दोस्ती हुई थी.
एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने बताया, महमूरगंज के रहने वाले सुभाषचन्द्र ने 11 मई को साइबर क्राइम थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंंने बताया था कि साइबर अपराधियों ने उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर कुल 49,40,000 की ठगी की है. थाना साइबर क्राइम में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.
इंस्पेक्टर विजय कुमार यादव के नेतृत्व में टीम बनाई गई. टीम ने सर्विलांस और मुखबिर के जरिए ती शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अभियुक्तों में लखनऊ के सदर बाजार निवासी गौरव जायसवाल (22), सीतापुर के खैराबाद थाना निवासी ताबिश उर रहमान (21) और सीतापुर का ही असद वकील खान (27) है. एडीसीपी क्राइम ने बताया कि ये हवाला के जरिए पैसा बाहर भेजते थे. उसकी भी जांच चल रही है. इसमें कुछ लोग चिन्हित किए गए हैं. जल्द ही उनका खुलासा किया जाएगा.
एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने बताया, गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी आम नागरिकों को पैसे का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाता खुलवाते थे. खाताधारकों को थोड़ी धनराशि देकर उनकी पूरी बैंकिंग किट अपने कब्जे में ले लेते थे.
इसके बाद खातों का उपयोग डिजिटल हाउस अरेस्ट और इन्वेस्टमेंट से जुड़ी ठगी में किया जाता था. ठगी की धनराशि इन खातों में मंगवाई जाती थी, जिसे कई खातों में ट्रांसफर कर नकद निकाल लिया जाता और फिर हवाला के जरिए दुबई पैसा भेजा जाता था.
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