रायपुर: राज्य सरकार ने पेट्रोल पंपों को लेकर बड़ा फैसला किया है. राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट्स यानि पेट्रोल पंपों के लिए राज्य स्तर पर लाइसेंस लेने की जरुरत को खत्म कर दिया गया है. इस बात का फैसला सोमवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से लिया गया. फैसले के बाद बाकायदा इसकी एक अधिसूचना भी लागू की गई. अधिसूचना के मुताबिक तेल पंपों के लिए अब व्यापारियों को केंद्रीय पेट्रोलियम अधिनियम के नियमों का पालन करना पड़ेगा. पुरानी प्रक्रिया जटिल थी जिसे अब आसान बना दिया गया.
पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस की नहीं जरुरत: पुराने नियमों के मुताबिक पूर्व में पेट्रोल पंप को शुरु करने के लिए इच्छुक लोगों को कलेक्टर के जरिए खाद्य विभाग से खरीदी और बिक्री का लाइसेंस लेना होता था. हर तीसरे साल व्यापारी को अपने लाइसेंस भी रिन्यू कराने होते थे. केंद्र और राज्य शासन दोनों जगहों से परमिशन लेनी होती थी. इस लंबी और जटिल प्रक्रिया से पेट्रोल पंप लेने और चलाने वाले दोनों परेशान होते थे. समय के साथ पैसे का खर्च भी बढ़ता था. अब प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है. नई प्रक्रिया से नियम सरह होंगे साथ ही पेट्रोल पंप लेने वालों का खर्चा भी बचेगा.
व्यापारियों को होगा फायदा: कागजी कार्रवाई कम होने से व्यापारी परेशानी से बचेंगे और नए पेट्रोल पंप खोलना उनके लिए आसान होगा. जो छोटे व्यापारी हैं उनको सबसे ज्यादा लाभ होगा. पेट्रोल पंप खोलने की नई प्रक्रिया से दूर दराज के इलाकों में लोगों को फायदा होगा, लोग इस क्षेत्र में व्यापार के लिए आगे आएंगे. ग्रामीण इलाकों में जहां पेट्रोल पंप कम हैं वहां इनकी संख्या बढ़ेगी. लोगों को भी आसानी से पेट्रोल और डीजल मिल सकेगा.
अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती: नियमों के सरल किए जाने से इस कारोबार में प्रतिस्पर्था भी बढ़ेगी और आय के साधन भी बढे़ंगे. शासन को भी टैक्स के रुप में ज्यादा आमदनी होगी. जब टैक्स ज्यादा मिलेंगे तो जाहिर तौर पर हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. टैक्स के पैसों से प्रदेश में विकास के कामों में तेजी आएगी.