नई दिल्ली: गाजियाबाद में एचआईवी संक्रमण टैटू बनवाने से नहीं हो रहा है. सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने इस बात से इनकार किया है. साथ ही, इस भ्रांति को भी दूर किया है. उन्होंने बताया कि ट्रांसमिट होने के दो मुख्य कारण हैं. पहला कारण सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज और दूसरा ड्रग ए़़डिक्शन. ड्रग एडिक्ट द्वारा इस्तेमाल की हुई सिरिंज का इस्तेमाल करना प्रमुख कारणों में से एक है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन के मुताबिक गाजियाबाद में एचआईवी एड्स के 2160 मामले एक्टिव हैं. सभी 2160 मरीज के HIV उपचार की प्रक्रिया चल रही है. अक्टूबर 2024 में गाजियाबाद में टेस्टिंग के दौरान एचआईवी एड्स के 51 मामले सामने आए हैं. फिलहाल गाजियाबाद में एचआईवी एड्स को लेकर किसी भी प्रकार की पैनिक की स्थिति नहीं है. गाजियाबाद में हालात सामान्य हैं.
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चिन्हित किए गए हाई रिस्क क्षेत्र
एचआईवी एड्स की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार कवायद की जा रही है. सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन ने कहा है कि उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद एचआईवी एड्स का हाई क्षेत्र जोन है. रोजगार के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों से लोग गाजियाबाद आते हैं. ऐसे में बड़े स्तर पर लोगों को एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित किए गए हाई रिस्क क्षेत्र में कैंप का आयोजन किया जाता है. साथ ही आशा और एएनएम के माध्यम से भी लोगों को एचआईवी एड्स से बचाव और रोकथाम के बारे में बताया जाता है.
एचआईवी एड्स होने के कारण क्या हैं?
गाजियाबाद में एचआईवी एड्स के जो मामले सामने आए हैं, उनमें से अधिकतर मामलों में एचआईवी एड्स होने का कारण सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है. ड्रग एडिक्ट्स में भी एचआईवी पाया गया है. फिलहाल, गाजियाबाद में टैटू बनवाने से एचआईवी एड्स होने का कोई मामला सामने नहीं आया है. सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन का कहना है कि टैटू बनवाने से गाजियाबाद में लोग एचआईवी एड्स से संक्रमित हुए हैं. इस तरह का कोई भी डाटा गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है.
स्वास्थ्य विभाग एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक
टेस्टिंग के दौरान एचआईवी एड्स की पुष्टि होने के बाद मरीज की कॉन्टैक्ट्स ट्रैकिंग की जाती है. ऐसे में कांटेक्ट ट्रैकिंग के दौरान जो भी लोग चिन्हित होते हैं. उनकी भी एचआईवी एड्स की जांच कराई जाती है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग विभिन्न माध्यमों से लोगों को एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गाजियाबाद में हर दिन सरकारी और निजी अस्पतालों में करीब हजार से अधिक एचआईवी जांच होती हैं.
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