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गिरफ्तारी को लेकर दिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना करें पुलिस अधिकारी- आयोग - STATE HUMAN RIGHTS COMMISSION

राज्य मानवाधिकार आयोग ने एक मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिए हैं.

SUPREME COURT INSTRUCTIONS,  STATE HUMAN RIGHTS COMMISSION
राज्य मानवाधिकार आयोग ने दिए निर्देश. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 26, 2025 at 8:23 PM IST

2 Min Read

जयपुरः राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि आपराधिक मामले में व्यक्ति की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से साल 1996 में दिए दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना की जाए. इसके साथ ही आयोग ने इस आदेश की पालना के लिए आदेश की कॉपी मुख्य सचिव, डीजीपी, एसीएस गृह और दौसा कलेक्टर व एसपी को भेजी है.

इसके साथ ही आयोग ने एक प्रकरण में परिवादी के परिजनों से मारपीट करने और महिला पुलिसकर्मी की गैरमौजूदगी में महिलाओं को सूर्योदय से पूर्व गिरफ्तार करने के दोषी तत्कालीन सैंथल थानाधिकारी एसआई अजीत बडसरा और कांस्टेबल धर्मसिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है. आयोग सदस्य आरसी झाला ने यह आदेश मामले में विजेन्द्र की ओर से पेश परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ेंः हिरासत में मौत पर मानवाधिकार आयोग ने लिया प्रसंज्ञान, की ये सिफारिश

परिवाद में कहा गया कि सैंथल में पट्टाशुदा जमीन खरीदकर उस पर दो साल से काबिज है. इस जमीन का एक व्यक्ति ने फर्जी पट्टा बना लिया. इसकी सैंथल थाने में शिकायत दी गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर अदालती आदेश से मामला दर्ज किया गया. दूसरी ओर सैंथल ग्राम पंचायत ने भी प्रार्थी के पट्टे को वैध बताया. परिवाद में कहा गया कि 19 दिसंबर, 2021 की रात आरोपियों ने पुलिस से मिलीभगत कर उसकी जमीन पर धावा बोल दिया और परिवादी व उसके परिजनों से मारपीट की. वहीं, अपने अधीनस्थ कर्मचारी से प्रार्थी के खिलाफ एससी एसटी व राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करा दिया. वहीं, घर की महिलाओं को सूर्योदय से पूर्व बिना महिला पुलिस की मौजूदगी में गिरफ्तार किया और मेडिकल भी नहीं कराया.

जयपुरः राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि आपराधिक मामले में व्यक्ति की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से साल 1996 में दिए दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना की जाए. इसके साथ ही आयोग ने इस आदेश की पालना के लिए आदेश की कॉपी मुख्य सचिव, डीजीपी, एसीएस गृह और दौसा कलेक्टर व एसपी को भेजी है.

इसके साथ ही आयोग ने एक प्रकरण में परिवादी के परिजनों से मारपीट करने और महिला पुलिसकर्मी की गैरमौजूदगी में महिलाओं को सूर्योदय से पूर्व गिरफ्तार करने के दोषी तत्कालीन सैंथल थानाधिकारी एसआई अजीत बडसरा और कांस्टेबल धर्मसिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है. आयोग सदस्य आरसी झाला ने यह आदेश मामले में विजेन्द्र की ओर से पेश परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.

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परिवाद में कहा गया कि सैंथल में पट्टाशुदा जमीन खरीदकर उस पर दो साल से काबिज है. इस जमीन का एक व्यक्ति ने फर्जी पट्टा बना लिया. इसकी सैंथल थाने में शिकायत दी गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर अदालती आदेश से मामला दर्ज किया गया. दूसरी ओर सैंथल ग्राम पंचायत ने भी प्रार्थी के पट्टे को वैध बताया. परिवाद में कहा गया कि 19 दिसंबर, 2021 की रात आरोपियों ने पुलिस से मिलीभगत कर उसकी जमीन पर धावा बोल दिया और परिवादी व उसके परिजनों से मारपीट की. वहीं, अपने अधीनस्थ कर्मचारी से प्रार्थी के खिलाफ एससी एसटी व राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करा दिया. वहीं, घर की महिलाओं को सूर्योदय से पूर्व बिना महिला पुलिस की मौजूदगी में गिरफ्तार किया और मेडिकल भी नहीं कराया.

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