जयपुर: पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुड़े एकल पट्टा प्रकरण में गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई अधूरी रही. अदालत मामले में 7 अप्रैल को सुनवाई करेगी. सीजे एमएम श्रीवास्तव की एकलपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार और शांति धारीवाल सहित अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले अशोक पाठक को प्रकरण में पक्षकार बनाने को लेकर एकलपीठ में गुरुवार को बहस हुई. अदालती समय पूरा होने के चलते बहस पूरी नहीं हुई. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई टाल दी. अशोक पाठक के मामले में पक्षकार बनने पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल व अन्य के अधिवक्ताओं की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि उनकी मामले के आरोपियों की ओर से दायर याचिकाओं पर आपत्ति है. राज्य सरकार 26 नवंबर, 2021 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली रिवीजन याचिका को अब आगे नहीं बढ़ाना चाहती है. इस आदेश में ट्रायल कोर्ट ने पूर्व आईएएस जीएस संधू, ओंकारमल सैनी और निष्काम दिवाकर के खिलाफ चल रहे मुकदमे को वापस लेने के संबंध में पेश राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था.
दरअसल, राज्य सरकार ने इस मामले में दो अर्जियां दायर की है. इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं. इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया था. इसकी जांच के लिए गठित हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड़ की कमेटी ने भी मामले की समीक्षा की थी और प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां बताई थीं. क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी, जिससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई, इसलिए सरकार ने इन गलतियों को सुधारने व भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है.