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बृजभूषण शरण सिंह मामला: पॉक्सो मामले में दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला आज फिर टला - BRIJBHUSHAN SHARAN SINGH

अदालत इससे पहले कई बार इस मामले में अपना फैसला टाल चुकी है.

BRIJBHUSHAN SHARAN SINGH
बृजभूषण शरण सिंह (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 24, 2025 at 10:07 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज पॉक्सो मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला आज फिर टाल दिया है.

एडिशनल सेशंस जज गोमती मनोचा ने क्लोजर रिपोर्ट पर दिल्ली पुलिस की आंशिक दलीलें सुनी. मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी. इसके पहले 15 अप्रैल, 16 जनवरी, 30 नवंबर 2024, 27 सितंबर 2024, 20 मई 2024, 23 अप्रैल 2024, 2 मार्च 2024, 11 जनवरी 2024 और 25 नवंबर 2023 को कोर्ट ने फैसला टाल दिया था.

कोर्ट ने 1 अगस्त 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान पीड़ित नाबालिग पहलवान और उसके पिता ने पुलिस की जांच पर संतोष जताया था. नाबालिग पहलवान और उसके पिता दोनों ने इन-कैमरा बयान दर्ज कराया था. इन कैमरा का मतलब सुनवाई के समय दोनों पक्षों के अलावा दूसरा कोई उपस्थित नहीं होता है.

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए 4 जुलाई 2023 को शिकायतकर्ता नाबालिग पहलवान को नोटिस जारी किया था.

ता दें कि 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल कर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी थी. दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट देते हुए आरोप निरस्त करने की मांग की है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि पॉक्सो के मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं.

बता दें कि बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में भी महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में एक मामला चल रहा है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में ट्रायल शुरू कर दिया है. 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

संसद की सुरक्षा में चूक का मामला

दिल्ली हाईकोर्ट संसद सुरक्षा चूक की आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर 29 अप्रैल को सुनवाई करेगा । जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि नीलम आजाद की जमानत याचिका इसी मामले के एक दूसरे आरोपी के साथ 29 अप्रैल को सुना जाएगा.

नीलम आजाद ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को इस मामले के एक और आरोपी मनोरंजन डी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 नवंबर 2024 को सह-आरोपी महेश कुमावत की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.

दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपी दो साल से योजना बना रहे थे. करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे. आरोपियों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी। उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था.
दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई 2024 को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने 7 जून 2024 को पहली चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है.

बता दें कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.

ये भी पढ़ें- साक्षी मलिक ने बृजभूषण द्वारा यौन उत्पीड़न का किस्सा किया शेयर, आत्मकथा 'विटनेस' में किए कई बड़े खुलासे

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा में चूक के आरोपी मनोरंजन डी की जमानत का किया विरोध, 25 को अगली सुनवाई

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज पॉक्सो मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला आज फिर टाल दिया है.

एडिशनल सेशंस जज गोमती मनोचा ने क्लोजर रिपोर्ट पर दिल्ली पुलिस की आंशिक दलीलें सुनी. मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी. इसके पहले 15 अप्रैल, 16 जनवरी, 30 नवंबर 2024, 27 सितंबर 2024, 20 मई 2024, 23 अप्रैल 2024, 2 मार्च 2024, 11 जनवरी 2024 और 25 नवंबर 2023 को कोर्ट ने फैसला टाल दिया था.

कोर्ट ने 1 अगस्त 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान पीड़ित नाबालिग पहलवान और उसके पिता ने पुलिस की जांच पर संतोष जताया था. नाबालिग पहलवान और उसके पिता दोनों ने इन-कैमरा बयान दर्ज कराया था. इन कैमरा का मतलब सुनवाई के समय दोनों पक्षों के अलावा दूसरा कोई उपस्थित नहीं होता है.

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए 4 जुलाई 2023 को शिकायतकर्ता नाबालिग पहलवान को नोटिस जारी किया था.

ता दें कि 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल कर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी थी. दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट देते हुए आरोप निरस्त करने की मांग की है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि पॉक्सो के मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं.

बता दें कि बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में भी महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में एक मामला चल रहा है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में ट्रायल शुरू कर दिया है. 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

संसद की सुरक्षा में चूक का मामला

दिल्ली हाईकोर्ट संसद सुरक्षा चूक की आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर 29 अप्रैल को सुनवाई करेगा । जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि नीलम आजाद की जमानत याचिका इसी मामले के एक दूसरे आरोपी के साथ 29 अप्रैल को सुना जाएगा.

नीलम आजाद ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को इस मामले के एक और आरोपी मनोरंजन डी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 नवंबर 2024 को सह-आरोपी महेश कुमावत की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.

दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपी दो साल से योजना बना रहे थे. करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे. आरोपियों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी। उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था.
दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई 2024 को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने 7 जून 2024 को पहली चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है.

बता दें कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.

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