ETV Bharat / state

गोरखपुर में CM योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट का हाल, राप्ती नदी के घाटों की सीढ़ियां सिल्ट से पटीं, अधिकारी एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा - GORAKHPUR NEWS

सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट दो विभागों के बीच फंस कर रह गया, शौचालयों में ताला बंद, टोटियां गायब

बदहाल है घाटों की स्थिति.
बदहाल है घाटों की स्थिति. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 8, 2025 at 9:28 PM IST

4 Min Read

गोरखपुर : सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल राजघाट और रामघाट विभागीय खींचतान का शिकार हो गया है. राप्ती नदी के तट पर बने घाटों की सीढ़ियां पूरी तरह सिल्ट से पटी पड़ी हैं. कपड़े बदलने के लिए बनाए गए कमरों के दरवाजे टूटे पड़े हैं. शौचालय में ताला बंद हैं. टोंटियां गायब हैं.

भगवान शिव का मंदिर भी पूरी तरह से बदहाल पड़ा हुआ है. 16 फरवरी 2021 को राप्ती नदी के दोनों तट पर रामघाट और राजघाट का सीएम योगी ने उद्घाटन किया था. आज हालात ये है कि सिंचाई विभाग और नगर निगम के बीच फंसा हुआ है.

दो विभागों के बीच फंसा सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट. (Video Credit; ETV Bharat)

नगर निगम को नहीं किया हैंडओवर : सिंचाई विभाग ने इसका निर्माण कराया. देखभाल और साफ सफाई नगर निगम को करानी है. लेकिन अभी तक सिंचाई विभाग ने नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया है. यहां प्रमुख मौके पर साफ सफाई तो हो जाती है, लेकिन मरम्मत को लेकर दोनों विभाग उलझ जाते हैं.यहां छठ पूजा, मसान की होली, फिल्मों की शूटिंग भी होती है. हर दिन अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चलती रहती है, हजारों लोग यहां पहुंचते हैं. जल पुलिस भी तैनात होने वाली है.

18 करोड़ हुए खर्च : करीब 18 करोड़ रुपये से इसका निर्माण सिंचाई विभाग ने कराया था. राजस्थानी स्थापत्य कला से सिंचाई विभाग ने यहां पर स्तूप, कपड़े बदलने के कमरे, मंदिर आदि का निर्माण कराया था, जो बदहाल हो रहा है. समुचित देखभाल नहीं होने से इसका आकर्षण कम होने लगा है.

प्रवेश द्वार पर लिखावट भी खराब होने लगी है. चार सालों में नदी में पानी के दबाव की वजह से इस पर लगाई गई टाइल और दीवारों में दरारें उभर आयी हैं. आवारा जानवर और कुत्ते घूमते रहते हैं. जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में रखते हुए गोरखपुर के प्रवेश द्वार की सुंदरता के रूप में निर्माण कराया था. यहां पर काशी की तर्ज पर हर दिन राप्ती नदी की आरती करने का प्लान था, जो अभी तक धरातल पर उतर नहीं पाया है.

घाट की सीढ़ियों पर रेत जमा हुआ है.
घाट की सीढ़ियों पर रेत जमा हुआ है. (Photo Credit; ETV Bharat)

नगर आयुक्त बोले- सिंचाई विभाग नहीं दे रहा ध्यान : मामले में नगर आयुक्त गौरव सिंह सुगरवाल ने कहा कि नगर निगम अपना दायित्व निभा रहा है. साफ-सफाई और जो भी सुविधा नगर विकास स्तर की है वह वहां दी जाती है. लेकिन यह पूरी तरह तभी संभव हो पाएगा जब सिंचाई विभाग कागजी तौर पर इसे हैंडओवर कर दे. कुछ कमियां हैं, सिंचाई विभाग को उसे पूरा करने के लिए कहा गया है. लेकिन सिंचाई विभाग इस पर ध्यान ही नहीं देता. इस वजह से ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है.

नगर निगम पर फोड़ा ठीकरा : सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विकास कुमार सिंह ने बताया, नगर निगम कमियों के संबंध में कोई लिखित सूची उपलब्ध नहीं कराता है, जबकि हम इन दोनों घाट को निगम को हस्तांतरित करने के लिए कई बार निगम को पत्र लिख चुके हैं. शासन स्तर से भी इस कार्रवाई को पूरा करने का निर्देश दिया जा चुका है.

टोंटियां तक गायब हैं.
टोंटियां तक गायब हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

किस कारण से निगम इसको अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं लेना चाहता, यह निगम ही बताएगा. फिलहाल सिंचाई विभाग के स्तर से कोई कमी नहीं है. सिल्ट समय के साथ आती है और साफ की जाती है. जो भी कमियां हैं उसे निगम बताए, सिंचाई विभाग दूर करेगा.

लोग बोले- हालत बहुत खराब : वहीं घाट पर मौजूद लोगों ने कहा कि तपती धूप में आने वाले लोगों के लिए कोई छत का ठिकाना नहीं है. पीने के लिए पानी का इंतजाम नहीं है. जो टोंटियां लगी हैं वह टूटी पड़ी हैं. शौचालय के दरवाजे बंद हैं, तो उसका उपयोग कैसे किया जाए.

यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव बोले- मुद्रा योजना झूठी योजना बनकर रह गई, पूरे UP पर शासन कर रहा गोरखपुर

गोरखपुर : सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल राजघाट और रामघाट विभागीय खींचतान का शिकार हो गया है. राप्ती नदी के तट पर बने घाटों की सीढ़ियां पूरी तरह सिल्ट से पटी पड़ी हैं. कपड़े बदलने के लिए बनाए गए कमरों के दरवाजे टूटे पड़े हैं. शौचालय में ताला बंद हैं. टोंटियां गायब हैं.

भगवान शिव का मंदिर भी पूरी तरह से बदहाल पड़ा हुआ है. 16 फरवरी 2021 को राप्ती नदी के दोनों तट पर रामघाट और राजघाट का सीएम योगी ने उद्घाटन किया था. आज हालात ये है कि सिंचाई विभाग और नगर निगम के बीच फंसा हुआ है.

दो विभागों के बीच फंसा सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट. (Video Credit; ETV Bharat)

नगर निगम को नहीं किया हैंडओवर : सिंचाई विभाग ने इसका निर्माण कराया. देखभाल और साफ सफाई नगर निगम को करानी है. लेकिन अभी तक सिंचाई विभाग ने नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया है. यहां प्रमुख मौके पर साफ सफाई तो हो जाती है, लेकिन मरम्मत को लेकर दोनों विभाग उलझ जाते हैं.यहां छठ पूजा, मसान की होली, फिल्मों की शूटिंग भी होती है. हर दिन अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चलती रहती है, हजारों लोग यहां पहुंचते हैं. जल पुलिस भी तैनात होने वाली है.

18 करोड़ हुए खर्च : करीब 18 करोड़ रुपये से इसका निर्माण सिंचाई विभाग ने कराया था. राजस्थानी स्थापत्य कला से सिंचाई विभाग ने यहां पर स्तूप, कपड़े बदलने के कमरे, मंदिर आदि का निर्माण कराया था, जो बदहाल हो रहा है. समुचित देखभाल नहीं होने से इसका आकर्षण कम होने लगा है.

प्रवेश द्वार पर लिखावट भी खराब होने लगी है. चार सालों में नदी में पानी के दबाव की वजह से इस पर लगाई गई टाइल और दीवारों में दरारें उभर आयी हैं. आवारा जानवर और कुत्ते घूमते रहते हैं. जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में रखते हुए गोरखपुर के प्रवेश द्वार की सुंदरता के रूप में निर्माण कराया था. यहां पर काशी की तर्ज पर हर दिन राप्ती नदी की आरती करने का प्लान था, जो अभी तक धरातल पर उतर नहीं पाया है.

घाट की सीढ़ियों पर रेत जमा हुआ है.
घाट की सीढ़ियों पर रेत जमा हुआ है. (Photo Credit; ETV Bharat)

नगर आयुक्त बोले- सिंचाई विभाग नहीं दे रहा ध्यान : मामले में नगर आयुक्त गौरव सिंह सुगरवाल ने कहा कि नगर निगम अपना दायित्व निभा रहा है. साफ-सफाई और जो भी सुविधा नगर विकास स्तर की है वह वहां दी जाती है. लेकिन यह पूरी तरह तभी संभव हो पाएगा जब सिंचाई विभाग कागजी तौर पर इसे हैंडओवर कर दे. कुछ कमियां हैं, सिंचाई विभाग को उसे पूरा करने के लिए कहा गया है. लेकिन सिंचाई विभाग इस पर ध्यान ही नहीं देता. इस वजह से ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है.

नगर निगम पर फोड़ा ठीकरा : सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विकास कुमार सिंह ने बताया, नगर निगम कमियों के संबंध में कोई लिखित सूची उपलब्ध नहीं कराता है, जबकि हम इन दोनों घाट को निगम को हस्तांतरित करने के लिए कई बार निगम को पत्र लिख चुके हैं. शासन स्तर से भी इस कार्रवाई को पूरा करने का निर्देश दिया जा चुका है.

टोंटियां तक गायब हैं.
टोंटियां तक गायब हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

किस कारण से निगम इसको अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं लेना चाहता, यह निगम ही बताएगा. फिलहाल सिंचाई विभाग के स्तर से कोई कमी नहीं है. सिल्ट समय के साथ आती है और साफ की जाती है. जो भी कमियां हैं उसे निगम बताए, सिंचाई विभाग दूर करेगा.

लोग बोले- हालत बहुत खराब : वहीं घाट पर मौजूद लोगों ने कहा कि तपती धूप में आने वाले लोगों के लिए कोई छत का ठिकाना नहीं है. पीने के लिए पानी का इंतजाम नहीं है. जो टोंटियां लगी हैं वह टूटी पड़ी हैं. शौचालय के दरवाजे बंद हैं, तो उसका उपयोग कैसे किया जाए.

यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव बोले- मुद्रा योजना झूठी योजना बनकर रह गई, पूरे UP पर शासन कर रहा गोरखपुर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.