शिमला: हिमाचल में करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे जरूरतमंद लोगों को राहत भरी खबर है. हिमाचल में ऐसे लोगों को अब जल्द ही नौकरी का अवसर मिलने वाला है. करूणामूलक आधार पर रोजगार देने के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में गठित कमेटी 15 अप्रैल से पहले ही कैबिनेट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
ये जानकारी शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में दी. इससे पहले करुणामूलक आधार पर रोजगार को लेकर सतपाल सिंह सत्ती और सुरेंद्र शौरी के प्रश्नों का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम ने विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम जल्द ही ये मुद्दा छीनने वाले हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट आने वाली है.
करूणामूलक आधार पर रोजगार के 1839 मामले लंबित
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, "हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में 31 अक्टूबर 2024 तक करूणामूलक आधार पर रोजगार के कुल 1839 लंबित मामले हैं. सरकार ने करूणामूलक आधार पर रोजगार के मामलों से संबंधित संशोधित दिशा निर्देश 7 मार्च 2019 को जारी कर दिए हैं, जिसके आधार पर प्रशासनिक विभागों की तरफ से मामलों का निपटारा व निस्तारण किया जा रहा है".
उन्होंने कहा कि वर्तमान नीति के अनुसार विभिन्न विभागों में कुल 2524 मामले अस्वीकृत किए गए गए हैं. सरकार करुणामूलक को नौकरी देने को प्रतिबद्ध है. बहुत जल्दी की कमेटी की सिफारिश आ जाएगी, जिसके बाद समयबद्ध तरीके से करुणामूलक आधार पर जरूरतमंदों को दी जाएगी. वहीं, एक अनुपूरक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ जारी संशोधित नीति में 5% में छूट का प्रावधान मंत्रिमंडल की सहमति से किया जा सकता है. संशोधित नीति में एक विभाग से अन्य विभागों में खाली पड़े पदों को भरने का भी प्रावधान है.
विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि लंबित मामलों की संख्या इसलिए ज्यादा है, क्योंकि आय सीमा की शर्त लगाई गई है. इसे बढ़ाया जाए. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति जो भी सिफारिश करेगी उसके अनुसार सरकार आगे बढ़ेगी. विधायक रणधीर शर्मा ने भी आय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आय सीमा में पेंशन को भी जोड़ा जाता है, जिससे परिवार बाहर हो जाता है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंशन आय का हिस्सा है और उसे इसमें जोड़ा जाता रहा है, क्योंकि सरकारी कोष से धन जारी हुआ है
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि करूणामूलक आधार पर रोजगार के लिए मामलों से संबंधित संशोधित दिशा निर्देश 7 मार्च 2019 को जारी कर दिए हैं. वर्तमान नीति के अनुसार विभिन्न विभागों में कुल 2524 मामले अस्वीकृत किए हैं.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "पूर्व भाजपा सरकार ने व्यावहारिक पक्ष देखते हुए सेवानिवृत होने से एक दिन पहले भी यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती थी, उस केस में भी परिवार को रोजगार के लिए पात्र बनाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने पूछा कि अभी किस नीति के तहत करूणामूलक के पात्र लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि करूणामूलक आधार पर नौकरी में वही नीति चल रही है, जो पूर्व भाजपा सरकार ने बनाई है. उन्होंने कहा कि विभागों के पास पांच फीसदी रोजगार देने का अधिकार है और उसके मुताबिक ही पात्र को खाली पदों पर नौकरी दे रहे हैं.
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