शामली: कैराना के नोमान इलाही ने एक बार फिर जनपद शामली के नाम पर बदनुमा दाग लगाकर शर्मसार कर दिया है. पानीपत पुलिस ने उसे पाकिस्तान से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पकड़ा गया नोमान इलाही न सिर्फ पकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था, बल्कि पाकिस्तान में बैठे आईएसआई हैंडलर इकबाल उर्फ काना और दूसरे आतंकी संगठनों के संपर्क में भी था. हैरत की बात है कि आतंकी गतिविधियों से जुड़े नोमान के खिलाफ शामली और कैराना में एक भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है.
9 दिन पहले हुई गिरफ्तारी: 9 दिन पहले शामली पुलिस ने मोहल्ला नौकुआं रोड निवासी कलीम को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए कलीम से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि पाकिस्तानी आईएसआई हैंडलर इकबाल काना के लिए काम कर रहा था. इकबाल काना के व्हाट्सएप पर अपने देश की कुछ तस्वीरें भेज रहा था. पुलिस ने उस समय भी इकबाल पर शिकंजा कसने की कोशिश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी.
कैराना का आतंक से पुराना रिश्ता: पुलिस व खुफिया एजेंसियां समय-समय पर आईएसआई एजेंटों को गिरफ्तार करती रहती हैं. मगर, पाकिस्तान व विदेश में बैठे हैंडलरों तक नहीं पहुंच पाती हैं. पुलिस को अब भी शक है कि इकबाल व उसके साथी पानीपत, शामली ही नहीं बल्कि पूरे देश में आईएसआई एजेंट तैयार कर रहे हैं. इनके जरिए देश-विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है. यही वजह है, कि हरियाणा और यूपी पुलिस ने देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.
सूत्रों की मानें तो पुलिस अधिकारी इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, कि ऐसे एजेंटो के खिलाफ कार्यवाई में पाकिस्तान सरकार भारत के साथ सहयोग नहीं करती है. इसके चलते उन्हें डर बना रहता है, कि अगर पुलिस हैंडलर्स को गिरफ्तार करने पकिस्तान गई तो उन्हें झूठे केस में फंसाकर वहां की जेल में डाल दिया जाएगा.

ISI के इन हैंडलर्स पर एजेंसी की नजर: पुलिस के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार शामली में कैराना के आईएसआई हैंडलर्स इकबाल काना, दिलशाद मिर्जा, हमीदा, शाहिद पाकिस्तान में बैठकर अभी भी देश-विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इससे पहले पुलिस को पता चला था, कि कैराना का शाहिद भी पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट बन गया है. वह दुबई, मोरक्को, अफगानिस्तान आदि जगहों पर रहकर आईएसआई एजेंट तैयार कर रहा है.
चलाया जाएगा देशव्यापी अभियान: एसपी शामली राम सेवक गौतम का कहना है कि पानीपत और शामली पुलिस संयुक्त रूप से विशेष अभियान चलाएगी. इससे पाकिस्तान के जासूसों के संपर्क में रहने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा. इसके लिए बाकायदा सीआईए की टीम भी लगाई गई है. मूल रूप से कैराना के रहने वाले इकबाल काना, दिलशाद मिर्जा और हमीदा उर्फ फेमिदा के देश छोड़कर पाकिस्तान भाग जाने के बाद भी वे कैराना में लोगों के संपर्क में रहे.
इसका समय-समय पर खुलासा भी होता रहा है. जिले के कई लोग पहले भी दिल्ली, हरियाणा, अटारी बॉर्डर समेत कई जगहों पर अवैध हथियार और नकली करेंसी के साथ पकड़े जा चुके हैं. कैराना कस्बा पहले से ही देश-विरोधी गतिविधियों और पाकिस्तान से सोना, हथियार और नकली नोटों की तस्करी के लिए बदनाम था. नोमान की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां और पुलिस सतर्क हो गई है.
एसपी रामसेवक गौतम ने बताया कि पिछले साल 16 अगस्त को शामली के घेरबुखारी निवासी कलीम और उसके भाई तहसीम को एसटीएफ ने आईएसआई एजेंट होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. दोनों भाइयों पर आईएसआई के संपर्क में रहने और सोशल मीडिया व्हाट्सएप आदि के जरिए सूचनाएं भेजने का आरोप था. इसके अलावा कांधला निवासी सरदार अली वर्ष 2023 में पकड़ा गया था. वह फिलहाल अपने घर पर है. उस पर पाकिस्तानी आतंकी वारस का सहयोगी होने का आरोप था. वारस वर्ष 2000 में गिरफ्तार हुआ था और फिलहाल जेल में है.
90 के दशक से कैराना-पाकिस्तान के बीच तस्करी: पानीपत में नोमान इलाही की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर कस्बा कैराना पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर सुर्खियों में आ गया है. 90 के दशक में कैराना में बेल का कारोबार चरम पर था. बेल के कारोबार में महिलाओं को तीन हजार रुपए दिहाड़ी देकर पाकिस्तान से कपड़े, पान, सुपारी, मिर्जा चप्पल का कारोबार किया जाता था. यह बाद में सोने के बिस्किट और पिस्तौल की तस्करी तक पहुंच गया था.
चूंकि कैराना के लोगों की रिश्तेदारियां पाकिस्तान में थीं, इसलिए यहां से लोग पाकिस्तान आते-जाते थे. 90 के दशक में पाकिस्तान के डिस्को कपड़ों और मिर्जा चप्पलों की भारी मांग थी. वहीं, भारत का पान, कत्था और सुपारी पाकिस्तान में पसंद किया जाता था. सोने की तस्करी भी होती थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत एक समान होने के बाद तस्करों ने सोना छोड़कर पिस्तौल की तस्करी शुरू कर दी.
1995 में पाकिस्तान भागा इकबाल काना: कैराना निवासी इकबाल काना को दिल्ली में 361 पिस्तौल की खेप के साथ पकड़ा गया था. इसके बाद इकबाल काना 1995 में पाकिस्तान भाग गया था. वर्तमान में वह पंजाब प्रांत में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा हुआ है. 17 जून 2021 को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट किया गया था. हालांकि ब्लास्ट में कोई जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन जांच के दौरान एनआईए की टीम ने कैराना में छापेमारी कर ब्लास्ट मामले में सलीम टुइयां और कफील को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा हैदराबाद से कपड़े का कारोबार करने वाले दो सगे भाइयों को भी गिरफ्तार किया गया था. जांच के दौरान पता चला कि इकबाल काना के इशारे पर ही बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट की साजिश रची गई थी.