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अलीगढ़ में आवारा कुत्ते का आतंक, तीन साल के मासूम अंशु को बेरहमी से काटा, रेबिज के लक्ष्ण आने के बाद तड़प-तड़पकर तोड़ा दम - DEATH DUE TO STRAY DOG ​​BITE

नगला नत्थू इलाके में बीते एक महीने के अंदर 12 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा, शिकायत के बाद भी प्रशासन मौन

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कुत्ते के काटने से अंशु की मौत (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 11, 2025 at 7:44 PM IST

2 Min Read

अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है. एक महीने के अंदर 12 बच्चों पर कुत्तों ने जानलेवा हमला किया है. ताजा हमले में शुक्रवार को जिले के थाना छर्रा क्षेत्र के नगला नत्थू इलाके में आवारा कुत्ते ने तीन साल के मासूम अंशु पर हमला कर दिया. जिसमें बच्चे की इलाज के दौरान दर्दनाक मौत हो गई. घटना के बाद से ही गांव में दहशत का माहौल है और पीड़ित परिवार में मातम छाया हुआ है.

बता दें कि मृतक बच्चा अंशु तीन भाई बहनों में सबसे छोटा था. पिता भोजराज का सबसे लाडला था. गुरुवार के दिन अंशु को गांव में घूमने के दौरान आवारा कुत्ते ने काट लिया था. परिजनों ने शुरू में इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया और उचित इलाज नहीं कराया. लेकिन गुरुवार देर रात बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई. अंशु अजीब हरकतें करने लगा, जो कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के लक्षण में आने पर होता है. अंशु की बिगड़ती हालत देख परिजन उसे तुरंत अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज लेकर रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही मासूम अंशु ने दम तोड़ दिया. बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है. माता-पिता गहरे सदमे में हैं और परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है.

मासूम की मौत से परिवार में पसरा मातम (Video Credit; ETV Bharat)

नगला नत्थू के स्थानीय निवासी नवल किशोर ने बताया कि इलाके में आवारा कुत्ते लगातार लोगों को निशाना बना रहे हैं. एक महीने में अब तक करीब 10-12 बच्चों को कुत्ते काट चुके हैं. इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कई बार शिकायत की, लेकिन नगरपालिका की ओर से कोई पहल नहीं की गई.

मृतक अंशु के पिता भोजराज ने बताया कि गुरुवार को अंशु की हालत बिगड़ गई थी. हमें समझ नहीं आया कि ऐसा कुत्ते के काटने की वजह से है. अगर हमें समय रहते सही जानकारी और मदद मिलती, तो आज हमारा बच्चा जिंदा होता.

नगला नत्थू इलाके के निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लिया जाए. रेबीज से बचाव के लिए बच्चों को टीकाकरण कराया जाए और आवारा कुत्तों को पकड़कर गांव से हटाया जाए, ताकि किसी और परिवार को अपनों को खोना ना पड़े.

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव बोले- BJP का वक्फ बिल हमें स्वीकार नहीं, AMU में मंदिर स्थापना की बात करने वाले पहले कानून पढ़ लें

अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है. एक महीने के अंदर 12 बच्चों पर कुत्तों ने जानलेवा हमला किया है. ताजा हमले में शुक्रवार को जिले के थाना छर्रा क्षेत्र के नगला नत्थू इलाके में आवारा कुत्ते ने तीन साल के मासूम अंशु पर हमला कर दिया. जिसमें बच्चे की इलाज के दौरान दर्दनाक मौत हो गई. घटना के बाद से ही गांव में दहशत का माहौल है और पीड़ित परिवार में मातम छाया हुआ है.

बता दें कि मृतक बच्चा अंशु तीन भाई बहनों में सबसे छोटा था. पिता भोजराज का सबसे लाडला था. गुरुवार के दिन अंशु को गांव में घूमने के दौरान आवारा कुत्ते ने काट लिया था. परिजनों ने शुरू में इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया और उचित इलाज नहीं कराया. लेकिन गुरुवार देर रात बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई. अंशु अजीब हरकतें करने लगा, जो कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के लक्षण में आने पर होता है. अंशु की बिगड़ती हालत देख परिजन उसे तुरंत अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज लेकर रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही मासूम अंशु ने दम तोड़ दिया. बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है. माता-पिता गहरे सदमे में हैं और परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है.

मासूम की मौत से परिवार में पसरा मातम (Video Credit; ETV Bharat)

नगला नत्थू के स्थानीय निवासी नवल किशोर ने बताया कि इलाके में आवारा कुत्ते लगातार लोगों को निशाना बना रहे हैं. एक महीने में अब तक करीब 10-12 बच्चों को कुत्ते काट चुके हैं. इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कई बार शिकायत की, लेकिन नगरपालिका की ओर से कोई पहल नहीं की गई.

मृतक अंशु के पिता भोजराज ने बताया कि गुरुवार को अंशु की हालत बिगड़ गई थी. हमें समझ नहीं आया कि ऐसा कुत्ते के काटने की वजह से है. अगर हमें समय रहते सही जानकारी और मदद मिलती, तो आज हमारा बच्चा जिंदा होता.

नगला नत्थू इलाके के निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लिया जाए. रेबीज से बचाव के लिए बच्चों को टीकाकरण कराया जाए और आवारा कुत्तों को पकड़कर गांव से हटाया जाए, ताकि किसी और परिवार को अपनों को खोना ना पड़े.

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