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बिहार चुनाव से पहले वक्फ पर JDU में बेचैनी! कुछ मुस्लिम नेता नीतीश के साथ तो कुछ छोड़ रहे हैं पार्टी - WAQF AMENDMENT BILL 2025

वक्फ बिल पर सियासत के बीच जदयू दो खेमे में बंट गई है. अबतक आधा दर्जन से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 6, 2025 at 8:06 PM IST

Updated : April 6, 2025 at 8:50 PM IST

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पटना: बिहार विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले जेडीयू में खलबली मच गई. आधा दर्जन से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने वक्फ संशोधन बिल के समर्थन की वजह से नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पार्टी छोड़ दी. बिहार में वक्फ संशोधन बिल को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में दो खेमे में बंट गई है. कुछ लोग नीतीश कुमार के साथ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने इस्तीफा दे रहे हैं.

मुस्लिम नेताओं में नाराजगी: जदयू के नेता भले बोल रहे हो कि अल्पसंख्यक नीतीश कुमार के साथ हैं, लेकिन जिस प्रकार से इस्तीफा का सिलसिला शुरू हुआ है. आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ेगी क्योंकि जदयू मुस्लिम नेताओं में नाराजगी साफ दिख रही है. 10 अप्रैल को गुलाम रसूल बलियावी ने भी बैठक बुला ली है.जदयू में रहेंगे या नहीं उस दिन ऐलान करेंगे. गुलाम रसूल बलियावी के नजदीकियों का कहना है वे जदयू छोड़ने का फैसला ले सकते हैं.

जदयू में वक्फ बिल पर घनासान (ETV Bharat)

जदयू दो खेमे में बंटी: वक्फ संशोधन बिल जब से आया है नीतीश कुमार ने इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. एक तरह से चुप्पी साध रखी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया था. ऐसे केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर समर्थन किया है. विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप भी लगा रहे हैं. लेकिन जदयू में बिल को लेकर जो स्थिति है उसमें साफ दिख रहा है कि जदयू दो खेमे में बंट गई है.

जदयू नेताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार
जदयू नेताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार (ETV Bharat)

"अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में जितने सदस्य हैं उनमें से किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है.नीतीश कुमार न्याय के साथ विकास में विश्वास रखते हैं."-अशरफ अंसारी, अध्यक्ष, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ

मुस्लिम के कई नेता बोलने से परहेज: वक्फ संशोधन बिल को लेकर जदयू के कई मुस्लिम नेताओं ने अपनी नाराजगी जताई थी, लेकिन पार्टी के दबाव में इनमें से कई नेताओं ने जदयू कार्यालय में बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर नीतीश कुमार के साथ होने का संदेश दिया है. कुछ लोग समर्थन में पोस्टर भी लगा रहे हैं लेकिन कई की नाराजगी अभी भी दूर नहीं हुई है मौके की तलाश में है.

"हमने मुख्यमंत्री से मिलकर सारी बात बता दी थी और मुख्यमंत्री ने जितना अल्पसंख्यक के लिए काम किया है उतना किसी के लिए काम नहीं किया है. इसलिए हम लोगों को पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते हैं तो कभी अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय नहीं हो सकता है." - सलीम परवेज, पूर्व सभापति विधान परिषद

सलीम परवेज, पूर्व उपसभापति विधान परिषद
सलीम परवेज, पूर्व उपसभापति विधान परिषद (ETV Bharat)

गुलाम रसूल बलियाबी 10 करेंगे बैठक: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियाबी पार्टी की ओर से बुलाई गई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए थे. उसके अलावा पार्टी के छह अलग-अलग जिलों के पदाधिकारी ने अब तक इस्तीफा दे दिया है. गुलाम रसूल बलियावी ने इधर एदारा शरिया की बैठक 10 अप्रैल को बुलाई है और बलियावी का कहना है कि उलेमा जो भी फैसला लेंगे हम उसी दिन जदयू को लेकर घोषणा कर देंगे.

गुलाम रसूल बलियावी
गुलाम रसूल बलियावी (ETV Bharat)

"10 अप्रैल तक इंतजार करने के लिए करें, लेकिन उनके साथ काम करने वाले हैं. गुलाम रसूल बलियावी 10 अप्रैल को जदयू को लेकर अपना फैसला करेंगे क्योंकि उलेमा और मदरसा के मौलवी ने ही जदयू में काम करने का निर्देश दिया था. अब उनका जो फैसला होगा उसी को मानेंगे."-मौलाना सैफुल्लाह अलीमी, गुलाम रसूल बलियावी के नजदीकी

गुलाम रसूल बलियावी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
गुलाम रसूल बलियावी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)

ये मुस्लिम नेताओं ने दिया इस्तीफा: अल्पसंख्यक पर प्रकोष्ठ के सदस्य मुर्शीद आलम, पूर्व प्रदेश सचिव एम राजू नैयर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव शाहनवाज मलिक, बेतिया जिला के उपाध्यक्ष नदीम अख्तर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सिएन मो. तबरेज सिद्दीकी अली, भोजपुर से पार्टी सदस्य मो दिलशान राईन और खुद को मोतिहारी के ढाका विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी बताने वाले मोहम्मद कासिम अंसारी और नवादा जिला जेडीयू के सचिव मोहम्मद फिरोज खान ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

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पटना: बिहार विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले जेडीयू में खलबली मच गई. आधा दर्जन से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने वक्फ संशोधन बिल के समर्थन की वजह से नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पार्टी छोड़ दी. बिहार में वक्फ संशोधन बिल को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में दो खेमे में बंट गई है. कुछ लोग नीतीश कुमार के साथ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने इस्तीफा दे रहे हैं.

मुस्लिम नेताओं में नाराजगी: जदयू के नेता भले बोल रहे हो कि अल्पसंख्यक नीतीश कुमार के साथ हैं, लेकिन जिस प्रकार से इस्तीफा का सिलसिला शुरू हुआ है. आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ेगी क्योंकि जदयू मुस्लिम नेताओं में नाराजगी साफ दिख रही है. 10 अप्रैल को गुलाम रसूल बलियावी ने भी बैठक बुला ली है.जदयू में रहेंगे या नहीं उस दिन ऐलान करेंगे. गुलाम रसूल बलियावी के नजदीकियों का कहना है वे जदयू छोड़ने का फैसला ले सकते हैं.

जदयू में वक्फ बिल पर घनासान (ETV Bharat)

जदयू दो खेमे में बंटी: वक्फ संशोधन बिल जब से आया है नीतीश कुमार ने इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. एक तरह से चुप्पी साध रखी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया था. ऐसे केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर समर्थन किया है. विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप भी लगा रहे हैं. लेकिन जदयू में बिल को लेकर जो स्थिति है उसमें साफ दिख रहा है कि जदयू दो खेमे में बंट गई है.

जदयू नेताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार
जदयू नेताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार (ETV Bharat)

"अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में जितने सदस्य हैं उनमें से किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है.नीतीश कुमार न्याय के साथ विकास में विश्वास रखते हैं."-अशरफ अंसारी, अध्यक्ष, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ

मुस्लिम के कई नेता बोलने से परहेज: वक्फ संशोधन बिल को लेकर जदयू के कई मुस्लिम नेताओं ने अपनी नाराजगी जताई थी, लेकिन पार्टी के दबाव में इनमें से कई नेताओं ने जदयू कार्यालय में बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर नीतीश कुमार के साथ होने का संदेश दिया है. कुछ लोग समर्थन में पोस्टर भी लगा रहे हैं लेकिन कई की नाराजगी अभी भी दूर नहीं हुई है मौके की तलाश में है.

"हमने मुख्यमंत्री से मिलकर सारी बात बता दी थी और मुख्यमंत्री ने जितना अल्पसंख्यक के लिए काम किया है उतना किसी के लिए काम नहीं किया है. इसलिए हम लोगों को पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते हैं तो कभी अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय नहीं हो सकता है." - सलीम परवेज, पूर्व सभापति विधान परिषद

सलीम परवेज, पूर्व उपसभापति विधान परिषद
सलीम परवेज, पूर्व उपसभापति विधान परिषद (ETV Bharat)

गुलाम रसूल बलियाबी 10 करेंगे बैठक: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियाबी पार्टी की ओर से बुलाई गई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए थे. उसके अलावा पार्टी के छह अलग-अलग जिलों के पदाधिकारी ने अब तक इस्तीफा दे दिया है. गुलाम रसूल बलियावी ने इधर एदारा शरिया की बैठक 10 अप्रैल को बुलाई है और बलियावी का कहना है कि उलेमा जो भी फैसला लेंगे हम उसी दिन जदयू को लेकर घोषणा कर देंगे.

गुलाम रसूल बलियावी
गुलाम रसूल बलियावी (ETV Bharat)

"10 अप्रैल तक इंतजार करने के लिए करें, लेकिन उनके साथ काम करने वाले हैं. गुलाम रसूल बलियावी 10 अप्रैल को जदयू को लेकर अपना फैसला करेंगे क्योंकि उलेमा और मदरसा के मौलवी ने ही जदयू में काम करने का निर्देश दिया था. अब उनका जो फैसला होगा उसी को मानेंगे."-मौलाना सैफुल्लाह अलीमी, गुलाम रसूल बलियावी के नजदीकी

गुलाम रसूल बलियावी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
गुलाम रसूल बलियावी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (ETV Bharat)

ये मुस्लिम नेताओं ने दिया इस्तीफा: अल्पसंख्यक पर प्रकोष्ठ के सदस्य मुर्शीद आलम, पूर्व प्रदेश सचिव एम राजू नैयर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव शाहनवाज मलिक, बेतिया जिला के उपाध्यक्ष नदीम अख्तर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सिएन मो. तबरेज सिद्दीकी अली, भोजपुर से पार्टी सदस्य मो दिलशान राईन और खुद को मोतिहारी के ढाका विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी बताने वाले मोहम्मद कासिम अंसारी और नवादा जिला जेडीयू के सचिव मोहम्मद फिरोज खान ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

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Last Updated : April 6, 2025 at 8:50 PM IST
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