कवर्धा: कबीरधाम जिले में इस बार हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता की लक्ष्य से अधिक खरीदी हुई है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 40 हजार मानक बोरा खरीदी का लक्ष्य था, जबकि 42 हजार मानक बोरा की खरीदी हुई.
तेंदूपत्ता संग्राहकों को 23 करोड़ का भुगतान: तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले लोगों को सरकार 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान कर रही है. कवर्धा जिले में इस बार संग्रहण करने वालों को 23 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिसमें 70 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा चुका है.
5500 रुपये मानक बोरा से ज्यादा पर तेंदूपत्ता की खरीदी: कवर्धा वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल ने बताया कि जिले में 19 वन समिति हैं, जिसके माध्यम से तेंदूपत्ता की खरीदी की जाती है. इस बार जितनी भी तेंदूपत्ता की खरीदी की गई, उसे 24 लॉट में रखा गया. सभी का उठाव हो चुका है. इसके साथ ही जो उठाव हुआ है, उनमें से कई लॉट की खरीदी समर्थन मूल्य 5500 रुपये मानक बोरा से अधिक कीमत पर हुई है, जिसका लाभ बोनस के रूप में समिति को मिलेगा.

तेंदूपत्ता का उपयोग: तेंदूपत्ता एक महत्वपूर्ण वन उपज है. वनांचल क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण ग्रामीणों की आय का प्रमुख जरिया है. इसका मुख्य उपयोग बीड़ी बनाने में होता है. समितियों के जरिए सरकार ग्रामीणों से तेंदूपत्ता खरीदती है. जिसके लिए उन्हें 5500 रुपये प्रति मानक दर से भुगतान किया जाता है