रांची: राज्य सरकार के द्वारा पीजीटी-टीईटी संवर्ग के पदों को मर्ज करने के फैसले का विरोध तेज हो गया है. झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने इसके विरोध में आंदोलन करने की घोषणा की है. इसके तहत राज्यभर के प्लस टू शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक और शिक्षकेत्तर कर्मी 15 अप्रैल को काला रिबन लगाकर इसका विरोध करेंगे और संबंधित जिलों के उपायुक्त एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे.
राज्य स्तर पर संघ के पदाधिकारी विभागीय सचिव, कार्मिक सचिव, मुख्य सचिव और शिक्षा मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का काम करेंगे. झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ 15 अप्रैल से 21 अप्रैल तक सभी विधायक, सांसद और शिक्षाविदों को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
सरकार के फैसले से शिक्षकों को होगा नुकसान: संघ
झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने राज्य में टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों को सरकार के फैसले से नुकसान होने का आरोप लगाया है. संघ का मानना है कि राज्य में नव उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय की संख्या, जिसमें पूर्व में पद सृजन होता तो 291 होता. इन 291 विद्यालयों में पूर्व के 11 और राजनीति विज्ञान सहित सभी विषयों में पीजीटी की रिक्तियों की कुल संख्या 3492 होता.
पूर्व से पीजीटी के रिक्त 547 पद को मिलाकर 4039 हो जाता. मगर वर्तमान नियमावली अनुसार व्यक्ति के विरुद्ध 25% आरक्षित पदों पर वर्तमान कार्य अहर्ताधारी टीजीटी की एक वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ उक्त पद पर पदोन्नति हेतु पदों की संख्या मात्र 1009 होगी. ऐसे में वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति की दृष्टि से लगभग 1009 माध्यमिक शिक्षकों का सीधा नुकसान है, जो वर्तमान में कार्यरत हैं.
इसके अलावा शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के बाद नियुक्त होने वाले सफल अभ्यर्थी का ग्रेड पे महज 4200 होगा. संघ का मानना है कि हाल में लिए गए निर्णय के मद्देनजर आने वाले समय में प्लस टू विद्यालय के संचालन हेतु इसके प्रधान पद के पद सृजन, नियुक्ति, प्रोन्नति, वेतन आदि से संबंधित विषयों पर नीतिगत निर्णय को लेकर शिक्षकों में संसय है.
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