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अजमेर दरगाह की अंजुमन कमेटी ने वक्फ संशोधन बिल का किया विरोध, सचिव ने जारी किया बयान - WAQF AMENDMENT BILL

अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने वक्फ संशोधन बिल 2024 की निंदा की है.

waqf amendment bill
अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : March 31, 2025 at 9:01 PM IST

2 Min Read

अजमेरः ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने वक्फ संशोधन बिल 2024 की निंदा की है. साथ ही बिल को लाने वाली केंद्र सरकार का विरोध किया है. सैयद सरवर चिश्ती ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए आरोप लगाया है कि मुसलमानों की जायदाद को हड़प करने की यह बिल साजिश है. उन्होंने कहा कि खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी का यह अधिकृत बयान है.

अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि 800 से भी अधिक वर्ष का दरगाह का इतिहास है. वक्फ संशोधन बिल 2024 की पहले भी निंदा की थी और विरोध जताया था. चिश्ती ने कहा कि खुद्दाम ए ख्वाजा 800 बरस से दरगाह में रस्म रवायतों को निभाते आ रहे हैं. खादिम जायरीन को जियारत करवाते हैं. वहीं, आस्ताने की चाबियां तक खादिमों के पास हैं. खादिम सभी के लिए दरगाह में दुआ करते हैं. अंजुमन कमेटी की तरफ से यह अधिकृत बयान है कि संस्था और संस्था से जुड़े हुए लोग वक्फ संशोधन बिल 2024 का विरोध करते हैं.

अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती (ETV Bharat Ajmer)

इसे भी पढ़ें- वक्फ संशोधन विधेयक क्या है ? क्यों हो रहा इसका विरोध, जानें पक्ष-विपक्ष के अलग-अलग तर्क

गंगा-जमुनी तहजीब का समर्थन: उन्होंने कहा कि अंजुमन कमेटी और उससे जुड़े हुए खादिम गंगा-जमुनी तहजीब का समर्थन करती है. चिश्ती ने यह भी कहा कि अंजुमन कमेटी से जुड़े खादिम दरगाह आने वाले हर धर्म और समाज के व्यक्ति की इज्जत करते हैं. यह हमारी पुरखों से मिली परंपरा है, लेकिन जिन मुद्दों से मुसलमान परेशान हों. मुसलमानों के हक में आवाज बुलंद करना और उनकी हिमायत करना यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.

अजमेरः ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने वक्फ संशोधन बिल 2024 की निंदा की है. साथ ही बिल को लाने वाली केंद्र सरकार का विरोध किया है. सैयद सरवर चिश्ती ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए आरोप लगाया है कि मुसलमानों की जायदाद को हड़प करने की यह बिल साजिश है. उन्होंने कहा कि खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी का यह अधिकृत बयान है.

अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि 800 से भी अधिक वर्ष का दरगाह का इतिहास है. वक्फ संशोधन बिल 2024 की पहले भी निंदा की थी और विरोध जताया था. चिश्ती ने कहा कि खुद्दाम ए ख्वाजा 800 बरस से दरगाह में रस्म रवायतों को निभाते आ रहे हैं. खादिम जायरीन को जियारत करवाते हैं. वहीं, आस्ताने की चाबियां तक खादिमों के पास हैं. खादिम सभी के लिए दरगाह में दुआ करते हैं. अंजुमन कमेटी की तरफ से यह अधिकृत बयान है कि संस्था और संस्था से जुड़े हुए लोग वक्फ संशोधन बिल 2024 का विरोध करते हैं.

अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती (ETV Bharat Ajmer)

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गंगा-जमुनी तहजीब का समर्थन: उन्होंने कहा कि अंजुमन कमेटी और उससे जुड़े हुए खादिम गंगा-जमुनी तहजीब का समर्थन करती है. चिश्ती ने यह भी कहा कि अंजुमन कमेटी से जुड़े खादिम दरगाह आने वाले हर धर्म और समाज के व्यक्ति की इज्जत करते हैं. यह हमारी पुरखों से मिली परंपरा है, लेकिन जिन मुद्दों से मुसलमान परेशान हों. मुसलमानों के हक में आवाज बुलंद करना और उनकी हिमायत करना यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.

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