बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार ने हाल में नई नक्सल नीति बनाई है. जिसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को फायदा मिल रहा है. बलरामपुर जिले में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों को पीएम आवास योजना का फायदा मिला है. छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किसी जिले में सरेंडर नक्सली और नक्सली हिंसा के पीड़ितों को फायदा मिला हो.
बलरामपुर में सरेंडर नक्सलियों को मिला फायदा: विशेष परियोजना के तहत नक्सली घटनाओं से प्रभावित या आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है. बलरामपुर में ऐसे कुल 23 लोगों को पीएम आवास योजना के तहत फायदा मिला है. इससे हितग्राही भी खुश हैं. जो नक्सल हिंसा से प्रभावित थे या लाल आतंक का साथ छोड़ समाज की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं.
77 लोगों की सूची प्राप्त हुई थी, जिनमें से 30 पात्र पाए गए और 23 को आवास के लिए मंजूरी दे दी गई है. तकनीकी कमियों को दूर करने के बाद, शेष 7 को भी आवास के लिए मंजूरी दे दी जाएगी- नयनतारा सिंह तोमर , मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बलरामपुर
मैं 1999 में एक नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. उसके बाद मेरी पत्नी ने मुझे नक्सली संगठन छोड़ने के लिए मजबूर किया. इसके बाद हम 15 साल असम में रहे और फिर मैंने सरेंडर कर दिया. मैंने अपराधों के लिए 14 महीने जेल में भी बिताए. अब मेरा परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत मिले घर में खुशी से रह रहा है. मैं सरकार को धन्यवाद देता हूं- सीताराम सोनवानी, सरेंडर करने वाला नक्सली
छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर मिल रही सफलता: छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सल मोर्चे पर सफलता मिल रही है. शुक्रवार 4 अप्रैल को 20 लाख के चार इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया. इससे पहले 30 मार्च को बीजापुर में एक साथ 50 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. इस तरह छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों को धक्का पहुंच रहा है. लाल आतंक को झटका लग रहा है. अब सरकारी योजनाओं में सरेंडर नक्सलियों को फायदा मिलने से नक्सलवाद के खात्मे में मदद मिल सकेगी.