पटना/दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में बार-बार पुल गिरने की घटनाओं पर दायर जनहित याचिका को पटना हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया है. याचिका में राज्य में पुलों की संरचनात्मक जांच और एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई थी.
बिहार में पुलों के गिरने का मामला : सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने बिहार सरकार के जवाबी हलफनामे पर विचार कर यह निर्णय सुनाया. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कुमार ने टिप्पणी की कि तीन निर्माणाधीन पुल गिर गए और अधिकारियों को निलंबित कर पुनः बहाल कर दिया गया. सभी मिले हुए हैं.
बिहार सरकार का कोर्ट में जवाब : बिहार सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि 10,000 से अधिक पुलों का निरीक्षण किया गया है. संबंधित अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई चल रही है. सीजेआई ने कहा कि पटना हाईकोर्ट मासिक आधार पर मामले की निगरानी करेगा.
पटना हाईकोर्ट करेगा 14 मई से सुनवाई : याचिका जुलाई 2024 में दायर की गई थी, जब बिहार में नौ पुलों के गिरने की घटनाएं सामने आईं. इसमें पुलों की रियल-टाइम निगरानी और विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को 14 मई, 2025 से सुनवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
बिहार में गिरे कई पुल और पुलिया : बता दें कि बारिश से पहले ही बिहार में पुल और पुलों के गिरने का क्रम शुरू हो गया था. सबसे ज्यादा 3 निर्माणाधीन पुल ध्वस्त होने से मामला कोर्ट पहुंचा जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने केस को पटना हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया. पटना हाईकोर्ट इस मामले का मासिक आधार पर निगरानी करेगा.
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