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हिमाचल में कितने स्कूलों का घटेगा दर्जा! इस आधार पर होगा फैसला - HIMACHAL SCHOOL STATUS WILL REDUCE

हिमाचल प्रदेश में अब प्राइमरी के बाद उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा भी घटाया जाएगा.

CM Sukhvinder Singh Sukhu
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 12:18 PM IST

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शिमला: हिमाचल में आने वाले समय में कितने उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटेगा इसका फैसला आगामी दाखिले की रिपोर्ट के आधार पर होगा. प्रदेश में दसवीं व 11वीं की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अब अगली कक्षा के लिए दाखिले भी हो चुके हैं. ऐसे में कैबिनेट में चर्चा के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूल शिक्षा निदेशालय से दाखिले का ताजा रिकॉर्ड मंगवाया है. इसमें स्कूलों में दाखिला होने के बाद छात्रों की वर्तमान स्ट्रैंथ को लेकर रिकॉर्ड मांगा गया है, ताकि विद्यार्थियों की संख्या को लेकर ताजा रिपोर्ट सामने आ सके. जिसके आधार पर अब स्कूलों का दर्जा घटाने को लेकर फैसला लिया जाएगा.

इन स्कूलों का घटाया जाएगा दर्जा

इससे पहले जनवरी महीने में जो शिक्षा विभाग ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी, उसमें 20 विद्यार्थियों की संख्या वाले 49 उच्च और 25 विद्यार्थियों की संख्या वाले 29 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल थे. अब इन स्कूलों का दर्जा घटता जाएगा या फिर इनका युक्तीकरण होगा, इसका फैसला छात्रों की संख्या का नया आंकड़ा सामने आने पर लिया जाएगा. वहीं, पिछले साल सरकार ने 1094 के करीब प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों को मर्ज व बंद किया था.

सरकार ने लिया है ये फैसला

हिमाचल प्रदेश सरकार अब प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों के बाद अब उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं का दर्जा घटाएगी. 20 से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले उच्च व 25 से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटाए जाने की तैयारी है. जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर उच्च को माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को उच्च विद्यालय बनाया जा सकता है. प्रदेश सरकार इस दिशा में काम कर रही है. वहीं पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई.

सीएम और शिक्षा मंत्री लेंगे फैसला

कैबिनेट ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को इसके लिए अधिकृत कर दिया है. स्कूल मर्ज करने का फैसला अब ये दोनों लेंगे. राज्य सरकार के पास विधायकों की तरफ से ये शिकायतें आई हैं कि केवल एक या दो बच्चे कम होने की वजह से स्कूल को मर्ज कर दिया गया है. दूसरा स्कूल काफी दूर है, जहां आने-जाने में बच्चों को काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. अब सरकार इसको लेकर अंतिम फैसला लेगी. अगर किसी स्कूल में 11वीं व 12वीं में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है व छठी से 10वीं तक संख्या कम है तो इस स्कूल को मर्ज करना है या इसका दर्जा घटाना है इस पर सरकार फैसला लेगी, लेकिन ये अंतिम फैसला अब नए दाखिले के ताजा रिकॉर्ड के अनुसार ही लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार ने केंद्र की इस योजना को लगाए पंख, घर बैठे 100 दिन में कमा सकते हैं ₹32 हजार

शिमला: हिमाचल में आने वाले समय में कितने उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटेगा इसका फैसला आगामी दाखिले की रिपोर्ट के आधार पर होगा. प्रदेश में दसवीं व 11वीं की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अब अगली कक्षा के लिए दाखिले भी हो चुके हैं. ऐसे में कैबिनेट में चर्चा के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूल शिक्षा निदेशालय से दाखिले का ताजा रिकॉर्ड मंगवाया है. इसमें स्कूलों में दाखिला होने के बाद छात्रों की वर्तमान स्ट्रैंथ को लेकर रिकॉर्ड मांगा गया है, ताकि विद्यार्थियों की संख्या को लेकर ताजा रिपोर्ट सामने आ सके. जिसके आधार पर अब स्कूलों का दर्जा घटाने को लेकर फैसला लिया जाएगा.

इन स्कूलों का घटाया जाएगा दर्जा

इससे पहले जनवरी महीने में जो शिक्षा विभाग ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी, उसमें 20 विद्यार्थियों की संख्या वाले 49 उच्च और 25 विद्यार्थियों की संख्या वाले 29 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल थे. अब इन स्कूलों का दर्जा घटता जाएगा या फिर इनका युक्तीकरण होगा, इसका फैसला छात्रों की संख्या का नया आंकड़ा सामने आने पर लिया जाएगा. वहीं, पिछले साल सरकार ने 1094 के करीब प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों को मर्ज व बंद किया था.

सरकार ने लिया है ये फैसला

हिमाचल प्रदेश सरकार अब प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों के बाद अब उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं का दर्जा घटाएगी. 20 से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले उच्च व 25 से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटाए जाने की तैयारी है. जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर उच्च को माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को उच्च विद्यालय बनाया जा सकता है. प्रदेश सरकार इस दिशा में काम कर रही है. वहीं पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई.

सीएम और शिक्षा मंत्री लेंगे फैसला

कैबिनेट ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को इसके लिए अधिकृत कर दिया है. स्कूल मर्ज करने का फैसला अब ये दोनों लेंगे. राज्य सरकार के पास विधायकों की तरफ से ये शिकायतें आई हैं कि केवल एक या दो बच्चे कम होने की वजह से स्कूल को मर्ज कर दिया गया है. दूसरा स्कूल काफी दूर है, जहां आने-जाने में बच्चों को काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. अब सरकार इसको लेकर अंतिम फैसला लेगी. अगर किसी स्कूल में 11वीं व 12वीं में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है व छठी से 10वीं तक संख्या कम है तो इस स्कूल को मर्ज करना है या इसका दर्जा घटाना है इस पर सरकार फैसला लेगी, लेकिन ये अंतिम फैसला अब नए दाखिले के ताजा रिकॉर्ड के अनुसार ही लिया जाएगा.

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