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हिमाचल में नदी किनारे सेंसिटिव स्थानों को चिंहित करेगी सरकार, जयराम ठाकुर ने हादसों पर जताई चिंता - DEPUTY CM ON RIVER SENSITIVE PLACES

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नदी-नालों में लोगों के डूबने का मामला उठाया. डिप्टी सीएम ने कहा सरकार नदी किनारे सेंसिटिव स्थानों को चिंहित करेगी.

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री (Himachal Assembly)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 22, 2025 at 1:03 PM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश में डैम, नदी और नालों के किनारे खतरनाक स्थानों को चिन्हित किया जाएगा. खासकर ब्यास नदी के किनारे सेंसिटिव स्थानों पर हादसों को रोकने के लिए होर्डिंग्स लगाए जाएंगे. ताकि पर्यटकों सहित स्थानीय लोग खतरनाक स्थानों को लेकर सतर्क हो सके. ये जानकारी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सवाल के जवाब में दी.

उन्होंने कहा कि ऐसे सेंसिटिव क्षेत्रों को चिन्हित कर हादसे रोकने के लिए तत्काल एहतियातन कदम उठाए जाएंगे. ऐसे स्थानों पर लोगों को खतरे के बारे में जानकारी दी जाएगी. इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के माध्यम से मंडी जिला के थलौट में दो युवकों की मौत का मामला उठाया.

जयराम ठाकुर ने कहा कि दो छात्र घनश्याम सिंह व धर्मेंद्र कुमार के गुम होने की सूचना आई थी. इस मामले पर डीसी कुल्लू के साथ बातचीत भी की गई, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों बच्चों के शव मिले हैं. उन्होंने मृतक छात्रों के परिवारजनों के प्रति संवेदना जताई. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी से मनाली तक ब्यास नदी के किनारे ऐसे सभी खतरनाक स्थानों को चिन्हित करने की सरकार से मांग की, जहां पानी में डूबने और बह जाने जैसी घटनाएं घटित हो सकती है.

जयराम ठाकुर ने कहा, "मंडी से मनाली के बीच इस तरह के सभी खतरनाक स्थानों को चिन्हित कर वहां चेतावनी बोर्ड लगाए जाए. यदि जरूरी हो तो ऐसे स्थानों के लिए रास्ता भी बंद किए जाए, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं न हों. ब्यास नदी में ऐसी बहुत ज्यादा घटनाएं होती हैं. पर्यटकों के साथ भी ऐसे हादसे कई बार हो चुके हैं. गर्मियों का मौसम आ रहा है. इस दौरान टूरिस्ट भी यहां पर आते हैं. ब्यास के किनारे कई स्थान ऐसे हैं, जहां पर साफ सुथरा पानी है और पानी में नहाने के लिए लोग उतर जाते हैं".

वहीं, विधायक सुदर्शन बबलू ने भी अपने चुनाव क्षेत्र में हुए इस तरह के हादसे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनके इलाके में भी दो बच्चे एक नदी के किनारे नहाने गए थे. उनके साथ भी हादसा हो गया. उन्होंने कहा कि गर्मियों का मौसम का आ रहा है. लिहाजा इस तरह के हादसे होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ गई हैं. इस पर सरकार को कदम उठाना चाहिए.

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसी मुद्दे पर कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे नदी नाले हैं, जिनमें इस तरह की घटनाएं गर्मियों के दिनों में होती हैं. सरकार को इस पर कड़े कदम उठाने चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए.

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, अध्यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष ने उनके क्षेत्र में दो बच्चों के डूबने की जानकारी इस सदन में दी. ऐसी ही एक घटना चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में भी हुई है, जहां पर दो बच्चे डूबे हैं. यह दोनों बड़ी दुःखद घटनाएं हुई हैं कि 4 छोटे बच्चे पानी में डूबने से अपनी जान गंवा बैठे.

डिप्टी सीएम ने कहा इसमें नेता प्रतिपक्ष ने जो बात कही गई है कि इन क्षेत्रों को चिन्हित करके और कहां पर क्या कदम उठाने है या होर्डिंग्स लगाने है या कुछ क्षेत्रों को प्लगज करना है, इस सब के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, प्रदेश सरकार द्वारा तत्काल कदम उठाए जाएंगे. ताकि जैसे-जैसे पर्यटक आते है, उनको मालूम रहे कि यह इलाके सेंसिटिव हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में चुनाव हारे नेता नहीं करेंगे सरकारी समारोहों का उद्घाटन? कैबिनेट में जाएगा मामला

शिमला: हिमाचल प्रदेश में डैम, नदी और नालों के किनारे खतरनाक स्थानों को चिन्हित किया जाएगा. खासकर ब्यास नदी के किनारे सेंसिटिव स्थानों पर हादसों को रोकने के लिए होर्डिंग्स लगाए जाएंगे. ताकि पर्यटकों सहित स्थानीय लोग खतरनाक स्थानों को लेकर सतर्क हो सके. ये जानकारी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सवाल के जवाब में दी.

उन्होंने कहा कि ऐसे सेंसिटिव क्षेत्रों को चिन्हित कर हादसे रोकने के लिए तत्काल एहतियातन कदम उठाए जाएंगे. ऐसे स्थानों पर लोगों को खतरे के बारे में जानकारी दी जाएगी. इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के माध्यम से मंडी जिला के थलौट में दो युवकों की मौत का मामला उठाया.

जयराम ठाकुर ने कहा कि दो छात्र घनश्याम सिंह व धर्मेंद्र कुमार के गुम होने की सूचना आई थी. इस मामले पर डीसी कुल्लू के साथ बातचीत भी की गई, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों बच्चों के शव मिले हैं. उन्होंने मृतक छात्रों के परिवारजनों के प्रति संवेदना जताई. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी से मनाली तक ब्यास नदी के किनारे ऐसे सभी खतरनाक स्थानों को चिन्हित करने की सरकार से मांग की, जहां पानी में डूबने और बह जाने जैसी घटनाएं घटित हो सकती है.

जयराम ठाकुर ने कहा, "मंडी से मनाली के बीच इस तरह के सभी खतरनाक स्थानों को चिन्हित कर वहां चेतावनी बोर्ड लगाए जाए. यदि जरूरी हो तो ऐसे स्थानों के लिए रास्ता भी बंद किए जाए, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं न हों. ब्यास नदी में ऐसी बहुत ज्यादा घटनाएं होती हैं. पर्यटकों के साथ भी ऐसे हादसे कई बार हो चुके हैं. गर्मियों का मौसम आ रहा है. इस दौरान टूरिस्ट भी यहां पर आते हैं. ब्यास के किनारे कई स्थान ऐसे हैं, जहां पर साफ सुथरा पानी है और पानी में नहाने के लिए लोग उतर जाते हैं".

वहीं, विधायक सुदर्शन बबलू ने भी अपने चुनाव क्षेत्र में हुए इस तरह के हादसे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनके इलाके में भी दो बच्चे एक नदी के किनारे नहाने गए थे. उनके साथ भी हादसा हो गया. उन्होंने कहा कि गर्मियों का मौसम का आ रहा है. लिहाजा इस तरह के हादसे होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ गई हैं. इस पर सरकार को कदम उठाना चाहिए.

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसी मुद्दे पर कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे नदी नाले हैं, जिनमें इस तरह की घटनाएं गर्मियों के दिनों में होती हैं. सरकार को इस पर कड़े कदम उठाने चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए.

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, अध्यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष ने उनके क्षेत्र में दो बच्चों के डूबने की जानकारी इस सदन में दी. ऐसी ही एक घटना चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में भी हुई है, जहां पर दो बच्चे डूबे हैं. यह दोनों बड़ी दुःखद घटनाएं हुई हैं कि 4 छोटे बच्चे पानी में डूबने से अपनी जान गंवा बैठे.

डिप्टी सीएम ने कहा इसमें नेता प्रतिपक्ष ने जो बात कही गई है कि इन क्षेत्रों को चिन्हित करके और कहां पर क्या कदम उठाने है या होर्डिंग्स लगाने है या कुछ क्षेत्रों को प्लगज करना है, इस सब के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, प्रदेश सरकार द्वारा तत्काल कदम उठाए जाएंगे. ताकि जैसे-जैसे पर्यटक आते है, उनको मालूम रहे कि यह इलाके सेंसिटिव हैं.

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