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डॉक्टर या भगवान! पिता ने कहा नहीं है पैसे, फिर भी जारी रखा इलाज, फरीदाबाद के डॉक्टरों ने किया बच्ची का सफल स्कैल्प ट्रांसप्लांट

फरीदाबाद में डॉक्टरों की टीम ने एक बच्ची का सफल स्कैल्प ट्रांसप्लांट किया है. दो साल पहले बच्ची की खोपड़ी उखड़ गई थी.

Faridabad 13 year old girl scalp transplant successfully
डॉक्टरों ने किया बच्ची का सफल स्कैल्प ट्रांसप्लांट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : December 16, 2024 at 7:37 AM IST

4 Min Read
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फरीदाबाद: फरीदाबाद में एक 13 साल की बच्ची को डॉक्टरों ने नया जीवनदान दिया है. डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का सफल स्कैल्प ट्रांसप्लांट किया है. पिछले दो साल से बच्ची का इलाज चल रहा था. पिता के पास अधिक पैसे नहीं थे. फिर भी डॉक्टरों ने इलाज जारी रखा. फिलहाल बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है.

डॉक्टर बने भगवान: दरअसल फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 13 साल की नाबालिक बच्ची का जटिल स्कैल्प रिप्लांटेशन यानी कि खोपड़ी प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया. दो साल पहले बच्ची के बाल जेनरेटर में फंस गया था. बच्ची का पूरा खोपड़ी बाल सहित बाहर आ गया. इसके बाद बच्ची का अलीगढ़ के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. वहां से बच्ची को फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल लाया गया. डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का इलाज शुरू किया. बच्ची का सफल स्कैल्प ट्रांसप्लांट किया गया. फिलहाल बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है.

दो साल पहले हुआ था हादसा: ईटीवी भारत ने अमृता हॉस्पिटल के सेंटर फॉर प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव के प्रमुख डॉ मोहित शर्मा से इस सफल ऑपरेशन को लेकर बातचीत की. डॉ. मोहित ने बताया कि 2 साल पहले एक नाबालिक लड़की अपने पिताजी के फोन से वीडियो बना रही थी. पास में ही एक जनरेटर चल रहा था, जिसमें उस नाबालिक लड़की का बाल फंस गया और बाल खोपड़ी समेत बाहर आ गया. इसके बाद उस नाबालिक लड़की को अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अस्पताल वालों ने उसे किसी बड़े अस्पताल में जाने की सलाह दी. इसके बाद उसके पिताजी फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल में लेकर आए.

फरीदाबाद में डॉक्टर बने भगवान (ETV Bharat)

बिना समय गंवाए डॉक्टरों ने शुरू किया ट्रीटमेंट: आगे डॉ. मोहित ने बताया कि बच्ची के फरीदाबाद तक पहुंचने में लगभग 7-8 घंटे का समय बीत चुका था. जैसे ही बच्ची हमारे पास आई हमने बिना समय गंवाए बच्ची को एडमिट कर लिया और उसका ऑपरेशन शुरू कर दिया. काफी देर तक बच्ची का जटिल ऑपरेशन चला, क्योंकि स्कैल्प का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है. माइक्रो सर्जरी के द्वारा पूरा प्रोसेस किया जाता है. बाल से भी पतले नसों को माइक्रोस्कोप के जरिए बॉडी के सिद्धांत में रखकर उसे जोड़ा जाता है. इस प्रक्रिया में काफी समय लगता है. इंडिया में बहुत कम जगह इस तरह का ऑपरेशन किया जाता है.

दो साल चल चला इलाज: डॉ. मोहित ने आगे बताया कि जब ऑपरेशन खत्म हुआ और हम बाहर आए तो बच्ची के पिताजी ने मना कर दिया कि हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं, लेकिन हमने पैसे की परवाह किए बगैर अपना ट्रीटमेंट जारी रखा. बच्ची का इलाज लगभग 2 साल तक चला. अब बच्ची बिल्कुल नॉर्मल हो गई है. बच्ची के सिर पर नए बाल भी आ गए हैं. अगर समय पर ऑपरेशन नहीं होता तो बस सिर की हड्डियां रह जाती और बच्ची का जीवन बर्बाद हो जाता. उसके सिर पर कभी बाल नहीं आते. जिंदगी भर बच्ची को नकली बाल लगाना पड़ता लेकिन हमारी टीम ने लगातार ट्रीटमेंट जारी रखा और लगभग 2 साल बाद अब बच्ची बिल्कुल नॉर्मल हो चुकी है बच्ची अब स्कूल भी जा रही है.

काफी जटिल होता है ये ऑपरेशन: वहीं प्लास्टिक सर्जरी की कंसलटेंट डॉक्टर शिखा ने बताया कि इस तरह का ऑपरेशन बहुत ही जटिल होता है, क्योंकि इस तरह के ऑपरेशन में माइक्रोस्कोप के जरिए हमें देखना पड़ता है कि नसें कहां है? क्योंकि नसे हमारे बालों से भी ज्यादा पतली होती है. माइक्रोस्कोप के जरिए ही हम उसे देखकर नसें जोड़ते हैं, जिसमें बहुत ज्यादा समय लगता है. ऐसे में अगर समय पर ट्रीटमेंट ना मिले तो मरीज की जिंदगी बर्बाद हो जाती है.

बता दें कि इस जटिल ऑपरेशन के बाद डॉ मोहित शर्मा और उनकी पूरी टीम की हर तरफ तारीफ हो रही है. वहीं, ऑपरेशन के बाद अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है. वो नॉर्मल लाइफ जी रही है.

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