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शहीद कुलदीप चंद के पिता ने मोदी सरकार को लेकर कही बड़ी बात, जानिए क्या कहा - SUBEDAR KULDEEP CHAND MARTYRED

अखनूर सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेते हुए सूबेदार कुलदीप चंद शहीद हो गए. बेटे की शहादत पर परिवार को गर्व है.

शहीद कुलदीप चंद (बाएं) और पिता रत्न चंद (दाएं)
शहीद कुलदीप चंद (बाएं) और पिता रत्न चंद (दाएं) (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 13, 2025 at 9:29 AM IST

4 Min Read

हमीरपुर: हिमाचल का एक और बेटा देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया. हमीरपुर जिले में नादौन के रहने वाले सूबेदार कुलदीप चंद अखनूर में आतंकी मुठभेड़ में शहीह हो गए. जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी. इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के सूबेदार कुलदीप चंद शहीद हो गए. इस दौरान कुलदीप चंद की टीम ने तीन आतंकियों को भी मुठभेड़ में ढेर कर दिया, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई.

वहीं शहीद के पिता रत्न चंद ने कहा, 'बेटे की शहादत पर नाज है. मेरे बेटे के परिवार का सरकार ध्यान रखें. कांग्रेस के समय में इस तरह का कोई भी काम नहीं होता था. मोदी सरकार को भी आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए और इसका खात्मा करना चाहिए. सरकार को जवानों के बारे में सोचना चाहिए को वो किन हालतों में हैं.'

आंतकी मुठभेड़ में शहीद हुए कुलदीप चंद (ETV BHARAT)

परिवार को बेटे की शहादत पर नाज

वहीं शहीद की बेटी दीक्षा ने कहा कि 'उन्हें अपने पिता की शहादत पर गर्व है. आतंकवाद के बारे में पिता ने उनके साथ कोई बात सांझा नहीं की थी. एक दिन पहले ही पिता के साथ बात हुई थी.' वहीं स्थानीय ग्राम पंचायत उप प्रधान कपिल ने कहा कि 'कुलदीप की शहादत पर नाज है. सरकार से मांग है कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और स्थानीय प्राथमिक पाठशाला का नाम शहीद कुलदीप चंद के नाम पर रखा जाए.'

सरकार शहीद के परिवार के साथ

वहीं, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, 'उनके विधानसभा क्षेत्र नादौन में कोहलवीं गांव के कुलदीप चंद के शहीद होने का समाचार मिला है. दिवंगत आत्मा को प्रभु अपने चरणों में स्थान दें. प्रदेश की सरकार शहीद के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है'

जयराम ठाकुर ने प्रकट किया शोक

वहीं, जयराम ठाकुर ने उनके निधन पर कहा कि 'हिमाचल के वीर सपूत हमीरपुर जिला के नादौन विधान सभा क्षेत्र के कोहलवीं गांव निवासी कुलदीप कुमार जी की शहादत अत्यंत पीड़ादायक है. इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में धैर्य एवं संबल प्रदान करें. अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए कुलदीप जी ने अपने प्राणों की आहुति दी है. पूरा देश कुलदीप जी का ऋणी है. कुलदीप जी की शहादत पर समस्त प्रदेशवासियों को गर्व है. उनके अविस्मरणीय योगदान को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा.'

अगले साल होना था रिटायर

बता दें कि आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए कुलदीप चंद हमीरपुर जिला में नादौन के कोहलवीं गांव के रहने वाले थे. अखनूर सेक्टर में 11 अप्रैल की रात को बॉर्डर पर आतंकियों ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। गोलीबारी में सूबेदार कुलदीप चंद घायल हो गए उन्हें सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. कुलदीप चंद 9 पंजाब रजिमैंट में तैनात थे और उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल के पास घुसपैठ के दौरान ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान दिया है. कुलदीप चंद अगले साल फरवरी माह में सेवानिवृत होने वाले थे.

उधर घटना के बाद कुलदीप चंद के गांव में मातम पसर गया है. शहीद कुलदीप चंद के एक बेटा और बेटी हैं. बेटा आर्यन नौवीं कक्षा पढ़ रहा है, जबकि बेटी दीक्षा हमीरपुर में 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है. कुलदीप चंद के 84 वर्षीय पिता सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं. कुलदीप चंद की माता और पत्नी गृहणी है, जबकि उनका एक छोटा भाई न्यूजीलैंड में नौकरी करता है.

ये भी पढ़ें: शिमला में शनिधाम-कर्मकांड धाम की स्थापना, अंतिम संस्कार के बाद कर्मकांड के लिए नहीं जाना होगा हरिद्वार

हमीरपुर: हिमाचल का एक और बेटा देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया. हमीरपुर जिले में नादौन के रहने वाले सूबेदार कुलदीप चंद अखनूर में आतंकी मुठभेड़ में शहीह हो गए. जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी. इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के सूबेदार कुलदीप चंद शहीद हो गए. इस दौरान कुलदीप चंद की टीम ने तीन आतंकियों को भी मुठभेड़ में ढेर कर दिया, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई.

वहीं शहीद के पिता रत्न चंद ने कहा, 'बेटे की शहादत पर नाज है. मेरे बेटे के परिवार का सरकार ध्यान रखें. कांग्रेस के समय में इस तरह का कोई भी काम नहीं होता था. मोदी सरकार को भी आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए और इसका खात्मा करना चाहिए. सरकार को जवानों के बारे में सोचना चाहिए को वो किन हालतों में हैं.'

आंतकी मुठभेड़ में शहीद हुए कुलदीप चंद (ETV BHARAT)

परिवार को बेटे की शहादत पर नाज

वहीं शहीद की बेटी दीक्षा ने कहा कि 'उन्हें अपने पिता की शहादत पर गर्व है. आतंकवाद के बारे में पिता ने उनके साथ कोई बात सांझा नहीं की थी. एक दिन पहले ही पिता के साथ बात हुई थी.' वहीं स्थानीय ग्राम पंचायत उप प्रधान कपिल ने कहा कि 'कुलदीप की शहादत पर नाज है. सरकार से मांग है कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और स्थानीय प्राथमिक पाठशाला का नाम शहीद कुलदीप चंद के नाम पर रखा जाए.'

सरकार शहीद के परिवार के साथ

वहीं, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, 'उनके विधानसभा क्षेत्र नादौन में कोहलवीं गांव के कुलदीप चंद के शहीद होने का समाचार मिला है. दिवंगत आत्मा को प्रभु अपने चरणों में स्थान दें. प्रदेश की सरकार शहीद के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है'

जयराम ठाकुर ने प्रकट किया शोक

वहीं, जयराम ठाकुर ने उनके निधन पर कहा कि 'हिमाचल के वीर सपूत हमीरपुर जिला के नादौन विधान सभा क्षेत्र के कोहलवीं गांव निवासी कुलदीप कुमार जी की शहादत अत्यंत पीड़ादायक है. इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में धैर्य एवं संबल प्रदान करें. अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए कुलदीप जी ने अपने प्राणों की आहुति दी है. पूरा देश कुलदीप जी का ऋणी है. कुलदीप जी की शहादत पर समस्त प्रदेशवासियों को गर्व है. उनके अविस्मरणीय योगदान को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा.'

अगले साल होना था रिटायर

बता दें कि आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए कुलदीप चंद हमीरपुर जिला में नादौन के कोहलवीं गांव के रहने वाले थे. अखनूर सेक्टर में 11 अप्रैल की रात को बॉर्डर पर आतंकियों ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। गोलीबारी में सूबेदार कुलदीप चंद घायल हो गए उन्हें सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. कुलदीप चंद 9 पंजाब रजिमैंट में तैनात थे और उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल के पास घुसपैठ के दौरान ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान दिया है. कुलदीप चंद अगले साल फरवरी माह में सेवानिवृत होने वाले थे.

उधर घटना के बाद कुलदीप चंद के गांव में मातम पसर गया है. शहीद कुलदीप चंद के एक बेटा और बेटी हैं. बेटा आर्यन नौवीं कक्षा पढ़ रहा है, जबकि बेटी दीक्षा हमीरपुर में 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है. कुलदीप चंद के 84 वर्षीय पिता सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं. कुलदीप चंद की माता और पत्नी गृहणी है, जबकि उनका एक छोटा भाई न्यूजीलैंड में नौकरी करता है.

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